tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post2207687589278060573..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: कविताराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-35127091009957018802012-11-25T00:54:10.418+05:302012-11-25T00:54:10.418+05:30अब उसे मालूम है कि कविता
घेराव में
किसी बौखलाये हु...अब उसे मालूम है कि कविता<br />घेराव में<br />किसी बौखलाये हुए आदमी का<br />संक्षिप्त एकालाप है............. अति उत्तमShrikant Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/09285808510736327411noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-64580549078195238382011-07-21T09:38:49.748+05:302011-07-21T09:38:49.748+05:30बहुत अरसे बाद धूमिल की एक और रचना हमेशा शशक्त , और...बहुत अरसे बाद धूमिल की एक और रचना हमेशा शशक्त , और मेरे लिए कविता लिखने की एक प्रेरणा भी .Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08928212793008107322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-88305399524656354492011-07-15T21:38:40.799+05:302011-07-15T21:38:40.799+05:30गूढ़ रचना.गूढ़ रचना.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-84281444057714244622011-07-15T15:40:11.672+05:302011-07-15T15:40:11.672+05:30गूढार्थ लिये अति उत्तम अभिव्यक्ति।गूढार्थ लिये अति उत्तम अभिव्यक्ति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-14940556415019981432011-07-15T13:59:20.093+05:302011-07-15T13:59:20.093+05:30आज 15- 07- 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है ...आज 15- 07- 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....<br /><br /><br /><a href="http://tetalaa.nukkadh.com/2011/07/blog-post_15.html" rel="nofollow"> ...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर </a><br />____________________________________संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-90983252070074367102011-07-15T13:54:00.158+05:302011-07-15T13:54:00.158+05:30उसने जाना कि हर लड़की
तीसरे गर्भपात के बाद
धर्मश...उसने जाना कि हर लड़की<br /><br />तीसरे गर्भपात के बाद<br /><br />धर्मशाला हो जाती है और कविता<br /><br />हर तीसरे पाठ के बाद<br /><br />क्या बात कही है.विचारणीय रचना.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-5040734037530420482011-07-15T13:07:58.953+05:302011-07-15T13:07:58.953+05:30samaj ke yatharth ko udghatit karti DHOOMIL ji ki ...samaj ke yatharth ko udghatit karti DHOOMIL ji ki yah kavita sarahniy hai .aapne ise yahan prastut kiya hai aapka aabhar .Shikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-11048484216262641742011-07-15T11:15:43.144+05:302011-07-15T11:15:43.144+05:30गुरु पूर्णिमा की बधाई .
आपको मेरी हार्दिक शुभकामना...गुरु पूर्णिमा की बधाई .<br />आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें.<br /><br />आप का बलाँग मूझे पढ कर अच्छा लगा , मैं भी एक बलाँग खोली हू<br />लिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/<br /><br />अगर आपको love everbody का यह प्रयास पसंद आया हो, तो कृपया फॉलोअर बन कर हमारा उत्साह अवश्य बढ़ाएँ।vidhyahttps://www.blogger.com/profile/04419215415611575274noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-60835141392490173602011-07-15T08:22:28.474+05:302011-07-15T08:22:28.474+05:30गहनता लिए विचारणीय प्रस्तुतिगहनता लिए विचारणीय प्रस्तुतिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-7436033993531775022011-07-15T07:55:00.605+05:302011-07-15T07:55:00.605+05:30एक सम्पूर्ण स्त्री होने के पहले ही
गर्भाधान की क...एक सम्पूर्ण स्त्री होने के पहले ही <br /><br />गर्भाधान की क्रिया से गुज़रते हुए <br /><br />उसने जाना कि प्यार <br /><br />घनी आबादीवाली बस्तियों में <br /><br />मकान की तलाश है <br /><br />लगातार बारिश में भींगते हुए <br /><br />उसने जाना कि हर लड़की <br /><br />तीसरे गर्भपात के बाद <br /><br />धर्मशाला हो जाती है और कविता <br /><br />हर तीसरे पाठ के बाद।<br /><br />साठोत्तरी कविता के जनक कवि 'सुदामा पाण्डेय धूमिल' ने अपनी तदयुगीन रचनाओं को उसी सामाजिक परिप्रेक्ष्य की पृष्ठभूनि को केंन्द्रित कर प्रस्तुत किया है जिसने उन्होंने जिया है,उसे नजदीक से देखा है और तदुपरांत अपनी भावनाओं को मूर्त रूप दिया है। इस कविता में गूढ़ सत्यों के अन्वेषक धूमिल ने सामान्य चालू भाषा का प्रयोग कर अपने काव्य-कौशल का अप्रतिम प्रतिमूर्ति प्रस्तुत किया है। इसे प्रस्तुत करने के लिए आप विशेष प्रशंसा के पात्र हैं। धन्यवाद सहित।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.com