tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post2006377211032751677..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: सजल है कितना सवेरा !राजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-65531521700905924642021-08-01T13:43:37.065+05:302021-08-01T13:43:37.065+05:30अच्छा अच्छा Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-19720090219413649512011-11-10T23:17:33.971+05:302011-11-10T23:17:33.971+05:30अनामिका जी,
हम सब तो बहुत कवियों ,लेखकों के बारे म...अनामिका जी,<br />हम सब तो बहुत कवियों ,लेखकों के बारे मे, उनकी कृतियों के संबंध में बहुत कुछ पढ चुके हैं किंतु उनके अविस्मरणीय पलों की अनुभूति के बारे में अब तक अनभिज्ञ रहे हैं । आशा करता हूँ कि भविष्य में भी आप उन सबके इन रागात्मक एवं आत्मीय पलों को प्रस्तुत करती रहेंगी । मेरे पोस्ट पर देर से ही सही आने के लिए मेरी ओर से मैं आपको तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ । सादर ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-1134113143126255502011-11-10T22:12:55.506+05:302011-11-10T22:12:55.506+05:30बहुत सुन्दर अनामिका जी ! महादेवी जी के बारे में पढ़...बहुत सुन्दर अनामिका जी ! महादेवी जी के बारे में पढ़ना सदैव ही बहुत अच्छा लगता है ! उस पर आपकी प्रस्तुति विलक्षण है ! इस श्रंखला को ऐसे ही जारी रखिये ! मानसिक उर्वरा की पूर्ति होती है महादेवी जी की चुनिन्दा रचनाओं को पढ़ कर ! शुभकामनायें !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-90932865775993781712011-11-10T21:07:54.483+05:302011-11-10T21:07:54.483+05:30बहुत बढ़िया श्रंखला है ...अनामिका जी ...आप बहुत अच...बहुत बढ़िया श्रंखला है ...अनामिका जी ...आप बहुत अच्छा काम कर रहीं हैं ....कृपया अपना प्रयास जारी रखें.....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-9931413550474643172011-11-10T19:41:46.987+05:302011-11-10T19:41:46.987+05:30अनामिका जी, आपकी यह श्रृंखला बहुत से पाठकों को भात...अनामिका जी, आपकी यह श्रृंखला बहुत से पाठकों को भाती है। इस श्रृंखला के महत्व को टिप्पणियों की संख्या से मत तौलिए आप बहुत अच्छा काम कर रही हैं, करते रहिए।<br /><br />प्रस्तुत अंक में आपने महादेवी की रचनाओं में रागात्मक संबंध पर खास प्रकाश डाला है। मानव किसी चकित शिशु-सा जब ब्रह्मांड के विराट-लीला व्यापार को देखता है तो वह बस चकित होकर रह जाता है। जब उसकी बुद्धि कोई व्याख्या प्रस्तुत नहीं कर पाती तो वह रहस्य में डूब जाता है। इस परम प्रिय के परोक्ष दर्शन कर कवयित्री उससे मिलन के लिए उत्कंठित हो जाती है। रागात्मक संबंध की यह महत्वपूर्ण विशेषता है। <br /><br />एक उम्दा प्रस्तुति।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-59118270449117081862011-11-10T17:52:35.665+05:302011-11-10T17:52:35.665+05:30सार्थक प्रस्तुति.सार्थक प्रस्तुति.Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-7776144925226419542011-11-10T17:34:58.351+05:302011-11-10T17:34:58.351+05:30ज्ञान वर्धक श्रंखला जारी रहे|
Gyan Darpan
