tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post5876905073732198534..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: एक बार फिर स्वर दो !राजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-23721450560780246872012-08-28T02:08:10.844+05:302012-08-28T02:08:10.844+05:30खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है जो कि
खम...खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है जो कि <br />खमाज थाट का सांध्यकालीन राग है, स्वरों में कोमल निशाद और बाकी स्वर शुद्ध <br />लगते हैं, पंचम इसमें <br />वर्जित है, पर हमने इसमें अंत में पंचम का प्रयोग भी किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.<br />..<br /><br />हमारी फिल्म का संगीत वेद नायेर <br />ने दिया है... वेद जी को अपने <br />संगीत कि प्रेरणा जंगल में चिड़ियों <br />कि चहचाहट से मिलती है.<br />..<br /><i>My web page</i> - <b><a href="http://www.youtube.com/watch?v=FbfbqR0ihfA" rel="nofollow">फिल्म</a></b>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-36689517369264208772012-06-29T12:33:57.022+05:302012-06-29T12:33:57.022+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति।बहुत सुन्दर प्रस्तुति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-50459108142456930512012-06-29T01:51:34.707+05:302012-06-29T01:51:34.707+05:30दिनकर जी की काव्य-धारा के साथ उनकी विचारधारा का सम...दिनकर जी की काव्य-धारा के साथ उनकी विचारधारा का समग्र निरूपण बड़ी कुशलता से प्रस्तुत कर रही हैं आप .<br />आभार !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-50659420964340592492012-06-28T23:54:17.478+05:302012-06-28T23:54:17.478+05:30दिनकर जी पर अच्छी प्रस्तुतिदिनकर जी पर अच्छी प्रस्तुतिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-14011692864435469012012-06-28T22:38:39.072+05:302012-06-28T22:38:39.072+05:30कुंकुम लेपूँ किसे ? सुनाऊँ किसको कोमल गान ?
तड़प र...कुंकुम लेपूँ किसे ? सुनाऊँ किसको कोमल गान ?<br />तड़प रहा आँखों के आगे भूखा हिन्दुस्तान !<br />ये काल जै रचनाएं आप ही पढ़ वा रहें हैं .शुक्रिया ज़नाब का .शिखर पर पहुँच कर भी लौ प्रज्ज्वलित है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-36962047615854701612012-06-28T15:14:29.747+05:302012-06-28T15:14:29.747+05:30सुन्दर प्रस्तुति ||सुन्दर प्रस्तुति ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com