tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post9084060935472497402..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: आधुनिक काल - भारतेन्दु हरिशचन्द्रराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-29685899759289206872012-08-28T00:14:49.003+05:302012-08-28T00:14:49.003+05:30खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है जो कि खमा...खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है जो कि खमाज थाट का सांध्यकालीन राग है, <br />स्वरों में कोमल निशाद और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं,<br />पंचम इसमें वर्जित है, पर <br />हमने इसमें अंत में पंचम का प्रयोग भी किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.<br />..<br /><br />हमारी फिल्म का संगीत वेद नायेर ने <br />दिया है... वेद जी को अपने संगीत कि प्रेरणा जंगल में चिड़ियों कि चहचाहट <br />से मिलती है...<br /><i>Here is my webpage</i> - <b><a href="http://www.youtube.com/watch?v=FbfbqR0ihfA" rel="nofollow">हिंदी</a></b>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-45202123820525314522012-08-04T23:02:09.847+05:302012-08-04T23:02:09.847+05:30भारतेंदु हरिश्चंद्र जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व प...भारतेंदु हरिश्चंद्र जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आपने बड़ी सूक्ष्मता के साथ प्रकाश डाला है ! उनका साहित्य युग प्रवर्तक था और लेखन शैली एवं उद्देश्य में क्रांतिकारी परिवर्तन का पक्षधर था ! आपके आलेख ने उनके बारे में इतनी विस्तृत जानकारी दी है कि पढ़ने का आनंद दोबाला हो गया ! इस सार्थक प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-17589956425594693912012-08-03T10:05:03.685+05:302012-08-03T10:05:03.685+05:30ग्यानवर्द्धक पोस्ट। धन्यवाद।ग्यानवर्द्धक पोस्ट। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-23709396985161385772012-08-02T22:20:37.311+05:302012-08-02T22:20:37.311+05:30अनामिका जी खडी बोली का व्यवस्थित रूप से शुभारम्भ क...अनामिका जी खडी बोली का व्यवस्थित रूप से शुभारम्भ करने वाले युग-प्रवर्त्तक कवि लेखक भारतेन्दु जी के विषय में यह दुर्लभ जानकारी देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवादगिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-41069950053987509102012-08-02T15:55:04.897+05:302012-08-02T15:55:04.897+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
श्रावणी पर्व और रक्षाबन्धन ...बहुत सुन्दर प्रस्तुति!<br />श्रावणी पर्व और रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-36909179634406707502012-08-02T14:47:05.428+05:302012-08-02T14:47:05.428+05:30जानकारी युक्त पोस्ट ... आभारजानकारी युक्त पोस्ट ... आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-71626706122916886802012-08-02T13:53:46.878+05:302012-08-02T13:53:46.878+05:30gyanvardhak jankari !gyanvardhak jankari !मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-70878672010935685232012-08-02T13:10:49.158+05:302012-08-02T13:10:49.158+05:30हिंदी साहित्य के आधार स्तंभों और उनके कृतित्व से प...हिंदी साहित्य के आधार स्तंभों और उनके कृतित्व से परिचय कराने का बहुत सराहनीय प्रयास...आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-31204886457496864882012-08-02T11:33:50.910+05:302012-08-02T11:33:50.910+05:30बहुत सुन्दर अनामिका जी....
संग्रहणीय पोस्ट....
इस ...बहुत सुन्दर अनामिका जी....<br />संग्रहणीय पोस्ट....<br />इस बेहतरीन जानकारी भरी पोस्ट के लिए आपका आभार.<br /><br />सादर<br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-89342759341362721142012-08-02T09:25:51.485+05:302012-08-02T09:25:51.485+05:30हिन्दी साहित्य के युग-निर्माताओंको सामने लाने हेतु...हिन्दी साहित्य के युग-निर्माताओंको सामने लाने हेतु आपका आभार !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-23910629323730735062012-08-02T08:01:04.453+05:302012-08-02T08:01:04.453+05:30अपने समय के साहित्यिक नेता भारतेंदु जी का आधुनिक ह...अपने समय के साहित्यिक नेता भारतेंदु जी का आधुनिक हिंदी साहित्य में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। वे बहुमुखी प्रतिभा के स्वामी थे। कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास, निबंध आदि सभी क्षेत्रों में उनकी देन अपूर्व है। भारतेंदु जी हिंदी में नव जागरण का संदेश लेकर अवतरित हुए। उन्होंने हिंदी के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण कार्य किया। उनका नाटक "अंधेर नगरी और चौपट राजा" आज भी उतना ही लोकप्रिय है जितना उनके जमाने में था। उनसे कितने ही प्रतिभाशाली लेखकों को जन्म मिला। मातृ-भाषा की सेवा में उन्होंने अपना जीवन ही नहीं संपूर्ण धन भी अर्पित कर दिया। हिंदी भाषा की उन्नति के लिए वे जीवन पर्यंत कटिबद्ध रहे। इसका प्रमाण उनके निम्नलिखित दोहे से मिलता है-<br /><br />निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल।<br />बिन निज भाषा ज्ञान के मिटे न हिय को शूल।<br />प्रस्तुत पोस्ट से उनकी जीवनी एवं कृतित्व पर अच्छी जानकारी मिली । इस शानदार पोस्ट के लिए धन्यवाद।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.com