tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post1231354574360701388..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: मानवीय मूल्यों के संस्थापक- प्रेमचंदराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-14503856964566183852011-08-01T18:04:45.924+05:302011-08-01T18:04:45.924+05:30मुंशी प्रेमचंद जी की १३१वीं जयंती पर.. आपका विस्तृ...मुंशी प्रेमचंद जी की १३१वीं जयंती पर.. आपका विस्तृत-जानकारीपरक , सुन्दर एवं समग्र लेख पढ़कर मन प्रसन्न हो गया |<br />प्रेमचंद का साहित्य कल की तरह आज भी प्रासंगिक है और भविष्य में भी रहेगा |सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-89147918684980284262011-08-01T07:20:39.530+05:302011-08-01T07:20:39.530+05:30उपरन्यास सम्राट धनपतराय प्रें चन्द जी को नमन!
मैंन...उपरन्यास सम्राट धनपतराय प्रें चन्द जी को नमन!<br />मैंने भी "मयंक" पर एक पोस्ट लगाई है!<br />http://powerofhydro.blogspot.com/2011/07/blog-post.htmlडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-26555141415498802042011-08-01T06:19:07.958+05:302011-08-01T06:19:07.958+05:30आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है कालजई साहित्य कार की...आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है कालजई साहित्य कार की |बधाई <br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-74093578812647383712011-08-01T06:07:43.433+05:302011-08-01T06:07:43.433+05:30आज रांची प्रवास के मध्य में हूँ |
एक मित्र के घर ...आज रांची प्रवास के मध्य में हूँ |<br />एक मित्र के घर से आपका आभार कर रहा हूँ ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-222820359353688922011-07-31T22:24:18.215+05:302011-07-31T22:24:18.215+05:30मुंशी प्रेमचंद जी के जीवन की जानकारी प्रस्तुत करन...मुंशी प्रेमचंद जी के जीवन की जानकारी प्रस्तुत करने के लिए आभार् !ASHOK BAJAJhttps://www.blogger.com/profile/07094278820522966788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-5806856014552376922011-07-31T19:25:14.902+05:302011-07-31T19:25:14.902+05:30आज याद आए हैं प्रेमचंद, आपको भी, मुझे भी।आज याद आए हैं प्रेमचंद, आपको भी, मुझे भी।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-88213751234402398542011-07-31T15:56:12.729+05:302011-07-31T15:56:12.729+05:30बहुत ही सुन्दर मुन्सी प्रेम चन्द्र जी का हर एक
निर...बहुत ही सुन्दर मुन्सी प्रेम चन्द्र जी का हर एक<br />निराला हैvidhyahttps://www.blogger.com/profile/04419215415611575274noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-58656902655799722592011-07-31T15:48:42.929+05:302011-07-31T15:48:42.929+05:30munshi prem chandr ji jaise prabhaavpur sahitykaar...munshi prem chandr ji jaise prabhaavpur sahitykaar ke baare jitna jana jaye kam hi hoga... jaankari dene ke liye... apka abhar...सागरhttps://www.blogger.com/profile/04586480950461229346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-78556864955508995092011-07-31T14:46:43.767+05:302011-07-31T14:46:43.767+05:30Mahan sahityakar premchand ke vishay mein aaj jint...Mahan sahityakar premchand ke vishay mein aaj jintna kuch likha jaay utna kam hi kam hai..<br />samyik vishleshan ke liye aapka bahut bahut aabhar!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-37921675239209544862011-07-31T14:39:53.456+05:302011-07-31T14:39:53.456+05:30प्रेमचंद जी के जीवन का बहुत ही जानकारी परक विश्लेष...