tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post8321343583004664526..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: अहम्राजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-10262519112027079922011-03-01T11:01:17.656+05:302011-03-01T11:01:17.656+05:30ॐ नमः सिवाय
महाशिवरात्रि की आपको शुभकामनायेंॐ नमः सिवाय <br />महाशिवरात्रि की आपको शुभकामनायेंसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-50332365365914327462011-03-01T10:52:44.809+05:302011-03-01T10:52:44.809+05:30चारो कवितायेँ सुन्दर हैं...चारो कवितायेँ सुन्दर हैं...संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-83841967177166399942011-02-28T23:35:43.711+05:302011-02-28T23:35:43.711+05:30एक ही तार में पिरोए चारों खंड सार्थक हैं ,केन्द्री...एक ही तार में पिरोए चारों खंड सार्थक हैं ,केन्द्रीय भाव की गहनता द्योतित करते हुए.<br />सुन्दर !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-56948046784489027152011-02-28T22:52:46.394+05:302011-02-28T22:52:46.394+05:30bahut sundar.bahut sundar.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-19442455515315303412011-02-28T22:07:35.884+05:302011-02-28T22:07:35.884+05:30तुम और मैं , मैं और तुम
एक जैसे सम्भव
जब भी तुम तक...तुम और मैं , मैं और तुम<br />एक जैसे सम्भव<br />जब भी तुम तक पहुँचने की कोशिश की<br />मेरा " मैं " मेरे सामने आ जाता है|<br />--<br />सभी शब्दचित्र सशक्त और सुन्दर हैं!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-50995889839500994322011-02-28T19:28:38.419+05:302011-02-28T19:28:38.419+05:30अद्भुत सामंजस्य स्थापित किया है प्रकृति और मानव हृ...अद्भुत सामंजस्य स्थापित किया है प्रकृति और मानव हृदय की भावनाओं के मध्य... और अंत में एक कड़वा सच!! बहुत अच्छी प्रस्तुति!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-63348914417188621832011-02-28T19:06:15.468+05:302011-02-28T19:06:15.468+05:30ये नदिया और मेरी कल्पनाएँ
दोनों का स्वभाव एक जैसा ...ये नदिया और मेरी कल्पनाएँ<br />दोनों का स्वभाव एक जैसा सम्भव<br />जब - जब लहरों को गिनना चाहा<br />मेरी कल्पना का समुद्र सामने आ जाता है ।<br />...wah!waah!...kyaa baat hai!Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-22925318081672099612011-02-28T17:21:59.529+05:302011-02-28T17:21:59.529+05:30तुम और मैं , मैं और तुम
एक जैसे सम्भव
जब भी तुम तक...तुम और मैं , मैं और तुम<br />एक जैसे सम्भव<br />जब भी तुम तक पहुँचने की कोशिश की<br />मेरा " मैं " मेरे सामने आ जाता है|<br />ehsas aur aham ka sunder mishran....kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-85898579599153203122011-02-28T17:16:21.538+05:302011-02-28T17:16:21.538+05:30मानवीय वासनाओं का अन्तरिक्ष बनाते हुए , सुखद अनुभू...मानवीय वासनाओं का अन्तरिक्ष बनाते हुए , सुखद अनुभूतिगिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-34047651115197510282011-02-28T17:16:06.104+05:302011-02-28T17:16:06.104+05:30चारो कवितायेँ सुन्दर हैं... छोटी कविता लेकिन बहुत ...चारो कवितायेँ सुन्दर हैं... छोटी कविता लेकिन बहुत प्रभावपूर्ण.. खास तौर पर अंतिम कविता...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-28462999657634516792011-02-28T16:35:36.976+05:302011-02-28T16:35:36.976+05:30बहुत अच्छी लगी ये रचना
"मेरे मैं" की बा...बहुत अच्छी लगी ये रचना<br /><br />"मेरे मैं" की बात अच्छी लगी.सच क्यों ये जब तब आगे आ ही जाता है. कब नियंत्रण करना सीख पायेगेरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-9707749482562623142011-02-28T16:29:07.565+05:302011-02-28T16:29:07.565+05:30चारों कवितायें चित्रों के अनुरूप ,अर्थपूर्ण हैं.चारों कवितायें चित्रों के अनुरूप ,अर्थपूर्ण हैं.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-47723791900989336602011-02-28T15:23:33.783+05:302011-02-28T15:23:33.783+05:30वाह वाह वाह ! कमाल के साम्य ढूंढ निकाले आज तो संगी...वाह वाह वाह ! कमाल के साम्य ढूंढ निकाले आज तो संगीता जी ! बेहद खूबसूरत पन्क्तियाँ हैं ! आज लगता है सबके जज़्बात आपकी कलम से कागज़ पर उतर आये हैं ! बहुत ही सुन्दर रचना है ! बधाई और शुभकामनायें स्वीकार करिये !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-14982116221430840572011-02-28T15:14:19.309+05:302011-02-28T15:14:19.309+05:30ये नदिया और मेरी कल्पनाएँ
दोनों का स्वभाव एक जैसा ...ये नदिया और मेरी कल्पनाएँ<br />दोनों का स्वभाव एक जैसा सम्भव<br />जब - जब लहरों को गिनना चाहा<br />मेरी कल्पना का समुद्र सामने आ जाता है ।<br />aapki soch paripakw kahun yaa tarashi huiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-20803167913396327262011-02-28T15:03:59.517+05:302011-02-28T15:03:59.517+05:30क्या बात है? बहुत खूबसूरती से तुलना कर गयी और भाव...क्या बात है? बहुत खूबसूरती से तुलना कर गयी और भावों को उतर दिया सबके दिल में.<br />बहुत सुंदर रचना.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-76184115705103383312011-02-28T14:44:34.622+05:302011-02-28T14:44:34.622+05:30ओह हो आज तो एक एक शब्द हकीकत सा लिख डाला है और चित...ओह हो आज तो एक एक शब्द हकीकत सा लिख डाला है और चित्रों का साथ उन्हें और भी प्रभावी बना रहा है .<br />बहुत अच्छी लगी ये रचना.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-26775606607681526102011-02-28T14:42:03.277+05:302011-02-28T14:42:03.277+05:30आज तो बडी ही ज़बरदस्त रचना लिखी है……………गज़ब के भाव औ...आज तो बडी ही ज़बरदस्त रचना लिखी है……………गज़ब के भाव और अहम का चित्रण बखूबी किया है……………बहुत पसन्द आई।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-22318542651840157782011-02-28T11:45:11.490+05:302011-02-28T11:45:11.490+05:30आपको पढना एक सुखद अहसास होता है . कल्पनाओ के लोक म...आपको पढना एक सुखद अहसास होता है . कल्पनाओ के लोक में विचरण करते हुए भी पांव धरती पर होते है और . क्या लिखूं ?ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-37405861422481326702011-02-28T09:06:37.598+05:302011-02-28T09:06:37.598+05:30jabardast bahut hi sunderjabardast bahut hi sunderOM KASHYAPhttps://www.blogger.com/profile/13225289065865176610noreply@blogger.com