tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post6727031431241739392..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: अपहृत लोकतंत्रराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-85279083060618190262011-06-08T18:02:16.389+05:302011-06-08T18:02:16.389+05:30इसी लिए तो सौ चोर मिलकर ...एक निहत्थे इंसान को चोर...इसी लिए तो सौ चोर मिलकर ...एक निहत्थे इंसान को चोर बना कर ..इस बाजार में बेईज्जत कर रहे है !G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-14356011221432979742011-06-08T07:33:15.883+05:302011-06-08T07:33:15.883+05:30आपका पोस्ट पढ़ने के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा ...आपका पोस्ट पढ़ने के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूं कि बाबा रामदेव जी का भ्रष्टाचार के प्रति किय़ा गया अनशन शांतिपूर्ण अनशन था। 2G Spectrum केश की सुनवाई के दौरान Telecom Secretary ने CBI Court में स्वीकार किया है कि इस केश में जो कुछ भी हुआ है उसके लिए Council of Ministers भी जिम्मेवार है। सरकार की और से इस पर कोई कार्रवाई नही की गयी। इसका क्या कारण है!<br />लोकतांत्रिक ढांचे के अंतर्गत शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार सबको है।सरकार ने किसके कहने पर या ऐसा क्यों किया यह एक प्रश्न चिह्न है। इसे देखते हुए भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने इस घटना का Suo motto Cognisance लिया है एवं केंद्रीय सरकार.दिल्ली सरकार आदि को नोटिस भी जारी किया है। मानवाधिकार आयोग भी हरकत में आ गया है। यदि कोई भ्रष्टाचार या विदेशों से काले धन की वापसी के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करता है तो इस मुद्दे पर गंभीरता से चिंतन-मनन करना चाहिए न कि उसका दमन। यह तो चिंतनीय विषय है। मेरा व्यक्तिगत अपील है कि देश के सर्वोच्च पदों पर आसीन लोग आत्म-मंथन करें एवं इस समस्या के निराकरण हेतु आपना योगदान दें और 'राष्द्रपिता गांधी' जी के सपनों के भारत को उनकी मानसिक संकल्पना के आधार पर इसका फिर से निर्माण करें ताकि 'रामराज्य' की कल्पना साकार हो सके। इस घटना चक्र को देखते हुए वास्तव में ऐसा लगता है कि भारतीय लोकतंत्र अपहृत हो गया है या अपहृत होने के कगार पर है। पोस्ट अच्छा लगा।धन्यवाद।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-62487455493316303292011-06-07T23:47:23.952+05:302011-06-07T23:47:23.952+05:30अरुण जी! हम ब्लॉग में चाहे जितना भी फ्रस्ट्रेशन नि...अरुण जी! हम ब्लॉग में चाहे जितना भी फ्रस्ट्रेशन निकाल लें.. वास्तव में मेरी नौकरी तो तो इसी बात की तनख्वाह देती है मुझे.. बस पेट और परिवार ने बाँध रखा है!!आपका बयान हर रोज हमारे मन मस्तिष्क में पनपता है और दम तोड़ देता है!! बस याद आता है "अर्ध सत्य!"चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-60132013543277532392011-06-07T22:26:48.795+05:302011-06-07T22:26:48.795+05:30एक विचारोत्तेजक आलेख। समसायिक विषय पर आपने एक अलग ...एक विचारोत्तेजक आलेख। समसायिक विषय पर आपने एक अलग दृष्टिकोण सामने लाया है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-30915136374427293702011-06-07T19:31:39.122+05:302011-06-07T19:31:39.122+05:30बहुत ही सटीक शीर्षक दिया है...आजकल तो ऐसा ही लग रह...बहुत ही सटीक शीर्षक दिया है...आजकल तो ऐसा ही लग रहा है, लोकतंत्र कितना बेबस हो गया है...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-82472488417029683112011-06-07T18:38:30.208+05:302011-06-07T18:38:30.208+05:30आपकी फिल्म लॉचिंग के लिए बधाई एवं शुभकामनाएँ.
विव...आपकी फिल्म लॉचिंग के लिए बधाई एवं शुभकामनाएँ.<br /><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-91055680137702934382011-06-07T18:30:47.628+05:302011-06-07T18:30:47.628+05:30आपने भी सच्चाई स्वीकार कर ली वर्ना पूर्व प्रधानमंत...आपने भी सच्चाई स्वीकार कर ली वर्ना पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंघा रो साहब तो अपने उपन्यास 'दी इनसाइडर'में पहले ही लिख गए है -"हम स्वतंत्रता के भ्रम जाल में जी रहे हैं",जब हम स्वतन्त्र ही नहीं हैं तो लोकतंत्र कैसा?और उसका अपहरण कैसा ?vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-70465564211073771982011-06-07T15:41:50.096+05:302011-06-07T15:41:50.096+05:30आपकी बातें कतई हवाई नहीं लगीं.
