tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post1940767458234525265..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: सुन रहे हैं अन्ना भाईराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-63162155991948961022013-04-13T18:38:54.080+05:302013-04-13T18:38:54.080+05:30In fact no matter if someone doesn't know afte...In fact no matter if someone doesn't know after that its up to other users that they will help, so here it takes place.<br /><br />Here is my weblog <a href="http://www.erovilla.com" rel="nofollow">http://www.erovilla.com</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-57887996557878300442011-05-31T17:55:08.554+05:302011-05-31T17:55:08.554+05:30तभी तो ये सब देख सुनकर कभी - कभी अन्ना जी पर बहुत ...तभी तो ये सब देख सुनकर कभी - कभी अन्ना जी पर बहुत तरस आता है की उन्होंने क्या सोच कर ये बीड़ा उठाया होगा यहाँ तो भ्रष्टाचार की जड़े जमीं तक पहुँच चुकी है समझ नहीं आता किस - किसको सुधरेंगे यहाँ तो उपर से नीचे तक जितना भी खा सके खा लो वाली बात पर चल रहे हैं चलो जो होगा देखी जाएगी |<br />बहुत सटीक विषय पर चर्चा लिखी आपने |Minakshi Panthttps://www.blogger.com/profile/07088702730002373736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-28459148608002714512011-05-31T16:58:16.709+05:302011-05-31T16:58:16.709+05:30अब यह लड़ाई ख़ुद लड़नी होगी।अब यह लड़ाई ख़ुद लड़नी होगी।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-16863126232428964992011-05-31T16:58:13.047+05:302011-05-31T16:58:13.047+05:30भ्रष्टाचार के संस्कार घर से पड़ते हैं। बचपन में दस-...भ्रष्टाचार के संस्कार घर से पड़ते हैं। बचपन में दस-पाँच रुपए का प्रसाद देवताओं पर चढ़ा कर उत्तीर्ण करा देने की कामना करते हैं। भगवान भरोसे सफलता मिल जाती है तो हौसला बढ़ जाता है। आदत के अनुसार बड़े काम बनवाने के लिए कहीं बड़ी रकम देनी पड़ती है तो शर्म नहीं लगती है। भ्रष्टाचार को वे लोग सेवा-शुल्क समझते हैं जिनके पास समय की कमी है। और भ्रष्टाचार में चढ़ाए गए धन से अधिक भ्रष्टाचार से वसूल कर लेने का जरिया है। भ्रष्टाचार की असल मार उन पर पड़ती है जिनके पास उसका मुंह बंद करने के लिए न धन होता और न कोई जरिया।<br />=====================<br />’व्यंग्य’ उस पर्दे को हटाता है जिसके पीछे भ्रष्टाचार आराम फरमा रहा होता है।<br />=====================<br />सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवीडॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-47721791211163001592011-05-31T16:20:42.453+05:302011-05-31T16:20:42.453+05:30बिलकुल सही बातें लिखी हैं आपने .....
आम आदमी ने अप...बिलकुल सही बातें लिखी हैं आपने .....<br />आम आदमी ने अपने दैनिक जीवन में स्वीकार कर लिया है सामान्य भ्रष्टाचार को .. जैसे थोड़ी-बहुत रिश्वत देकर अपने काम निकालना ...सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-82593546131920002442011-05-31T15:47:01.580+05:302011-05-31T15:47:01.580+05:30भ्रष्टाचार की दीमक ने अन्दर तक खोखला कर दिया है ……...भ्रष्टाचार की दीमक ने अन्दर तक खोखला कर दिया है …………कहीं सुनवाई नही है अरुण जी………कितनी ही आवाज़ें दो कोई जवाब नही आयेगा।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-86892707582229474462011-05-31T14:48:32.091+05:302011-05-31T14:48:32.091+05:30बहुत सही और सटीक बात कही है.बहुत सही और सटीक बात कही है.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-80228395404821668732011-05-31T14:07:13.912+05:302011-05-31T14:07:13.912+05:30बड़े भ्रष्टचार तो नजर में आते है पर ये तो छोटा दीम...बड़े भ्रष्टचार तो नजर में आते है पर ये तो छोटा दीमक है इस पर कोई छिडकाव काम नहीं करतागिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-51715933014067844872011-05-31T12:12:43.471+05:302011-05-31T12:12:43.471+05:30सटीक बात कही है ...सटीक बात कही है ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-70910566313392532142011-05-31T08:55:30.526+05:302011-05-31T08:55:30.526+05:30यही तो भ्रष्टाचार है। इसे अन्ना को सुनाने के बजाय ...यही तो भ्रष्टाचार है। इसे अन्ना को सुनाने के बजाय स्वयं को सुनाया जाए। क्या आन्ना को ठेका दे दिया गया है कि भ्रष्टाचार समाप्त करें? इसमें आहुति ही इसे बढ़ावा देती है। आहुति देने की हिमायत करना भी भ्रष्टाचार है। आज ही एक रिपोर्ट छपी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रष्टाचार में कमी आई है। अतः यह शुभ लक्षण है। शहर वालों के पास पैसा है और जाने-आने तथा काउंटरों पर लाइन में खड़े रहने को तकलीफ़ समझकर सुविधा शुल्क देकर भ्रष्टाचार में आहुति डालना बंद कर दिया जाए तो भ्रष्टाचार समाप्त नहीं तो कम होगा और एक दिन ऐसा आएगा कि भ्रष्टाचार दम तोड़ देगा।डॉ. दलसिंगार यादवhttps://www.blogger.com/profile/07635372333889875566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-25000175778522181942011-05-31T08:06:51.193+05:302011-05-31T08:06:51.193+05:30आप की बात सौ फीसदी सही है| धन्यवाद|आप की बात सौ फीसदी सही है| धन्यवाद|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-21235133802991795872011-05-31T06:13:46.113+05:302011-05-31T06:13:46.113+05:30ये वो कडवी सच्चाई है जिससे हर आम आदमी को दो-चार हो...ये वो कडवी सच्चाई है जिससे हर आम आदमी को दो-चार होना पडता है,SANDEEP PANWARhttps://www.blogger.com/profile/06123246062111427832noreply@blogger.com