tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post292698666098589532..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: जनवादी नाटकराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-85042605317537489862013-06-15T08:47:21.248+05:302013-06-15T08:47:21.248+05:30शिवराम की चर्चा नहीं है इसमें।
देखें http://ravik...शिवराम की चर्चा नहीं है इसमें। <br />देखें http://ravikumarswarnkar.wordpress.com/चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-31926972221723860142011-10-16T10:04:50.469+05:302011-10-16T10:04:50.469+05:30'जनवादी नाट्य संघ'-IPTA की स्थापना और कृत्...'जनवादी नाट्य संघ'-IPTA की स्थापना और कृत्यों पर विवेचन उत्तम और समीचीन है। इसके संस्थापकों मे से एक राजेन्द्र रघुवंशी जी (जिनका आपने विशेष उल्लेख किया है) को हमने आगरा मे खूब सुना और उनके लिखे नाटकों का मंचन देखा है और उनके बड़े पुत्र डॉ जितेंद्र रघुवंशी जी (आगरा यूनिवर्सिटी मे के एम मुंशी विद्यापीठ मे 'विदेशी भाषा विभाग के अध्यक्ष)से व्यक्तिगत संपर्क रहा है जो अपने भाई-बहनों के साथ आज भी IPTA के कार्यों मे संलिप्त हैं।vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-76311664629739600682011-10-16T00:33:06.893+05:302011-10-16T00:33:06.893+05:30जनवादी नाटकों और उनके मंचन का इतिहास बताती एक उम्द...जनवादी नाटकों और उनके मंचन का इतिहास बताती एक उम्दा प्रस्तुति। लेख से टंकण संबंधी किंचित अशुद्धियां दूर कर दी जाए, तो लेख अति-उत्तम रहा।मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-61331615171030466292011-10-15T22:23:19.335+05:302011-10-15T22:23:19.335+05:30जनवादी नाटकों पर विस्तार से कहा है ..अच्छी जानकारी...जनवादी नाटकों पर विस्तार से कहा है ..अच्छी जानकारी देती पोस्टसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-20663762299952014462011-10-15T21:25:40.675+05:302011-10-15T21:25:40.675+05:30बढ़िया विश्लेषण ||
जनवादी नाटको के प्रस्तुतीकरण म...बढ़िया विश्लेषण ||<br /><br />जनवादी नाटको के प्रस्तुतीकरण में जरुर थोड़ी चूक हुई है ||<br />समरसता के बजाय वैमनस्यता बढ़ी ||<br /><br />आभार ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-43028892492997473422011-10-15T20:45:58.372+05:302011-10-15T20:45:58.372+05:30जानकारी भरी पोस्ट,जनवादी नाटक के विविध आयामों को स...जानकारी भरी पोस्ट,जनवादी नाटक के विविध आयामों को स्पष्ट करते हुए आपने एक निष्कर्ष तक पहुँचने की कोशिश की है.....आपका आभारकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.com