tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post8985735879887969814..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: साहित्यकार-6 :: सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ (1911-1987)राजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-64937489125513948632010-10-15T12:54:09.598+05:302010-10-15T12:54:09.598+05:30@ केवल राम जी
आभार आपका!
वाह साहब क्या याद दिलाया...@ केवल राम जी<br />आभार आपका! <br />वाह साहब क्या याद दिलाया आपने, उनकी <b>"सोन मछली"</b> कविता! <br />अज्ञेय का आत्मबोध आत्मलीनता तक सीमित नहीं है। यह व्यक्ति-सत्य और व्यापक-सत्य के बीच एक नया संबंध बनाता है। अज्ञेय जीवन से प्रेम करते हैं पर इस प्रेम को निस्संग विस्मय का-सा भाव बताते हैं। जीवन सुंदर है आश्चर्यजनक रूप से, सुंदर है पर ज़रूरी है कि जीवन को सीधे देखें, कांच में से न देखें। कांच में से देखेंगे तो रूपों में भटक जाएंगे। जीवन तक पहुंचेगे ही नहीं। <b>‘सोन मछली</b>’ कविता यही कहती है। प्रतीक नया नहीं है पर अर्थ नया है। संकेत के लिए बिम्ब नया है :<br /><b>"हम निहारते रूप :<br />कांच के पीछे <br />हांप रही है मछली।<br />रूप-तृषा भी<br />(और कांच के पीछे)<br />है जिजीविषा!"</b><br />यहां मछली का प्रतीक सत्य के अन्वेषण में सहायक है। अज्ञेय की जीवन-दृष्टि के प्रमुख संदर्भ हैं - व्यक्ति स्व्वातंत्र्य और व्यक्तित्व का विसर्जन, या अहं का विलयन या आत्मदान।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-24042073707138607302010-10-15T06:32:50.886+05:302010-10-15T06:32:50.886+05:30Agyan ji ki rachnaon main adhunik bhavbodh mukhar ...Agyan ji ki rachnaon main adhunik bhavbodh mukhar rup se ujagar hua hai, soun Machli namak kavita sanp ke madhyam se us bhav bodh ki abhivyaktai sunder ruo main hoti hai ,hindi kavita ko naye andaj dene ke karan aaj hum agyan ji ko PRAYOGBADI kavi ke rup main yaad karte hai,<br />Per Agyan ne jis darshan ki sristi ki hai wah apne aap main SAMNVYA ka pratik hai .<br />Sunder Postकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-34670076442747319612010-10-14T23:54:51.790+05:302010-10-14T23:54:51.790+05:30अज्ञेय के बारे में इन जानकारियों के बाद,उनकी कुछ छ...अज्ञेय के बारे में इन जानकारियों के बाद,उनकी कुछ छूटी रचनाओं को पढ़ने की जिज्ञासा पैदा हुई है।शिक्षामित्रhttps://www.blogger.com/profile/15212660335550760085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-20929439728531793102010-10-14T17:06:23.361+05:302010-10-14T17:06:23.361+05:30... बेहद प्रभावशाली व प्रसंशनीय पोस्ट !... बेहद प्रभावशाली व प्रसंशनीय पोस्ट !कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-11932967237165896092010-10-14T17:00:49.655+05:302010-10-14T17:00:49.655+05:30मनोज जी, आपके साहित्यिक लेख ब्लॉग जगत की साहित्य न...मनोज जी, आपके साहित्यिक लेख ब्लॉग जगत की साहित्य निधि को भरने में अमूल्य योगदान दे रहे हैं। आपकी लेखनी को प्रणाम भेज रहा हूँ, कृपया स्वीकार करें।<br />................<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">वर्धा सम्मेलन: कुछ खट्टा, कुछ मीठा।</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">….अब आप अल्पना जी से विज्ञान समाचार सुनिए।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-23539981470858953462010-10-14T15:51:05.735+05:302010-10-14T15:51:05.735+05:30अज्ञेय जी पर बहुत ही सुंदर प्रस्तुतिअज्ञेय जी पर बहुत ही सुंदर प्रस्तुतिउपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-31723318255116901372010-10-14T12:52:37.520+05:302010-10-14T12:52:37.520+05:30अज्ञेय आधुनिक भावबोध के ऐसे कवि हैं जिन्होंने काव्...