tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post7753287475777380869..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: काव्य प्रयोजन :: आधुनिक कालराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-20286565821725542972021-05-29T11:03:19.681+05:302021-05-29T11:03:19.681+05:30काल प्रयोजन
काल प्रयोजन<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16693496158337407984noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-9430632496036821282010-10-20T23:35:40.262+05:302010-10-20T23:35:40.262+05:30लोकमंगल की अवधारणा ही पश्चिम की तुलना में भारतीय स...लोकमंगल की अवधारणा ही पश्चिम की तुलना में भारतीय साहित्य के काव्य प्रयोजन को विशिष्ट बनाती है।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-18388462038996240312010-10-20T23:30:22.753+05:302010-10-20T23:30:22.753+05:30समेकित,संश्लिष्ट जानकारी।समेकित,संश्लिष्ट जानकारी।शिक्षामित्रhttps://www.blogger.com/profile/15212660335550760085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-87560944123968004382010-10-20T19:36:09.530+05:302010-10-20T19:36:09.530+05:30इससे बेहतर कोई बिबेचना हो सकता है... हमको तो नहीं ...इससे बेहतर कोई बिबेचना हो सकता है... हमको तो नहीं लगता. एक्दम कैप्सूल बनाकर रख दिये हैं आप!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-88022314542608444852010-10-20T15:54:10.327+05:302010-10-20T15:54:10.327+05:30बहुत ही संक्षेप में आपने आधुनिक काल की विवेचना की ...बहुत ही संक्षेप में आपने आधुनिक काल की विवेचना की है.. लाभकारी आलेख ! बहुत से पाठक हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकारों के चित्र से परिचित नहीं होते हैं.. चित्र देकर आप काफी सार्थक कार्य कर रहे हैं...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-56026558182395464002010-10-20T12:51:10.655+05:302010-10-20T12:51:10.655+05:30... प्रभावशाली व प्रसंशनीय अभिव्यक्ति !!!... प्रभावशाली व प्रसंशनीय अभिव्यक्ति !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-48764643537976862062010-10-20T10:34:34.209+05:302010-10-20T10:34:34.209+05:30बहुत अच्छी शृंखला रही। आभार। अगले सप्ताह से कुछ नए...बहुत अच्छी शृंखला रही। आभार। अगले सप्ताह से कुछ नए की प्रतीक्षा में।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.com