tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post8147473516486969405..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: मशीन अनुवाद का विस्तार !राजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-91490359762203438302010-09-18T06:57:30.132+05:302010-09-18T06:57:30.132+05:30सुन्दर प्रस्तुति।सुन्दर प्रस्तुति।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-2706236181284247382010-09-17T22:15:18.097+05:302010-09-17T22:15:18.097+05:30informations nicely incorporated....!!!
regards,informations nicely incorporated....!!!<br />regards,अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-33974179056202648342010-09-17T18:55:18.094+05:302010-09-17T18:55:18.094+05:30बहुत अच्छी जानकारी ....बहुत अच्छी जानकारी ....वीरेंद्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17461991763603646384noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-760989571608007442010-09-17T18:46:56.585+05:302010-09-17T18:46:56.585+05:30अरुण जी,
हाँ अनुवाद के लिए हमें ज...अरुण जी,<br /><br /> हाँ अनुवाद के लिए हमें जिस क्षेत्र को चुनना होता है उसका गहन अध्ययन भी करना पड़ता है और फिर उसमें भी सामान्य शब्द का ही चयन करते हैं ताकि जन सामान्य कोक्लिष्ट न लगे.<br />--रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-7459537412557756352010-09-17T18:44:14.474+05:302010-09-17T18:44:14.474+05:30शिक्षा मित्र जी,
वैसे ...शिक्षा मित्र जी,<br /><br /> वैसे तस्वीर और छवि एक ही चीज होती है. एक शब्द के बहुत अर्थ होते हैं और उनका उपयोग सन्दर्भ के अनुसार होता है. आप मशीन अनुवाद से पूर्ण रूप से जब वाकिफ हो जायेंगे तो ये समझ आ जायेगा. ५ पीढ़ी की बात क्यों करते हैं ? हम तो अभी कर रहे हैं. ये शब्दों के विभिन्न सन्दर्भ में लिए गए अर्थों के बारे में मैंने इसी लिए लिखा है. फिर अगर आप कई अर्थों में से भी लेना चाहें तो इसके लिए चुनने का भी विकल्प होता हैकि अनुवाद में एक से अधिक अनुवाद प्राप्त किये जा सकते हैं और जिस वाक्य की संरचना आपको अपने सन्दर्भ के अनुकूल लगे आप उसको चुन सकते हैं.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-22318927248566750682010-09-17T18:36:34.103+05:302010-09-17T18:36:34.103+05:30हमारीवाणी को और भी अधिक सुविधाजनक और सुचारू बनाने ...हमारीवाणी को और भी अधिक सुविधाजनक और सुचारू बनाने के लिए प्रोग्रामिंग कार्य चल रहा है, जिस कारण आपको कुछ असुविधा हो सकती है। जैसे ही प्रोग्रामिंग कार्य पूरा होगा आपको हमारीवाणी की और से हिंदी और हिंदी ब्लॉगर के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओँ और भारतीय ब्लागर के लिए ढेरों रोचक सुविधाएँ और ब्लॉग्गिंग को प्रोत्साहन के लिए प्रोग्राम नज़र आएँगे। अगर आपको हमारीवाणी.कॉम को प्रयोग करने में असुविधा हो रही हो अथवा आपका कोई सुझाव हो तो आप <a href="http://www.hamarivani.com/contact_us.php" rel="nofollow">"हमसे संपर्क करें"</a> पर चटका (click) लगा कर हमसे संपर्क कर सकते हैं।<br /><br /><a href="http://hamarivani.com" rel="nofollow">टीम हमारीवाणी</a><br /> <br /> <br /><b><a href="http://hamarivani.blogspot.com/2010/09/blog-post.html" rel="nofollow">हमारीवाणी पर ब्लॉग पंजीकृत करने की विधि</a></b>हमारीवाणीhttps://www.blogger.com/profile/02677178735599301399noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-75501148987051263582010-09-17T13:09:00.170+05:302010-09-17T13:09:00.170+05:30एक छोटा सा उदाहरण देखिएःजब हम ब्लॉग पर पोस्ट के लि...