अज्ञेय आधुनिक भावबोध के ऐसे कवि हैं जिन्होंने काव्यभाषा और काव्यशिल्प की दृष्टि से खड़ी बोली की हिन्दी कविता को नयी समृद्धि दी है। उन्होंने छायावादी संस्कारों के प्रभाव से मुक्त होने में वह नई काव्यभाषा अर्जित की जिससे प्रयोगवाद और आगे नयी कविता की पहचान बनी।रीताhttps://www.blogger.com/profile/17969671221868500198noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-73467089214114303662010-10-14T12:49:48.794+05:302010-10-14T12:49:48.794+05:30संवेदना के कवि के रूप में उनकी एकदम अलग पहचान है। ...संवेदना के कवि के रूप में उनकी एकदम अलग पहचान है। वे आधुनिक भाव-बोध के कवि के रूप में जाने जाते हैं। उनकी दृष्टि में कविता का बहुत सारी चीज़ों के साथ संबंध बदल गया है। आज इनके परिचय के साथ इनकी कुछ रचनाओं के साथ की गयी समीक्षा अज्ञेय को समझाने में निश्चय ही सहायक बनी है!प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-53678258108644057672010-10-14T12:45:33.334+05:302010-10-14T12:45:33.334+05:30अज्ञेय आधिनिक युग के कवि थे। रचनाओं का मूल स्वर दा...अज्ञेय आधिनिक युग के कवि थे। रचनाओं का मूल स्वर दार्शनिक और चिन्तन-प्रधान है। आधुनिक भावबोध के ऐसे कवि हैं जिन्होंने काव्यभाषा और काव्यशिल्प की दृष्टि से खड़ी बोली की हिन्दी कविता को नयी समृद्धि दी है। आपके सराहनीय प्रयास को नमन।जुगल किशोरhttps://www.blogger.com/profile/13301162594819383710noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-5238908156349523312010-10-14T12:08:59.410+05:302010-10-14T12:08:59.410+05:30अज्ञेय को पढ़ना तो सरल है पर समझना कठिन ...मुझे ह...अज्ञेय को पढ़ना तो सरल है पर समझना कठिन ...मुझे हमेशा इनको समझने में कठिनाई हुई है ...आज इनके परिचय के साथ इनकी कुछ रचनाओं के साथ की गयी समीक्षा अज्ञेय को समझाने में निश्चय ही सहायक बनी है ...आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-84309589630172779972010-10-14T10:10:06.813+05:302010-10-14T10:10:06.813+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति!
regards,बहुत अच्छी प्रस्तुति!<br />regards,अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-69032110370551240572010-10-14T09:40:35.896+05:302010-10-14T09:40:35.896+05:30अज्ञेय जी का परिचय अच्छा लगा। आपके सराहनीय प्रयास ...अज्ञेय जी का परिचय अच्छा लगा। आपके सराहनीय प्रयास को नमन।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-58359864459434129472010-10-14T09:35:03.035+05:302010-10-14T09:35:03.035+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति। अगेय जी को सादर श्रद्धाँजली।...बहुत अच्छी प्रस्तुति। अगेय जी को सादर श्रद्धाँजली। 3-4 दिन से छुट्टी पर थी अभी पिछली पोस्ट्स पढनी हैं। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-17922469986641983542010-10-14T07:36:09.970+05:302010-10-14T07:36:09.970+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति।
या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्य...<b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। <br />या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते।<br />नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।<br />नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!</b><br /><a href="http://manojiofs.blogspot.com/2010/10/39.html" rel="nofollow">आंच-39 (समीक्षा) पर<br />श्रीमती ज्ञानवती सक्सेना ‘किरण’ की कविता<br />क्या जग का उद्धार न होगा!, मनोज कुमार, “मनोज” पर! </a>मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com