tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post909583001158203008..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: साहित्यकार-३ :: बाबा नागार्जुनराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-23012815186218557782010-09-27T11:18:20.060+05:302010-09-27T11:18:20.060+05:30भारत की भाषा के गर्व के बारे मे जानकारी पहुँचाने क...भारत की भाषा के गर्व के बारे मे जानकारी पहुँचाने के लिए बधाईप्रेम नारायण अहिरवालhttps://www.blogger.com/profile/08283876721046772135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-41513756592993429912010-09-26T20:41:16.980+05:302010-09-26T20:41:16.980+05:30मनोज जी, आपने बाबा के अंदाज में ही बाबा के व्यक्ति...मनोज जी, आपने बाबा के अंदाज में ही बाबा के व्यक्तित्व और कृतित्व को परोस दिया । कहने का यह अंदाज- बहुत भाता है(मुझे)। मैं इसे अभिव्यक्ति की इमानदार शैली कहता हूं। बाबा जन्म शताब्दि पर आपका यह आलेख बहुत महत्वपूर्ण है।<br />बहरहाल, मैं आज तक बाबा का कोई आकार नहीं बना सका। मुझे लगता है कि यह संभव ही नहीं है। ठेठ भी विद्वान भी। फक्कड़ भी और अक्खड़ भी। कवि कहूं, तो किसान भी कहना पड़ेगा। जनकवि तो वे थे ही, लेकिन कबीर ही नहीं थे- वे निराला, मुक्तिबोध और यहां तक की अज्ञेय के कोलॉज जैसे कुछ थे। वे वंचना के कवि (चरण गहो श्रीमानों का)हैं, आक्रोश (कौवा करे गंग स्नान) के कवि हैं, भाव के कवि (कालीदास सच-सच बतलाना), स्वप्न (बादल को घिरते देखा है) के भी कवि हैं। और हर बात में निराले हैं। दरअसल, बाबा जन्मना विद्रोही थे और उन्होंने ताजिंदगी कलम को हथियार बनाकर व्यवस्था के गिरोहबाजों से मोरचा लिया। आपने बहुत सही कहा है कि अपनी लयात्मकता और सपाटबयानी के चलते नागार्जुन हिन्दी में सबसे अधिक पठनीय कवि हैं। शायद यह गुण उन्हें मिथिला की मिट्टी से मिली होगी, जिसका उन्होंने भरपूर इस्तेमाल किया। <br />इस महत्वपूर्ण रचना के लिए आपको बधाई।<br />आपका<br />रंजीतरंजीत/ Ranjithttps://www.blogger.com/profile/03530615413132609546noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-90837172131771620212010-09-26T01:44:34.323+05:302010-09-26T01:44:34.323+05:30बाबा तो बड़े निराले हैं...
______________________...बाबा तो बड़े निराले हैं...<br /><br />_________________________<br />'पाखी की दुनिया' में- डाटर्स- डे पर इक ड्राइंग !Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-12720282619245757232010-09-26T00:24:13.182+05:302010-09-26T00:24:13.182+05:30साहित्य के इस संत का सत्संग इस द्वार पर ही सम्भव ह...साहित्य के इस संत का सत्संग इस द्वार पर ही सम्भव है..बाबा नागार्जुन के जिवन के अनछुए पहलू हमारे सम्क्ष उद्घाटित करने का ध्नयवाद! नमन हे महामुने!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-76025425305948507022010-09-25T23:50:46.366+05:302010-09-25T23:50:46.366+05:30घूम-घूम कर जीवन के विविध रंगों से परिचित होने और फ...घूम-घूम कर जीवन के विविध रंगों से परिचित होने और फिर उससे अन्य पाठकों को भी अवगत कराने की परम्परा को जारी रखने की ज़रूरत है।शिक्षामित्रhttps://www.blogger.com/profile/15212660335550760085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-2612711725650922782010-09-25T23:42:46.690+05:302010-09-25T23:42:46.690+05:30अफसोस,कि आखिरी दिनों में उन्हें व्यवस्था से वह सहय...अफसोस,कि आखिरी दिनों में उन्हें व्यवस्था से वह सहयोग नहीं मिला जो अपेक्षित था। सत्ता को गरियाने वाले अधिकतर साहित्यकारों को यही दिन देखना पड़ा है।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-61011909481781537982010-09-25T20:49:21.271+05:302010-09-25T20:49:21.271+05:30नागार्जुन के एक साथ इतने चित्र देखे। अच्छा लगा।
सं...नागार्जुन के एक साथ इतने चित्र देखे। अच्छा लगा।