एक छोटा सा उदाहरण देखिएःजब हम ब्लॉग पर पोस्ट के लिए कोई तस्वीर अपलोड करते हैं,तो लिखा आता हैःआपकी छवि सहेज दी गई है। आपही बताइए,सहेजी गई चीज़ तस्वीर थी या छवि? क्या दोनों एक ही चीजें हैं? यह बात दिमाग से बिल्कुल निकाल देनी चाहिए कि कम से कम अगली पांच पीढ़ी तक मशीन वह अनुवाद करने में सक्षम होगी जो सामान्य कामकाज के लिए चाहिए।शिक्षामित्रhttps://www.blogger.com/profile/15212660335550760085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-27479287915190271812010-09-17T11:44:06.609+05:302010-09-17T11:44:06.609+05:30रेखा जी अनुवाद के विद्यार्थी होने के नाते आपका यह ...रेखा जी अनुवाद के विद्यार्थी होने के नाते आपका यह लेख हमारे लिए काफी लाभदायक है.. अनुवाद ए़क कला जहाँ केवल शबदार्थ से काम नहीं चलता बल्कि सदर्भार्थ भी आवश्यक होता है.. विधि, विज्ञान, तकनीक आदि के लिए विषय पर अधिकार होना आवश्यक होता है...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-74362071882502401442010-09-17T11:36:20.407+05:302010-09-17T11:36:20.407+05:30विज्ञान की चरम उन्नति से हिंदी को भी नए आयाम मिले...विज्ञान की चरम उन्नति से हिंदी को भी नए आयाम मिले हैं। वर्तमान युग आई. टी. युग है। और सूचना प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र में भारत दुनिया भर में अपनी धाक मनवा चुका है। विज्ञान की इस शाखा में पूरा विश्व भारतीय मस्तिस्क का कायल है।<br />आज की तारीख में चिकित्सा, अभियंत्रण, पारिस्थितिकी, अर्थशास्त्र से लेकर विभिन्न भाषाओं से साहित्य का हिंदी में अनुवाद करने वालों की भारी मांग है। अनुवाद के संबंध में कहा जाता है कि “कोई भी भाषा अपने आप में इतनी कंजूस होती है कि वो अपना सौन्दर्य दूसरी भाषा से बांटना नहीं चाहती।” अतः यह पूर्णतः अनुवादक पर निर्भर करता है कि वह जिस भाषा से और जिस भाषा में अनुवाद कर रहा है उन भाषाओं पर उसका कितना अधिकार है और इन भाषाओं की अनुभूतियों में वह कितनी तारतम्यता क़ायम रख सकता है। एक सफल अनुवादक वही होता है जो अनुदित कृति में भी मूल कृति की नैसर्गिक अनुभूतियों को अपरिवर्तित रखे।<br />इस दिशा में मशीनी अनुवाद भी काफ़ी कारगर सिद्ध हो सकता है।<br /><br /><b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!</b><br /><br /><a href="http://manojiofs.blogspot.com/2010/09/9.html" rel="nofollow"> अंक-9 स्वरोदय विज्ञान, आचार्य परशुराम राय, द्वारा “मनोज” पर, पढिए! </a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-61930508475669124602010-09-17T11:35:55.102+05:302010-09-17T11:35:55.102+05:30विज्ञान की चरम उन्नति से हिंदी को भी नए आयाम मिले...विज्ञान की चरम उन्नति से हिंदी को भी नए आयाम मिले हैं। वर्तमान युग आई. टी. युग है। और सूचना प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र में भारत दुनिया भर में अपनी धाक मनवा चुका है। विज्ञान की इस शाखा में पूरा विश्व भारतीय मस्तिस्क का कायल है।<br />आज की तारीख में चिकित्सा, अभियंत्रण, पारिस्थितिकी, अर्थशास्त्र से लेकर विभिन्न भाषाओं से साहित्य का हिंदी में अनुवाद करने वालों की भारी मांग है। अनुवाद के संबंध में कहा जाता है कि “कोई भी भाषा अपने आप में इतनी कंजूस होती है कि वो अपना सौन्दर्य दूसरी भाषा से बांटना नहीं चाहती।” अतः यह पूर्णतः अनुवादक पर निर्भर करता है कि वह जिस भाषा से और जिस भाषा में अनुवाद कर रहा है उन भाषाओं पर उसका कितना अधिकार है और इन भाषाओं की अनुभूतियों में वह कितनी तारतम्यता क़ायम रख सकता है। एक सफल अनुवादक वही होता है जो अनुदित कृति में भी मूल कृति की नैसर्गिक अनुभूतियों को अपरिवर्तित रखे।<br />इस दिशा में मशीनी अनुवाद भी काफ़ी कारगर सिद्ध हो सकता है।<br /><br /><b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!