tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post8564397615399611564..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: हिंदी नाट्य परंपरा का विकास और पारसी थियेटरराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-16756982530554615682017-09-12T21:26:57.101+05:302017-09-12T21:26:57.101+05:30badiya haibadiya haiAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/12126659973072142915noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-35807394099708752332012-07-17T23:46:36.754+05:302012-07-17T23:46:36.754+05:30मनोज जी लेख अच्छा है..अमिताभ भाई को क्या ग़लत लगा...मनोज जी लेख अच्छा है..अमिताभ भाई को क्या ग़लत लगा मुझे पता नहीं...में तो खुद पारसी नाटक थियेटर के विद्यार्थियों को पढाने के लिए आपका लेख काम में लेने वाला हूँ.........इजाजत देंगे??????<br /><br />कुलदीप शर्मा <br />जयपुर राजस्थान से..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09460509437325456391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-11217751627135055302012-07-17T23:46:22.186+05:302012-07-17T23:46:22.186+05:30मनोज जी लेख अच्छा है..अमिताभ भाई को क्या ग़लत लगा...मनोज जी लेख अच्छा है..अमिताभ भाई को क्या ग़लत लगा मुझे पता नहीं...में तो खुद पारसी नाटक थियेटर के विद्यार्थियों को पढाने के लिए आपका लेख काम में लेने वाला हूँ.........इजाजत देंगे??????<br /><br />कुलदीप शर्मा <br />जयपुर राजस्थान से..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09460509437325456391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-3132695465210347062012-07-17T23:43:34.998+05:302012-07-17T23:43:34.998+05:30मनोज जी लेख अच्छा है..अमिताभ भाई को क्या ग़लत लगा...मनोज जी लेख अच्छा है..अमिताभ भाई को क्या ग़लत लगा मुझे पता नहीं...में तो खुद पारसी नाटक थियेटर के विद्यार्थियों को पढाने के लिए आपका लेख काम में लेने वाला हूँ.........इजाजत देंगे??????<br /><br />कुलदीप शर्मा <br />जयपुर राजस्थान से..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09460509437325456391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-69395957527672423232011-07-21T11:27:07.149+05:302011-07-21T11:27:07.149+05:30भाई अमितेश,
आपके प्रोफ़ाइल में लिखा है
“सलाह अच्छी...भाई अमितेश,<br />आपके प्रोफ़ाइल में लिखा है<br />“सलाह अच्छी देता हुं,”<br /><br />तो ज़रा मुझे भी दीजिए ना कि क्या ग़लत है और बचकाना है, ठीक कर लूं, कुछ सुधार कर इस आलेख में, अपने आप में भी।<br /><br />एक सलाह मेरी भी है, इस ‘हुं’ को ‘हूं’ कर लें।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-17258750833466365932011-07-21T01:14:04.591+05:302011-07-21T01:14:04.591+05:30आप सभी पाठको से अनुरोध है कि इस लेख की सामग्री का ...आप सभी पाठको से अनुरोध है कि इस लेख की सामग्री का कहीं भी उल्लेख ना करें. भयानक बचकानी भूलों से भरा पड़ा है यह. इससे अच्छा तो स्नातक के विद्यार्थी लिखते हैं. अब तीन लेख के बाद भी कोई सुधार नहीं है. और इसे उम्दा और जानकारीपूर्ण पता नहीं क्या क्या कहने वालो पे मुझे तरस आता है. अब मुझे चुंकि पता लग गया है कि यहां पे टिप्पणी करना उर्जा को गलत जगह पर खर्च करना है. मैं यह अंतिम टिप्प्णी कर रहा हूं.amiteshhttps://www.blogger.com/profile/05923164488045661896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-43871004942044515762011-07-20T21:38:14.498+05:302011-07-20T21:38:14.498+05:30आपके द्वारा प्रस्तुत ' हिंदी नाट्य परंपरा का ...आपके द्वारा प्रस्तुत ' हिंदी नाट्य परंपरा का विकास और पारसी थियेटर' पढ़ा। मेरी मान्यता है कि इस विधा के सांगोपांग अद्यययन के लिए किसी किताब की जरूरत नही होगी गर ए सिलसिला यूँ ही चलता रहा। धन्यवाद,सर।