tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post7701445461117085399..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: आह ! वेदना मिली विदाई …. जयशंकर प्रसादराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-41998755160245405942021-08-12T09:50:30.496+05:302021-08-12T09:50:30.496+05:30आह वेदना मिली विदाई मैंने भ्रम वंश जीवन संचित मधु...आह वेदना मिली विदाई मैंने भ्रम वंश जीवन संचित मधुकरियों की भीख लुटाई पंतियों में कोनसा काव्य गुण हैं<br /><br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04302961466429913511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-88836679185233914962021-06-29T07:45:16.240+05:302021-06-29T07:45:16.240+05:30आह ....ऐसी रचनाओं का क्या कोई सानी हो सकता है.
नई...आह ....ऐसी रचनाओं का क्या कोई सानी हो सकता है.<br /><br />नई पोस्ट <a href="https://natureliteratureandview.blogspot.com/2021/06/by.html" rel="nofollow">पुलिस के सिपाही से by पाश</a><br />ब्लॉग अच्छा लगे तो फॉलो जरुर करना ताकि आपको नई पोस्ट की जानकारी मिलती रहेRohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-61570221872862457292017-12-17T19:01:25.744+05:302017-12-17T19:01:25.744+05:30देवसेनादेवसेनाGDCChttps://www.blogger.com/profile/05492919577501730428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-57027849508191668192017-01-27T08:20:17.716+05:302017-01-27T08:20:17.716+05:30'आह ! वेदना मिली विदाई' गीत किस पात्र ने ग...'आह ! वेदना मिली विदाई' गीत किस पात्र ने गाया है <br />ganeshpatlehttps://www.blogger.com/profile/08417017555105054081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-28483054429874302652017-01-27T08:17:41.077+05:302017-01-27T08:17:41.077+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.ganeshpatlehttps://www.blogger.com/profile/08417017555105054081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-88808705738022933412011-08-11T18:12:57.523+05:302011-08-11T18:12:57.523+05:30जितना आभार व्यक्त किया जाये कम है। बहुत अच्छा लगा ...जितना आभार व्यक्त किया जाये कम है। बहुत अच्छा लगा आज प्रसाद जी को यहाँ पढ़कर।सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-33518015738197983412011-08-11T11:42:38.811+05:302011-08-11T11:42:38.811+05:30प्रसाद जी की यह बेहतरीन रचना पहली बार पढ़ी।
सादरप्रसाद जी की यह बेहतरीन रचना पहली बार पढ़ी। <br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-37886719975585543672011-08-11T10:23:35.122+05:302011-08-11T10:23:35.122+05:30बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-55065954999271163102011-08-09T10:50:11.865+05:302011-08-09T10:50:11.865+05:30बहुत सुंदर
"वेदना मिली विदाई "बहुत सुंदर <br />"वेदना मिली विदाई "गुड्डोदादीhttps://www.blogger.com/profile/10381007322183223193noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-25972837806111516702011-08-08T16:20:18.074+05:302011-08-08T16:20:18.074+05:30प्रसाद जी की सुन्दर कृति पढवाने के लिये आभार्।प्रसाद जी की सुन्दर कृति पढवाने के लिये आभार्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-7611273153007900432011-08-08T12:47:08.898+05:302011-08-08T12:47:08.898+05:30बहुत ही कुब कहा आप ने..........बहुत ही कुब कहा आप ने..........vidhyahttps://www.blogger.com/profile/04419215415611575274noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-22369297380685913912011-08-08T08:41:16.556+05:302011-08-08T08:41:16.556+05:30अमृत रस घोल गयी ...प्रसाद स्वरुप....यह रचना .
पढ़क...अमृत रस घोल गयी ...प्रसाद स्वरुप....यह रचना .<br />पढ़कर ...इन्हीं शब्दों में खो सा गया मन ....!!<br />आभार....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-36746384010438021812011-08-08T08:41:15.876+05:302011-08-08T08:41:15.876+05:30अमृत रस घोल गयी ...प्रसाद स्वरुप....यह रचना .
पढ़क...अमृत रस घोल गयी ...प्रसाद स्वरुप....यह रचना .<br />पढ़कर ...इन्हीं शब्दों में खो सा गया मन ....!!<br />आभार....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-7751064256997043202011-08-08T06:20:09.013+05:302011-08-08T06:20:09.013+05:30हिंदी साहित्य में छायावाद के प्रतिनिधि रचनाकार के ...हिंदी साहित्य में छायावाद के प्रतिनिधि रचनाकार के रूप में अपनी रचनाधर्मिता को उजागर करने वाले जयशंकर प्रसाद काव्य, नाटक, उपन्यास आदि विधाओं में अपनी जिन कुशल ज्ञान-रश्मियों से हिंदी साहित्य को आलोकित किया है, वह आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी पहले थी। फंतासी - शिल्प से प्रभावित होने के कारण उनके भावों ने वेदना की आकुलता और तड़प सर्वत्र दृष्टिगोचर होती है। इस कविता में भी कवि ने अपने विरह की विषम वेदना को "आह!वेदना मिली विदाई " के माध्यम से घनीभूत कर प्रस्तुत किया है। इस महान कवि को पढ़ना तो दूर की बात है है,नाम सुनकर ही मन में काव्य-सृजन के लिए अनगिनत भाव आने जाने लगते हैं। अति सुंदर ।<br />धन्यवादप्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.com