Matrimo...ज्ञान वर्धक श्रंखला जारी रहे|<br /><br /><a href="http://www.gyandarpan.com/2009/11/about.html" rel="nofollow">Gyan Darpan</a><br /><a href="http://rajputmatrimonial.in" rel="nofollow">Matrimonial Site</a>Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-9681990634912216382011-11-10T17:08:18.929+05:302011-11-10T17:08:18.929+05:30यह श्रृंखला साहित्यिक अभिरुचि वालों के लिये अनमोल ...यह श्रृंखला साहित्यिक अभिरुचि वालों के लिये अनमोल है.बंद करने का विचार भी मन में लायें.Sapna Nigam ( mitanigoth.blogspot.com )https://www.blogger.com/profile/00012875891407319363noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-49521722121573714872011-11-10T16:30:45.143+05:302011-11-10T16:30:45.143+05:30आपकी श्रंखला के माध्यम से हमें महादेवीजी के बारे क...आपकी श्रंखला के माध्यम से हमें महादेवीजी के बारे काफी कुछ जानने और समझने का अवसर मिल रहा है .....<br />इसे यों ही जारी रखेंरेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-64330953647880521912011-11-10T15:47:19.134+05:302011-11-10T15:47:19.134+05:30अति उत्कृष्ट साहित्यिक श्रृंखला.अति उत्कृष्ट साहित्यिक श्रृंखला.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-56663382360469391332011-11-10T15:00:26.792+05:302011-11-10T15:00:26.792+05:30महादेवी की काव्य-साधना की अनूठी बारीकियों का ज्ञान...महादेवी की काव्य-साधना की अनूठी बारीकियों का ज्ञान हो रहा है इस शृंखला से ...जारी रखिए इस विषय को।मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-48394398782454055632011-11-10T14:42:50.723+05:302011-11-10T14:42:50.723+05:30सार्थक श्रृंखला ..अच्छी प्रस्तुतिसार्थक श्रृंखला ..अच्छी प्रस्तुतिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-36283731611550683362011-11-10T14:28:31.747+05:302011-11-10T14:28:31.747+05:30ज्ञानवर्धक आलेख!ज्ञानवर्धक आलेख!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-27787724242806295702011-11-10T13:42:36.295+05:302011-11-10T13:42:36.295+05:30यह पूरी श्रृंखला एक साहित्य-तीर्थ सी चल रही है!! ए...यह पूरी श्रृंखला एक साहित्य-तीर्थ सी चल रही है!! एक स्वर्गिक अनुभव!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-4292822810031573882011-11-10T13:25:13.483+05:302011-11-10T13:25:13.483+05:30आप मेरे ब्लॉग पर आयीं उसका बहुत धन्यवाद ।
आप बहुत...आप मेरे ब्लॉग पर आयीं उसका बहुत धन्यवाद । <br />आप बहुत अच्छा काम कर रही हैं कृपया इस क्रम को बनाये रखें । <br />इस तरह के ब्लॉग ब्लॉग्गिंग जगत की गुणवत्ता को बढाते हैं । <br />महादेवी वर्मा एक ऐसा नाम है जिसे सुनके ही उनकी कवितायें याद आने लगती हैं और उनकी लिखी कहानियाँ भी ।<br />बहुत अच्छी प्रस्तुति,आभार !Humanhttps://www.blogger.com/profile/04182968551926537802noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-11701306806622647942011-11-10T12:23:55.226+05:302011-11-10T12:23:55.226+05:30सुन्दर , सामयिक , सार्थक प्रस्तुति , आभार .सुन्दर , सामयिक , सार्थक प्रस्तुति , आभार .S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-81592079814813759652011-11-10T12:01:23.095+05:302011-11-10T12:01:23.095+05:30पाठकों की चिन्ता किए बगैर आप लगातार लिखते रहिए। यह...पाठकों की चिन्ता किए बगैर आप लगातार लिखते रहिए। यह एक बढ़िया काम है…चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-43352618743594770672011-11-10T11:25:10.741+05:302011-11-10T11:25:10.741+05:30बहुत बढिया श्रृंखला चल रही है …………जारी रखें।बहुत बढिया श्रृंखला चल रही है …………जारी रखें।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-4719624024003825412011-11-10T11:20:41.684+05:302011-11-10T11:20:41.684+05:30Nice .
keep it up.
