tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post6125547257653068404..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: मधुशाला .... भाग --10 / हरिवंश राय बच्चन राजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-61583189410283392462012-12-12T12:34:47.782+05:302012-12-12T12:34:47.782+05:30यम आयेगा साकी बनकर साथ लिए काली हाला,
वाह! वाह! वा...यम आयेगा साकी बनकर साथ लिए काली हाला,<br />वाह! वाह! वाह!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-48559431587432911072012-12-11T22:28:05.377+05:302012-12-11T22:28:05.377+05:30यदि इन अधरों से दो बातें प्रेम भरी करती हाला,
यदि ...यदि इन अधरों से दो बातें प्रेम भरी करती हाला,<br />यदि इन खाली हाथों का जी पल भर बहलाता प्याला,<br />हानि बता, जग, तेरी क्या है, व्यर्थ मुझे बदनाम न कर,<br />मेरे टूटे दिल का है बस एक खिलौना मधुशाला।<br /><br />बच्चन जी की यह कृति बार- बार मन को बहला जाती है। इसे पोस्ट करने के लिए धन्यवाद।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-76670779925710261992012-12-11T11:50:57.389+05:302012-12-11T11:50:57.389+05:30जीवन मृत्यु का यह शाश्वत चित्रण और कहाँ मिलेगा .यह...जीवन मृत्यु का यह शाश्वत चित्रण और कहाँ मिलेगा .यह फलसफा देती है तेरी मधुशाला .<br /><br /><br />क्षीण, क्षुद्र, क्षणभंगुर, दुर्बल मानव मिट्टी का प्याला,<br />भरी हुई है जिसके अंदर कटु-मधु जीवन की हाला,<br />मृत्यु बनी है निर्दय साकी अपने शत-शत कर फैला,<br />काल प्रबल है पीनेवाला, संसृति है यह मधुशाला।।७३।<br /><br /><br />यम आयेगा साकी बनकर साथ लिए काली हाला,<br />पी न होश में फिर आएगा सुरा-विसुध यह मतवाला,<br />यह अंतिम बेहोशी, अंतिम साकी, अंतिम प्याला है,<br />पथिक, प्यार से पीना इसको फिर न मिलेगी मधुशाला।८०।<br />क्रमश: <br /><br />मधुशाला .... भाग --10 / हरिवंश राय बच्चनvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-19536453234865097492012-12-11T09:57:38.207+05:302012-12-11T09:57:38.207+05:30n jane dukh me, avsad me, santaap me kitna dukh ko...n jane dukh me, avsad me, santaap me kitna dukh ko harti hai ye madhushaalaa.<br />peene wala hi jane pikar ye madhushala.....<br /><br />sarthak prastuti.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-87546908160291714042012-12-10T12:35:43.287+05:302012-12-10T12:35:43.287+05:30आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार (11-12-2012)...आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार (11-12-2012) के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर भी होगी!<br />सूचनार्थ! vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com