tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post8470317709706345364..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: तृष्णाएँराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-41580049202587513772011-04-13T23:57:30.049+05:302011-04-13T23:57:30.049+05:30हम्म..जीवन दर्शन........:-|
मगर अच्छा लगा पढ़ना......हम्म..जीवन दर्शन........:-|<br />मगर अच्छा लगा पढ़ना...:)<br />वैसे देखा आये तो कहाँ कोई संतुष्ट हो पता है मम्मा.....सबको कहीं न कहीं समझौते करने को होते हैं..........नहीं???<br />कविता के लिए बधाई...!!Taruhttps://www.blogger.com/profile/08735748897257922027noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-64929672027487689262011-04-12T11:25:51.299+05:302011-04-12T11:25:51.299+05:30TRASHNA...........
aaina rakh diya aapne to saamne...TRASHNA...........<br />aaina rakh diya aapne to saamne..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/18078191116609966388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-20284426126333315812011-04-12T10:11:34.703+05:302011-04-12T10:11:34.703+05:30हाँ, सच है पर तृष्णा छूट गयी ती लगेगा अब जिंदगी मे...हाँ, सच है पर तृष्णा छूट गयी ती लगेगा अब जिंदगी में बचा ही क्या?धीरेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/12020246777509347843noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-61580412483051270502011-04-12T08:06:27.602+05:302011-04-12T08:06:27.602+05:30बेहतरीन!!..शानदार.बेहतरीन!!..शानदार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-34375873487013171662011-04-12T07:42:11.371+05:302011-04-12T07:42:11.371+05:30मृग तृष्णा सुंदर भावाभिव्यक्ति।मृग तृष्णा सुंदर भावाभिव्यक्ति।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-46002785782593192852011-04-12T01:30:03.015+05:302011-04-12T01:30:03.015+05:30एक मरीचिका !!!एक मरीचिका !!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-19826366366030976292011-04-11T20:02:25.464+05:302011-04-11T20:02:25.464+05:30स्वयं को धोखा देता है
यह विश्वास करके कि
वह प्रसन...स्वयं को धोखा देता है <br />यह विश्वास करके कि<br />वह प्रसन्न है , संपन्न है <br />उसमे अपनी इच्छाओं को <br />पूरा करने का दम है ,<br /><br />chalo yun hi sahi is bahane kuchh to prasann ho leta hai insaan chahe jhoothi ummedon ke sahare hi sahi ....varna is duniya me itna gam hai ki insaan muskurana bhi bhool jaaye.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-3044255771340286042011-04-11T16:04:53.391+05:302011-04-11T16:04:53.391+05:30यह धोखा भी जीवन जीने का एक सबब बन जाता है!....यही ...यह धोखा भी जीवन जीने का एक सबब बन जाता है!....यही जीवन की सच्चाई है!<br /> सुंदर रचना ...सुंदर भावाभिव्यक्ति।Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-30645878778389385182011-04-11T15:59:08.067+05:302011-04-11T15:59:08.067+05:30भ्रमों में जीने की आदत स्वयं इंसान ही डाल लेता है ...भ्रमों में जीने की आदत स्वयं इंसान ही डाल लेता है और फिर उन छलावों से खुद ही भयभीत हो जाता है ! यदि यथार्थ को जैसा वह है उसी तरह स्वीकार कर लिया जाये तो भ्रमों की स्थिति से उबरा जा सकता है वरना ये तृष्णायें जीवन भर पीछा नहीं छोडतीं ! बहुत सुन्दर रचना ! बधाई स्वीकार करें !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-68089686137774422202011-04-11T15:28:49.975+05:302011-04-11T15:28:49.975+05:30ज़िन्दगी की सच्चाई से रू-ब-रू करवा रहे हैं आपके शब...ज़िन्दगी की सच्चाई से रू-ब-रू करवा रहे हैं आपके शब्द ......!<br />सुंदर रचना ...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-11749778441693866762011-04-11T13:50:38.013+05:302011-04-11T13:50:38.013+05:30बहुत पसंद आई , भ्रम तोडती ये रचना।बहुत पसंद आई , भ्रम तोडती ये रचना।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-16885346338889150082011-04-11T13:11:40.118+05:302011-04-11T13:11:40.118+05:30बहुत दार्शनिक सी कविता.तृष्णा कभी नहीं मिटती...शाय...बहुत दार्शनिक सी कविता.तृष्णा कभी नहीं मिटती...शायद...shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-53358016906059616002011-04-11T11:28:43.060+05:302011-04-11T11:28:43.060+05:30यूँही मिथ्याकाश में ही तो इंसान सारी जिंदगी गुजारत...यूँही मिथ्याकाश में ही तो इंसान सारी जिंदगी गुजारता है,यही सत्य है..बहुत ही सुंदर गुढ़ रहस्यों को दर्शाती.....लाजवाब रचना।Er. सत्यम शिवमhttps://www.blogger.com/profile/07411604332624090694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-17957780436702282082011-04-11T11:22:22.660+05:302011-04-11T11:22:22.660+05:30तृष्णा कभी नहीं मिटती है। प्रसिद्धि और धन उस समुद्...