tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post2549523050789418918..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: साखी ...भाग -- 23 / संत कबीरराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-10678036692936579452012-08-28T00:47:21.978+05:302012-08-28T00:47:21.978+05:30खरगोश का संगीत राग
रागेश्री पर आधारित है
जो कि ख...खरगोश का संगीत राग <br />रागेश्री पर आधारित है <br />जो कि खमाज थाट का सांध्यकालीन <br />राग है, स्वरों में कोमल <br />निशाद और बाकी स्वर शुद्ध <br />लगते हैं, पंचम इसमें वर्जित है, पर <br />हमने इसमें अंत में पंचम का <br />प्रयोग भी किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.<br />..<br /><br />हमारी फिल्म का संगीत वेद नायेर ने दिया है.<br />.. वेद जी को अपने संगीत कि प्रेरणा <br />जंगल में चिड़ियों कि चहचाहट से मिलती है.<br /><br />..<br /><i>my website</i>: <b><a href="http://www.youtube.com/watch?v=FbfbqR0ihfA" rel="nofollow">खरगोश</a></b>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-32115046398736934552012-08-03T16:29:33.520+05:302012-08-03T16:29:33.520+05:30खुद भोगा वह कह गए, बहता है ज्यों नीर।
सोना जल कुन...<b>खुद भोगा वह कह गए, बहता है ज्यों नीर। <br />सोना जल कुन्दन भया, कुन्दन भया कबीर।</b><br /><br />सादर आभार।S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-71128585870200672872012-08-03T15:03:04.765+05:302012-08-03T15:03:04.765+05:30प्रतीक्षा रहेगी आगे साखियों की... कबीर को जितना पढ...प्रतीक्षा रहेगी आगे साखियों की... कबीर को जितना पढ़िए नया ही लगते हैं..अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-87321379389509513862012-08-03T11:26:02.331+05:302012-08-03T11:26:02.331+05:30संगीता जी ,
श्रेय तो आपको ,जो हर जगह से तत्व के सं...संगीता जी ,<br />श्रेय तो आपको ,जो हर जगह से तत्व के संगहण हेतु तत्पर हैं !<br />हम सभी लोग परस्पर सहयोग पाने और देने के उद्देश्य से ही तो यहां हैं .<br />आभार स्वीकारें .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-470475468639122502012-08-03T11:18:33.994+05:302012-08-03T11:18:33.994+05:30रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय ।
हीरा जन्म अनम...रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय । <br />हीरा जन्म अनमोल था, कौंड़ी बदले जाए ॥<br />इसी तरह हम अपना हीरा सा जीवन गंवाते जा रहे हैं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-56527722654326107062012-08-03T07:40:46.347+05:302012-08-03T07:40:46.347+05:30कबीर साहब का प्रत्येक दोहा जीवन का गहन दर्शन प्रस्...कबीर साहब का प्रत्येक दोहा जीवन का गहन दर्शन प्रस्तुत करता है .....इस श्रृंखला को प्रस्तुत करने के लिए आपका आभारकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.com