<br />संतुलित परिचय आलेख।<br /><br />शुक्रिया।समयhttp://main-samay-hoon.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-51831640838173184932010-09-25T18:56:37.172+05:302010-09-25T18:56:37.172+05:30सचमुच बाबा नागार्जुन आधुनिक कबीर थे। उनके व्यक्तित...सचमुच बाबा नागार्जुन आधुनिक कबीर थे। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से परिचित कराने के लिए धन्यवाद।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-33398104638002251122010-09-25T18:47:13.951+05:302010-09-25T18:47:13.951+05:30बाबा नागार्जुन की तो बहुत सारी स्मृति
हम अपने हृद...बाबा नागार्जुन की तो बहुत सारी स्मृति <br />हम अपने हृदय में संजोए हुए हैं!<br />--<br />बाबा की याद दिलाने के लिए <br />आपका बहुत बहुत आभारडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-26804874840355874162010-09-25T15:44:34.491+05:302010-09-25T15:44:34.491+05:30आपका भी आभार मनोज जी। एक विशिष्ट व्यक्तित्व से मिल...आपका भी आभार मनोज जी। एक विशिष्ट व्यक्तित्व से मिलने का अवसर मिला। अच्छा लगा पढ़कर।सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-52919353442636585962010-09-25T14:02:49.469+05:302010-09-25T14:02:49.469+05:30बाबा नागार्जुन के बारे में इतना कुछ जानकर अच्छा लग...बाबा नागार्जुन के बारे में इतना कुछ जानकर अच्छा लगा..सार्थक पोस्ट. <br />______________<br />'शब्द-शिखर'- 21 वीं सदी की बेटी.Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-75831200373535157472010-09-25T12:45:09.274+05:302010-09-25T12:45:09.274+05:30बाबा नागार्जुन के बारे में विस्तृत जानकारी मिली .....बाबा नागार्जुन के बारे में विस्तृत जानकारी मिली ...बहुत करीने से लिखा लेख अच्छा लगा ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-19493193053031963922010-09-25T11:58:19.626+05:302010-09-25T11:58:19.626+05:30बाबा के बारे में लिखने के लिए आभार। अच्छी जानकारिय...बाबा के बारे में लिखने के लिए आभार। अच्छी जानकारियां दी हैं आपने। बाबा के चटोरेपन के बारे में अशोक चक्रधर लिखते हैं कि यह तब तक ही दिखता था, जब तक पकवान स्टोव पर होता। वह खुद थोड़ा सा ही खाते और सबकी चिंता भी रखते। <br /><br />http://sudhirraghav.blogspot.com/सुधीर राघवhttps://www.blogger.com/profile/00445443138604863599noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-49935646401773660332010-09-25T11:58:18.190+05:302010-09-25T11:58:18.190+05:30बाबा के बारे में लिखने के लिए आभार। अच्छी जानकारिय...बाबा के बारे में लिखने के लिए आभार। अच्छी जानकारियां दी हैं आपने। बाबा के चटोरेपन के बारे में अशोक चक्रधर लिखते हैं कि यह तब तक ही दिखता था, जब तक पकवान स्टोव पर होता। वह खुद थोड़ा सा ही खाते और सबकी चिंता भी रखते। <br /><br />http://sudhirraghav.blogspot.com/सुधीर राघवhttps://www.blogger.com/profile/00445443138604863599noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-66778850854583371632010-09-25T09:16:30.120+05:302010-09-25T09:16:30.120+05:30बहुत बढ़िया प्रस्तुति .आभारबहुत बढ़िया प्रस्तुति .आभारASHOK BAJAJhttps://www.blogger.com/profile/07094278820522966788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-62211755624436983932010-09-25T09:09:19.785+05:302010-09-25T09:09:19.785+05:30bahut sundar aur sangrahaniya post hetu dhanyavad!...bahut sundar aur sangrahaniya post hetu dhanyavad!<br />treasurable!!!!<br />regards,अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-65255018600902990132010-09-25T07:30:09.473+05:302010-09-25T07:30:09.473+05:30इस प्रस्तुति के लिये आभार और धन्यवाद.इस प्रस्तुति के लिये आभार और धन्यवाद.ज़मीरhttps://www.blogger.com/profile/03363292131305831723noreply@blogger.com