tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post3339747017086335636..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: पुस्तक परिचय-24 : विवेकानन्दराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-51706816363622258752012-04-07T15:21:06.554+05:302012-04-07T15:21:06.554+05:30अच्छी पुस्तक का सार्थक परिचय .... आभारअच्छी पुस्तक का सार्थक परिचय .... आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-24478061733390608332012-04-07T11:21:54.694+05:302012-04-07T11:21:54.694+05:30मेरे पुत्र के आदर्श हैं स्वामी विवेकानंद.. उनके चर...मेरे पुत्र के आदर्श हैं स्वामी विवेकानंद.. उनके चरित्र और कृत्तित्व पर उसने बहुत सी पुस्तकें पढ़ी हैं.. यह बात इसलिए कहना आवश्यक है यहाँ पर कि अभी उसकी उम्र सिर्फ १५ साल है और इस उम्र में यदि उसने उन्हें आदर्श बनाया है (बजाय राहुल, अखिलेश या शाहरुख, आमिर और सलमान के) तो अवश्य उस महान विभूति में कोई स्वर्गिक क्षमता होगी.. इस पुस्तक के विषय में उसे अवश्य बताउंगा!! आभार आपका!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-52670773559561836972012-04-07T10:00:08.555+05:302012-04-07T10:00:08.555+05:30@ विवेकानंद को उस धर्म संसद की महानतम विभूति बताय...@ विवेकानंद को उस धर्म संसद की महानतम विभूति बताया था । और स्वामी विवेकानंद के बारे में लिखा था, उन्हें सुनने के बाद हमें महसूस हो रहा है कि भारत जैसे एक प्रबुद्ध राष्ट्र में मिशनरियों को भेजकर हम कितनी बड़ी मूर्खता कर रहे थे ।<br /><br /><br />बहुत ही बढ़िया ।<br /><br /> <br /><br />बधाई ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-4580443606241509162012-04-07T09:11:36.840+05:302012-04-07T09:11:36.840+05:30स्वामी विवेकानंदा के कई भाषण ऐसे हैं जो बहुत गहरा ...स्वामी विवेकानंदा के कई भाषण ऐसे हैं जो बहुत गहरा असर छोड़ते हैं |उनकी आस्था अडिग थी |इस किताब को ज़रूर पढेंगे ...!!<br />आभार इस जानकारी के लिए |Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-7572546860997477062012-04-07T09:06:44.021+05:302012-04-07T09:06:44.021+05:30bahut acchi prastuti nd jankari.....thanks.bahut acchi prastuti nd jankari.....thanks.Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-79578039500864322942012-04-07T08:42:43.904+05:302012-04-07T08:42:43.904+05:30जहाँ तक मुझे याद है कि 11 सितंबर, 1893 को स्वामी व...जहाँ तक मुझे याद है कि 11 सितंबर, 1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो ‘पार्लियामेंट आफ रिलीजन’ में भाषण दिया था, उसे आज भी दुनिया भुला नहीं पाती। इस भाषण से दुनिया के तमाम पंथ आज भी सबक ले सकते हैं । इस अकेली घटना ने पश्चिम में भारत की एक ऐसी छवि बना दी, जो आजादी से पहले और इसके बाद सैकड़ों राजदूत मिलकर भी नहीं बना सके । स्वामी विवेकाननंद के इस भाषण के बाद भारत को एक अनोखी संस्कृति के देश के रूप में देखा जाने लगा । अमेरिकी प्रेस ने विवेकानंद को उस धर्म संसद की महानतम विभूति बताया था । और स्वामी विवेकानंद के बारे में लिखा था, उन्हें सुनने के बाद हमें महसूस हो रहा है कि भारत जैसे एक प्रबुद्ध राष्ट्र में मिशनरियों को भेजकर हम कितनी बड़ी मूर्खता कर रहे थे । यह ऐसे समय हुआ, जब ब्रिटिश शासकों और ईसाई मिशनरियों का एक वर्ग भारत की अवमानना और पाश्चात्य संस्कृति की श्रेष्ठता साबित करने में लगा हुआ था । स्वामी विवेकानंद के विषय में "रोमां रोलां" द्वारा लिखित पुस्तक "विवेकानंद" को पढना वास्तव में उनके बारे में कुछ अनोखी जानकारियां प्रदान कर सकता है। उनके बारे में आपकी यह प्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे नए पोस्ट "अमत लाल नागर" पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.com