tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post5440203862742327739..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: दिनकर की सौंदर्य और प्रेम भावनाराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-78058903374223824882022-10-15T04:44:58.352+05:302022-10-15T04:44:58.352+05:30वाह!!!वाह!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-71066824390637243642021-09-26T17:51:15.429+05:302021-09-26T17:51:15.429+05:30AmezingAmezingAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09465591031465728857noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-5823570346102004872011-09-25T20:03:50.572+05:302011-09-25T20:03:50.572+05:30आपके आलेख से राष्ट्र कवि को और जान पाया। ..आभार।आपके आलेख से राष्ट्र कवि को और जान पाया। ..आभार।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-24918770135360602732011-09-24T23:06:30.649+05:302011-09-24T23:06:30.649+05:30दिनकर की सौन्दर्य भावना औए मनोज जी आपका स्नेह दोनो...दिनकर की सौन्दर्य भावना औए मनोज जी आपका स्नेह दोनों ही हमें अभिभूत .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-38940062061846010562011-09-23T23:14:01.075+05:302011-09-23T23:14:01.075+05:30आज इस लेख को पढ़ कर दिनकर जी के उर्वशी काव्य की कु...आज इस लेख को पढ़ कर दिनकर जी के उर्वशी काव्य की कुछ पंक्तियाँ याद आ गयी जो उन्होंने उर्वशी की महिमा में लिखी थी की वो न तो सामान्य नारी है और न स्वर्ग की अप्सरा है. उर्वशी तो चिरंतन नारी का प्रतीक है...<br /><br />एक पुष्प में सभी पुष्प, सब किरने के किरण में <br />तुम संहित एकत्र एक नारी के सब नारी हो <br />प्रतियुग की परिचित, रसाकर्षण प्रति मन्वंतर की,<br />विश्वप्रिया, सत्य ही, महारानी सबके सपनो की.<br /><br />बहुत अच्छे तथ्य पेश किये हैं आपने. आपकी महनत को नमन.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-43455084787127690432011-09-23T21:09:55.392+05:302011-09-23T21:09:55.392+05:30एक मूर्ति में सिमट गयीं किस भांति सिद्धियां सारी?
...एक मूर्ति में सिमट गयीं किस भांति सिद्धियां सारी?<br /><br />कब था ज्ञान मुझे इतनी सुन्दर होती हैं नारी?<br /><br />वाह मज़ा आगया...आपने इस लेख के माध्यम से बहुत अच्छी जानकारी दी है आभार ...समय मिले तो आयेगा कभी मेरी पोस्ट पर ...<br />http://mhare-anubhav.blogspot.com/Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-53104284611045839342011-09-23T19:07:30.034+05:302011-09-23T19:07:30.034+05:30बहुत अच्छी जानकारी दी है |
आशाबहुत अच्छी जानकारी दी है |<br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-75796075606841284792011-09-23T18:59:33.274+05:302011-09-23T18:59:33.274+05:30मेरी भी यह चाह विलासिनी
सुंदरता को सीस झुकाऊं।
ज...मेरी भी यह चाह विलासिनी<br /><br />सुंदरता को सीस झुकाऊं।<br /><br />जिधर-जिधर मधुमयी बसी हो<br /><br />उधर वसन्तानिल बन जाऊं।<br /><br />दिनकर को पढ़ना एक अलग सा आनंद देता है 'उर्वशी 'के श्रृंगारिक प्रवाह में मन बह जाता है ,द्वंद्व उसे समेटने लगता है .अध्यात्म विमुग्ध करता है .<br /><br />सत्य ही रहता नहीं ये ध्यान ,तुम कविता ,कुसुम या कामिनी हो .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-51938511774733985402011-09-23T15:15:05.807+05:302011-09-23T15:15:05.807+05:30राष्ट्र कवि दिनकर के जन्म दिवस पर यह प्रस्तुति सचम...राष्ट्र कवि दिनकर के जन्म दिवस पर यह प्रस्तुति सचमुच प्रशंसनीय है!