</b><br /><a href="http://raj-bhasha-hindi.blogspot.com/2010/09/blog-post_17.html" rel="nofollow"> मशीन अनुवाद का विस्तार!, “राजभाषा हिन्दी” पर रेखा श्रीवास्तव की प्रस्तुति, पधारें</a><br /><br /><a href="http://manojiofs.blogspot.com/2010/09/9.html" rel="nofollow"> अंक-9 स्वरोदय विज्ञान, आचार्य परशुराम राय, द्वारा “मनोज” पर, पढिए! </a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-58979403134590984442010-09-17T11:05:14.511+05:302010-09-17T11:05:14.511+05:30हिदी का विकास सतत अन्नत अविरल हैहिदी का विकास सतत अन्नत अविरल हैप्रेम नारायण अहिरवालnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-15464379661702559882010-09-17T10:57:41.859+05:302010-09-17T10:57:41.859+05:30यह मशीन अनुवाद की जानकारी बहुत अच्छी लगीयह मशीन अनुवाद की जानकारी बहुत अच्छी लगीसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-68173779981838323672010-09-17T10:20:05.659+05:302010-09-17T10:20:05.659+05:30हाँ बिहारी भाई, ये तो हिंदी और अंग्रेजी कि महिमा ह...हाँ बिहारी भाई, ये तो हिंदी और अंग्रेजी कि महिमा है. इसी लिए जो काम हम कर रहे हैं न , वह अंतहीन है और लगातार २३ साल से चाल रहा है. उसके स्तर में सुधार और उसका विस्तार ही हमारा उद्देश्य है. इससे अगर अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो ऐसी हमारी आकांशा है. अश्क जी का समाचार उस समयहमने भी पढ़ा था.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-13709756553744577272010-09-17T10:19:20.814+05:302010-09-17T10:19:20.814+05:30बहुत बढिया जानकारी उपलब्ध करवाई………आभार्।बहुत बढिया जानकारी उपलब्ध करवाई………आभार्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-17087433471692145292010-09-17T08:10:50.165+05:302010-09-17T08:10:50.165+05:30रेखा जी, पहिला बार आपका आलेख से परिचय हुआ है... आभ...रेखा जी, पहिला बार आपका आलेख से परिचय हुआ है... आभार मनोज जी का... आपका बात आगे बढाते हुए एगो चुटकुला याद आ गया... एक समाचार पत्र में समाचार आया कि Minister inaugurated the steel plant. इसका अनुवाद हिंदी में छपा “मंत्री जी ने इस्पात के पौधों का उद्घाटन किया.”<br />मगर इससे भी अजीब घटना तब हुआ जब हम एक बार इलाहाबाद में थे. एगो अखबार में खबर आया, “ उपेंद्र नाथ अश्क़ जी ने परचून की दुकान खोली” .. अंगरेजी अखबार वाला चून सब्द को पकड़कर अनुवाद किया “Great writer Upendra nath Ashk opened a lime shop.” इसी खबर में से लाइम सब्द को पकड़कर दूसरा दिन अखबार वाला लिखा “उपेंद्रनाथ अश्क जी नींबू बेचने लगे.”<br />अंत में जब हम खुद उनकेघर गए उनसे मिलने तब पता चला कि परचून सही था. अश्क जी खुदे दोकान पर थे अऊर जब हम उनको बताए त हँसने लगे, बोले हम भी देख रहे हैं तीन दिन से.<br />त ई था अनुवाद का महिमा. आपकाजानकारी सचमुच मह्त्वपूर्ण है.चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-29630797777843775442010-09-17T07:26:47.088+05:302010-09-17T07:26:47.088+05:30ज्ञानवर्धक लेख बहुत सुंदरज्ञानवर्धक लेख बहुत सुंदरSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-63611393589743584222010-09-17T07:04:13.861+05:302010-09-17T07:04:13.861+05:30Acchee jankaree !!Acchee jankaree !!Shabad shabad https://www.blogger.com/profile/09078423307831456810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-27877259652011906522010-09-17T07:00:51.765+05:302010-09-17T07:00:51.765+05:30सार्थक विवेचना करती पोस्ट ...सार्थक विवेचना करती पोस्ट ...honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-8199731168935052652010-09-17T06:26:10.370+05:302010-09-17T06:26:10.370+05:30जानकारी भरा पोस्ट. धन्यवाद.जानकारी भरा पोस्ट. धन्यवाद.ज़मीरhttps://www.blogger.com/profile/03363292131305831723noreply@blogger.com