तृष्णा कभी नहीं मिटती है। प्रसिद्धि और धन उस समुद्री जल के समान है,जिसे पीने पर प्यास और बढ़ती जाती है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-13908553957935907532011-04-11T10:36:27.172+05:302011-04-11T10:36:27.172+05:30ये तृष्णायें ही तो आदमी के दुख का कारण है फिर भी उ...ये तृष्णायें ही तो आदमी के दुख का कारण है फिर भी उनका मोह त्याग नही पाता। सुन्दर रचना। बधाई।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-35645056065468114902011-04-11T09:54:25.481+05:302011-04-11T09:54:25.481+05:30बहुत सुन्दर बात कही कविता मेंबहुत सुन्दर बात कही कविता मेंकिलर झपाटाhttps://www.blogger.com/profile/07325715774314153336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-58856714635012789942011-04-11T09:40:36.600+05:302011-04-11T09:40:36.600+05:30अगर तृष्णायें मिट जायें तो इंसान इंसान ना रहकर भगव...अगर तृष्णायें मिट जायें तो इंसान इंसान ना रहकर भगवान बन जाये……………ये ही तो मनुष्य से पाप , गलत कार्य आदि करवाती है और इसी व्यूहजाल मे अंत तक इंसान फ़ंसा रहता है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-60055414541894103942011-04-11T09:39:50.211+05:302011-04-11T09:39:50.211+05:30कुछ लोग जीते जी इतिहास रच जाते हैं कुछ लोग मर कर इ...कुछ लोग जीते जी इतिहास रच जाते हैं कुछ लोग मर कर इतिहास बनाते हैं और कुछ लोग जीते जी मार दिये जाते हैं फिर इतिहास खुद उनसे बनता हैं बहुत मार्मिक रचना..बहुत सुन्दर...नवरात्रा की आप को शुभकामनायें!Dinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-6390210483779811412011-04-11T09:29:10.276+05:302011-04-11T09:29:10.276+05:30खुशियों को नापने के लिए सभी के पैमाने अलग-अलग हैं।...खुशियों को नापने के लिए सभी के पैमाने अलग-अलग हैं। कुछ फक्कड रहकर खुश हो लेता है और कुछ ताजमहल बनाकर। कुछ जिन्दगी को धोका कहते हैं तो कुछ जीवन को अमूल्य बताते हैं। साहित्यकार सभी पक्षों पर लिखता है, जिसको जैसा उचित लगता है उसे अपना लेता है। जब दुख आता है तब जिन्दगी धोका लगने लगती है और जब सुख आता है तो जिन्दगी स्वर्ग बन जाती है। यह जीवन की अवस्थाएं हैं, इससे प्रत्येक व्यक्ति गुजरता है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-48185357313926736872011-04-11T09:00:07.033+05:302011-04-11T09:00:07.033+05:30यदि ज़िन्दगी के सच को स्वीकार करके हम चलते हैं तो ...यदि ज़िन्दगी के सच को स्वीकार करके हम चलते हैं तो तृष्णाएँ हमारे मार्ग को अवरुद्ध नहीं करती, पर जब हम सिर्फ प्राप्य की अपेक्षा में चलते हैं तो ज़िन्दगी क्षणांश को भी साथ नहीं होतीरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-39926336768588116422011-04-11T08:43:44.447+05:302011-04-11T08:43:44.447+05:30आंतरिक तृप्ति,संतुष्टि ,सुख ये सब आदमी के अंदर ही ...आंतरिक तृप्ति,संतुष्टि ,सुख ये सब आदमी के अंदर ही है.जो इसे बाहर तलाशते हैं उन्हें ये चीज़ें भला कैसे मिल पायेंगी.मिलेंगी तभी, जब जो चीज़ जहाँ है वहां तलाशी जाये.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-18101395178860247022011-04-11T08:35:32.882+05:302011-04-11T08:35:32.882+05:30sach kahaa aapne.....एक ज़िन्दगी कम है।
bahut sund...sach kahaa aapne.....एक ज़िन्दगी कम है।<br />bahut sundar prastutianahttp://kavyana.blogspot.com/2011/04/blog-post.htmlnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-15840878256722006012011-04-11T08:33:59.665+05:302011-04-11T08:33:59.665+05:30जीवन दुविधा का सटीक चित्रण!!
स्वयं को धोखा देता ह...जीवन दुविधा का सटीक चित्रण!!<br /><br />स्वयं को धोखा देता है <br />यह विश्वास करके कि<br />वह प्रसन्न है , संपन्न है <br />उसमे अपनी इच्छाओं को <br />पूरा करने का दम है ,<br />उसके लिए मात्र <br />एक ज़िन्दगी कम है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-6311917082628225962011-04-11T08:17:40.780+05:302011-04-11T08:17:40.780+05:30मृग तृष्णा मानव को भाग भागकर हांफने को मजबूर कर दे...मृग तृष्णा मानव को भाग भागकर हांफने को मजबूर कर देती है . फिर माया मिले ना राम वाली स्थिति सामने होती है .ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-65197450695204979732011-04-11T06:51:30.879+05:302011-04-11T06:51:30.879+05:30स्वयं को धोखा देता है
यह विश्वास करके कि
वह प्रसन...स्वयं को धोखा देता है <br />यह विश्वास करके कि<br />वह प्रसन्न है , संपन्न है <br />उसमे अपनी इच्छाओं को <br />पूरा करने का दम है ,<br />उसके लिए मात्र <br />एक ज़िन्दगी कम है। <br /><br /><br /><br />ज़िन्दगी की सच्चाई से रू-ब-रू करवा रहे हैं आपके शब्द ......!<br />सुंदर रचना ...<br />जय माता की ....!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.com