प्रेमचंद जी के जीवन का बहुत ही जानकारी परक विश्लेषण प्रस्तुत किया………आभार्।<br />प्रेमचंद जी को मेरा शत शत नमन .vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-59949384755118119122011-07-31T13:55:48.756+05:302011-07-31T13:55:48.756+05:30आपका विस्तृत विश्लेषण शिक्षाप्रद है । 08 -09 अक्तू...आपका विस्तृत विश्लेषण शिक्षाप्रद है । 08 -09 अक्तूबर को 'प्रगतिशील लेखक संघ'के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य मे कार्य-क्रम होंगे । तिथि संभवतः प्रेमचंद जी के अवसान दिवस -08 अक्तूबर को ख्याल रख कर निश्चित हुयी हैं ।vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-15667018861168789982011-07-31T12:45:44.763+05:302011-07-31T12:45:44.763+05:30मुंशी प्रेम चंद ने साहित्यकार के विषय में जो कहा व...मुंशी प्रेम चंद ने साहित्यकार के विषय में जो कहा वो अनुकरणीय है --<br /><br />साहित्यकार का लक्ष्य केवल महफ़िल सजाना और मनोरंजन का सामान जुटाना नहीं है – उसका दरज़ा इतना न गिराइए। वह देशभक्ति और राजनीति के पीछे चलने वाली सच्चाई भी नहीं है, बल्कि उसके आगे मशाल दिखाती हुई चलने वाली सच्चाई है।”<br /><br />उनको नमनसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-40596784479701397432011-07-31T09:31:58.256+05:302011-07-31T09:31:58.256+05:30मुंशी प्रेमचंद जी की १३१ वीं जयंती पर आपकी पोस्ट प...मुंशी प्रेमचंद जी की १३१ वीं जयंती पर आपकी पोस्ट पढ़कर अच्छा लगा.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-87656083958688005452011-07-31T09:02:33.546+05:302011-07-31T09:02:33.546+05:30उन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से मानवीय मूल्यों ...उन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से मानवीय मूल्यों को स्थापित करने का गंभीर प्रयास किया। हिंदी साहित्य में उनके योगदान को नहीं भुलाया जा सकता। उनके दिखाए जीवन का मूल्य और उनका साहित्य आज भी प्रासंगिक हैं।<br /> बिलकुल ठीक लिखा है आपने ..पात्र बदलते रहते हैं ...इस जीवन रुपी नाटक के किन्तु कुछ सांचे कभी नहीं बदलते.....!!<br />महानात्मा प्रेमचंद जी को मेरा शत शत नमन ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-33871816314200183172011-07-31T07:58:01.544+05:302011-07-31T07:58:01.544+05:30बहुत सुन्दर -आज इस अजीम गल्पकार के बारे में कितना...बहुत सुन्दर -आज इस अजीम गल्पकार के बारे में कितना कुछ जानने को मिल गया -आभार !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-41469136864981005592011-07-31T07:47:41.682+05:302011-07-31T07:47:41.682+05:30मानवीय मूल्यों के संस्थापक प्रेमचंद के पाँच कहानिय...मानवीय मूल्यों के संस्थापक प्रेमचंद के पाँच कहानियों के संकलन 'सोजे वतन 'में देश प्रेम का भाव प्रमुख था जिसके चलते सरकार ने उसे जब्त कर लिया था। उन्होंने अपने उपन्यासों में ग्रामीण किसान,मजदूर-जनता के उद्धारों के साथ-साथ भारतीय जमींदारों-जागीरदारों एवं तमाम सामंतवादी तत्वों के विरूद्ध विषम परिस्थितियों में भी अपने कठोर संघर्ष का परिचय दिया है। प्रेमचंद की कृतियां आज के युग में भी उतनी ही प्रासांगिक हैं जितनी उनके लेखन-कार्य के दौरान थी। वे केवल काया-त्याग ही किए हैं लेकिन उनकी उपस्थिति को उनकी रचनाएं कहीं न कहीं हमारी साहित्यिक संवेदनाओं का सामीप्य पाकर एहसास करा जाती हैं। साहित्य-जगत के इस अनमोल धरोहर को मैं अपनी ओर से उनके जन्म दिन पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। इसे प्रस्तुत करने के लिए श्री मनोज कुमार जी आपका विशेष आभार। धन्यवाद सहित।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.com