आंखों में रहा दिल में उतर कर ...Nice .<br /><br />keep it up.<br /><br />आंखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा ,<br />कश्ती के मुसाफिर ने समन्दर नहीं देखा |<br />पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला ,<br />मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा |<br />http://mushayera.blogspot.com/DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-62235102476090392682011-11-10T11:06:41.444+05:302011-11-10T11:06:41.444+05:30महादेवी की पंक्तियाँ पढ़ कर ही हमारा सवेरा सजल हो ...महादेवी की पंक्तियाँ पढ़ कर ही हमारा सवेरा सजल हो गया है.गिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-53465774965470996542011-11-10T10:27:13.219+05:302011-11-10T10:27:13.219+05:30आज 10 - 11 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी ह...आज 10 - 11 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....<br /><br /><br /><a href="http://tetalaa.nukkadh.com/2011/11/blog-post_10.html" rel="nofollow"> ...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर </a><br />____________________________________संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-33659568889415341232011-11-10T08:43:08.491+05:302011-11-10T08:43:08.491+05:30Aapne Deepshikha se betareen panktiyan chunee hain...Aapne Deepshikha se betareen panktiyan chunee hain.Kaviyatri kee uchh star pe pahunchee adhyatmikta ko darshatee hain.<br />Aapkee shailee to haihee badhiya.Lagta hai,samne baith ke batiya rahee hain.kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-11035124155842411492011-11-10T08:36:46.158+05:302011-11-10T08:36:46.158+05:30कार्तिक पूर्णिमा एवं प्रकाश उत्सव की आपको हार्दिक...कार्तिक पूर्णिमा एवं प्रकाश उत्सव की आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !ASHOK BAJAJhttps://www.blogger.com/profile/07094278820522966788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-25934060088327803652011-11-10T07:42:06.283+05:302011-11-10T07:42:06.283+05:30ज्ञानवर्धक आलेख.सुंदर प्रस्तुतिकरण. महादेवी जी वास...ज्ञानवर्धक आलेख.सुंदर प्रस्तुतिकरण. महादेवी जी वास्तव में हिन्दी कविता का गौरव हैं.उन्होंने हिंदी की छायावादी काव्य धारा को एक नया रंग और नया अंदाज़ दिया था . लेखमाला के ज़रिये ब्लॉग जगत को उनके ऐतिहासिक योगदान से परिचित कराने की आपकी यह पहल स्वागत योग्य है. आभार.Swarajya karunhttps://www.blogger.com/profile/03476570544953277105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-68694033486776870202011-11-10T07:37:10.535+05:302011-11-10T07:37:10.535+05:30महादेवी वर्मा जी की कृति "दीपशिखा" पर आप...महादेवी वर्मा जी की कृति "दीपशिखा" पर आपकी प्रस्तुति एवं उदाहरणों के साथ प्रस्तुत किए गए अन्य कवियों की तुलनात्मक भावों का समावेश इसे संपूर्णता प्रदान करने में अहम भूनिका का निर्वाह किया है । इसी क्रम में इस पोस्ट को जीवंत करने की प्रक्रिया में अपनी ओर से महादेवी जी की कुछ पक्तियां जोड़ रहा हूँ-<br />"बाँध लेंगे क्या तुझे यह मोम के बंधन सजीले !<br />पंथ की बाधा बनेंगे तितलियों के पंर रँगीले !<br />विश्व की क्रंदन भुला देगी मधुप की मधुर गुनगुन ,<br />क्या डूबो देंगे तुझे .यह फूल के दल ओस गीले ! <br />तू न अपनी छाँह को अपने लिए कारा बनाना !<br />जाग तुझको दूर जाना । "<br />मेर पोस्ट पर आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी । पोस्ट अच्छा लगा । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.com