भ्रष्टाचार जहाँ-जहा...आपकी बातें कतई हवाई नहीं लगीं.<br />भ्रष्टाचार जहाँ-जहाँ है वहाँ-वहाँ इस हलचल से बेचैनी होनी ही थी. फिर रीअल इस्टेट और सरकार मिलकर गुंडाराज ही तो चलाते हैं; उसी का प्रमाण ऑपरेशन-रामदेव में मिला.RISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09837959338958992329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-52454346103599702302011-06-07T15:08:52.650+05:302011-06-07T15:08:52.650+05:30बोलने को तो इतना कुछ है कि क्या कहूँ...लेकिन क्या ...बोलने को तो इतना कुछ है कि क्या कहूँ...लेकिन क्या क्या बोलूं...<br /><br />आभार आपका इस सत्य और तथ्य को रेखांकित करने का...बहुत बहुत आभार.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-23882652951331662862011-06-07T13:42:38.261+05:302011-06-07T13:42:38.261+05:30आज के सच को सबके सामने लाने के लिया शुक्रिया अरुण...आज के सच को सबके सामने लाने के लिया शुक्रिया अरुण जीAnju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-26996610933681796692011-06-07T13:39:26.539+05:302011-06-07T13:39:26.539+05:30लोकतंत्र मात्र अपहृत ही नहीं, बल्कि हत्या कर दी ग...लोकतंत्र मात्र अपहृत ही नहीं, बल्कि हत्या कर दी गयीगिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-66892949082962321962011-06-07T12:53:26.173+05:302011-06-07T12:53:26.173+05:30वाकई लोकतंत्र अपहृत सा लगता है... पूंजीपतियों के च...वाकई लोकतंत्र अपहृत सा लगता है... पूंजीपतियों के चंगुल में है देश और देश की नीतियाँ...मेरे भावhttps://www.blogger.com/profile/16447582860551511850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-6738467162899690882011-06-07T12:07:03.867+05:302011-06-07T12:07:03.867+05:30उफ़्……………क्या कहें आज की एक और कटु सच्चाई आपने उजाग...उफ़्……………क्या कहें आज की एक और कटु सच्चाई आपने उजागर कर दी जिससे यही लगता है कि अब लोकतंत्र बचा ही कहाँ ?<br /><br />आपकी फिल्म लॉचिंग के लिए बधाई एवं शुभकामनाएँ.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-56536402306032510902011-06-07T11:44:07.918+05:302011-06-07T11:44:07.918+05:30वाकई ... लोकतंत्र अपहृत हो गया है....वाकई ... लोकतंत्र अपहृत हो गया है....स्वातिhttps://www.blogger.com/profile/06459978590118769827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-53350118871902728582011-06-07T09:54:16.021+05:302011-06-07T09:54:16.021+05:30बहुत स्पष्ट तरीके से आपने बता दिया कि लोकतंत्र कैस...बहुत स्पष्ट तरीके से आपने बता दिया कि लोकतंत्र कैसे और क्यों अपहृत हो रहा है ..भ्रष्टाचार जैसे जवलंत मुद्दे से ध्यान हटाने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है ?संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-25841267526312022682011-06-07T08:30:24.473+05:302011-06-07T08:30:24.473+05:30आपकी बात अक्षरश: सत्य है तभी तो इतनी बर्बरता के ब...आपकी बात अक्षरश: सत्य है तभी तो इतनी बर्बरता के बाद भी लोग मुद्दे से ध्यान हटाकर चरित्रहनन कर रहे हैं। आज देश में भ्रष्टाचारियों की बहुत बड़ी लॉबी बन चुकी है और वे कभी नहीं चाहेंगे कि ऐसा कोई कानून बने। इसलिए आज एक तरफ भ्रष्टाचारी खड़े हैं तो दूसरी तरफ देशहित में सोचने वाले लोग हैं।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-22632925956220336792011-06-07T08:19:35.173+05:302011-06-07T08:19:35.173+05:30वाकई लगता है कि लोकतंत्र अपहृत हो गया है.
आपकी फि...वाकई लगता है कि लोकतंत्र अपहृत हो गया है.<br /><br />आपकी फिल्म लॉचिंग के लिए बधाई एवं शुभकामनाएँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com