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-52816931273472979972011-09-23T14:34:08.408+05:302011-09-23T14:34:08.408+05:30दिनकर तो बहुत महान कवि हैं ..उनके बारे में विस्ता...दिनकर तो बहुत महान कवि हैं ..उनके बारे में विस्तार से बताने के लिए आभार आपकारेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-53189350063241761932011-09-23T13:54:37.948+05:302011-09-23T13:54:37.948+05:30आह वाह दिनकर ..मेरे पसंदीदा कवि.आभार आपका.आह वाह दिनकर ..मेरे पसंदीदा कवि.आभार आपका.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-49837515202938319712011-09-23T12:22:13.846+05:302011-09-23T12:22:13.846+05:30दिनकर तो सच मे दिनकर ही थे आज आपने उनके काव्य से प...दिनकर तो सच मे दिनकर ही थे आज आपने उनके काव्य से परिचित कराया उसके लिये आभारी हैं। कवि का लेखन तभी परिपक्व हो जाता है जब वो श्रृंगार से अध्यात्म तक अपने भावो को ले जाये और इसमे तो दिनकर जी सिद्धहस्थ थे।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-62219069589170976502011-09-23T10:25:57.312+05:302011-09-23T10:25:57.312+05:30दिनकर मेरे प्रिय कवि ... लेकिन अभी तक उनका उर्वशी ...दिनकर मेरे प्रिय कवि ... लेकिन अभी तक उनका उर्वशी काव्य नहीं पढ़ा ...आपने कुछ अंश दे कर उत्कंठा जगा दी है पढने की ... सुन्दर लेख के लिए आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-26059034605948455062011-09-23T09:39:09.048+05:302011-09-23T09:39:09.048+05:30वाह। आपने तो दिनकर के उस पक्ष पर लेख लिखा जिसपर, अ...वाह। आपने तो दिनकर के उस पक्ष पर लेख लिखा जिसपर, अक्सर ध्यान नहीं देते हम लोग। 'उर्वशी' पर यह पढ़कर अच्छा लगा। जानकारी मिली।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-30623461596572840682011-09-23T09:27:02.219+05:302011-09-23T09:27:02.219+05:30इस महान कवि की लेखन को शत शत नमन आपका आभार उनका व...इस महान कवि की लेखन को शत शत नमन आपका आभार उनका विस्तृत परिचय देने के लिए ..Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-71521496280985295672011-09-23T08:55:01.558+05:302011-09-23T08:55:01.558+05:30राष्ट्र कवि डा राम धारी सिंह दिनकर के जन्मदिन पर आ...राष्ट्र कवि डा राम धारी सिंह दिनकर के जन्मदिन पर आप सब को मुबारकवाद और विस्तृत जानकारी देने के लिए धन्यवाद।vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-54619019569769573672011-09-23T08:38:06.784+05:302011-09-23T08:38:06.784+05:30जब कभी भी रामधारी सिंह दिनकर की बात चलती है न जाने...जब कभी भी रामधारी सिंह दिनकर की बात चलती है न जाने क्यूं मेरा मन उमड़-घुमड़ कर उनकी अनेक कृतियों पर चलचित्र की तरह सामने आने लगता है एवं उन समस्त कृतियों पर एक साथ ही बरस जाना चाहता है । इतिहास को ' भारतीय संस्कृति के चार अध्याय ' नामक अपने पुस्तक में उन्होंने जो भी लिखा है वह हमारे लिए एक धरोहर है । <br />दिनकर जी राष्ट्रीय सांस्कृतिक धारा के कवि हैं । उनकी कविताए ओजस्वी हैं लेकिन "उर्वशी" में उनकी कविता की भाषा , रूप, शैली एवं अदाज बदला हुआ है । इसमें उन्होंने श्रंगारिक अनुभूति को प्रधानता दी है । कवि की मान्यता रही है कि नारी को पुरूष का स्पर्श कर या पुरूष को नारी सुख पा कर भी संतुष्टि नही होती , जब वे मिल जाते हैं, तब भी उनके भीतर किसी ऐसे तृषा का संचार करती है, जिसकी तृप्ति शरीर के धरातल पर अनुपलब्ध है। वस्तुत:उर्वशी काव्य में जीवन की स्वीकृति है । "उर्वशी" की नायिका "पुरूरवा" भी स्वीकार करती है---<br /><br />"कामनाओं के झकोरे रोकते हैं राह मेरी,<br />खींच लेती है तृषा पीछे पकड़ कर बाँह मेरी ।" <br />पोस्ट अच्छा लगा । <br />धन्यवाद ।. .प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.com