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-89813266077037686932011-07-20T20:09:30.795+05:302011-07-20T20:09:30.795+05:30हिन्दी नाट्य-परम्परा का विकास और पारसी थिएटर पर का...हिन्दी नाट्य-परम्परा का विकास और पारसी थिएटर पर काफी रोचक और सूचनाप्रद रचना। साधुवाद।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-73533664659038476912011-07-20T16:47:41.043+05:302011-07-20T16:47:41.043+05:30शोध परक , साहित्यिक ज्ञान बढ़ानेवाला , बहुत ही अ...शोध परक , साहित्यिक ज्ञान बढ़ानेवाला , बहुत ही अनमोल लेख.....सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-66303705110399895402011-07-20T15:29:52.219+05:302011-07-20T15:29:52.219+05:30ज्ञानवर्धक एवं संग्रहणीय लेख है।ज्ञानवर्धक एवं संग्रहणीय लेख है।vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-36071571917014670952011-07-20T14:59:50.392+05:302011-07-20T14:59:50.392+05:30आपका हर लेख बहुत शोधपूर्ण होता है ... बहुत सी जानक...आपका हर लेख बहुत शोधपूर्ण होता है ... बहुत सी जानकारियों को समेटे अच्छा लेख ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-15072117476303626942011-07-20T14:53:17.426+05:302011-07-20T14:53:17.426+05:30वस्तुतः भारत में आधुनिक नाट्य चेतना लाने.. नई तकनी...वस्तुतः भारत में आधुनिक नाट्य चेतना लाने.. नई तकनीक लाने का श्रेय पारसी थियेटर को ही जाता है... फिल्मो पर इसका प्रभाव स्पष्टतः देखा जा सकता है... जिन भूले बिसरे नाटककारों का नाम आपने दिलाया है वह उल्लेखनीय है...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-52461195665269229332011-07-20T13:50:32.725+05:302011-07-20T13:50:32.725+05:30Sarthak post .Sarthak post .Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14612724763281042484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-20627481788392522732011-07-20T10:12:46.985+05:302011-07-20T10:12:46.985+05:30इस उपयोगी जानकारी को हम तक पहुंचाने का आभार।
----...इस उपयोगी जानकारी को हम तक पहुंचाने का आभार।<br /><br />------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">बेहतर लेखन की ‘अनवरत’ प्रस्तुति।</a><br /><b><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">अब आप अल्पना वर्मा से विज्ञान समाचार सुनिए..</a></b>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-20640281668637981022011-07-20T09:51:41.021+05:302011-07-20T09:51:41.021+05:30Nice post.
आप आएंगे तो आपको हम अपने नए कार्यक्रम ...Nice post.<br /><br />आप आएंगे तो आपको हम अपने नए कार्यक्रम ‘ब्लॉगर्स मीट वीकली‘ में शामिल करेंगे।<br /><b>ब्लॉगर्स मीट वीकली हरेक सोमवार को हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल पर आयोजित होने वाला एक समारोह है। शुरूआत आगामी सोमवार से।</b>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-15450855589352099552011-07-20T08:56:12.786+05:302011-07-20T08:56:12.786+05:30सुन्दर जानकारी , आभार !सुन्दर जानकारी , आभार !ASHOK BAJAJhttps://www.blogger.com/profile/07094278820522966788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-52402544401176539332011-07-20T08:31:18.735+05:302011-07-20T08:31:18.735+05:30एक बेशकीमती आलेख.. पारसी थियेटर ने फिल्मों को जितन...एक बेशकीमती आलेख.. पारसी थियेटर ने फिल्मों को जितने कलाकार दिए या उस समय के कलाकार फिल्मों में भी थियेट्रिकल अंदाज़ में बोलते थे.. सोहराब मोदी को कौन भूल सकता है.. शायद पारसी थियेटर का प्रभाव ही रहा है कि आज भी फ़िल्मी कलाकारों में गुजराती कलाकारों की बहुलता रही है!!<br />मनोज जी आभार!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.com