tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post417777201844514117..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: दोहावली ...भाग -- 8 ... / संत कबीरराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-59081940668298202482012-04-21T22:56:14.061+05:302012-04-21T22:56:14.061+05:30behtareen prastuti.
aabhar ise ham tak pahuchane ...behtareen prastuti.<br /><br />aabhar ise ham tak pahuchane k liye.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-1656525817673187582012-04-20T15:27:37.924+05:302012-04-20T15:27:37.924+05:30दिल का मरहम ना मिला, जो मिला सो गर्जी ।
कह कबीर ...दिल का मरहम ना मिला, जो मिला सो गर्जी । <br /><br />कह कबीर आसमान फटा, क्योंकर सीवे दर्जी ॥ 76 ॥<br />वाह..कबीर की वाणी अनुपम है, आभार इस सुंदर प्रस्तुति के लिये !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-50159210897420864692012-04-20T13:34:25.994+05:302012-04-20T13:34:25.994+05:30bahut sundar v sarthak dohe chune hain aapne kabee...bahut sundar v sarthak dohe chune hain aapne kabeerdas ji ke .aabhar <br /><br /><a href="http://www.facebook.com/INDIAGOLD" rel="nofollow">LIKE THIS PAGE AND WISH OUR INDIAN HOCKEY TEAM FOR LONDON OLYMPIC </a>Shikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-85491055832228620292012-04-20T12:12:39.189+05:302012-04-20T12:12:39.189+05:30सार्थक पोस्ट, आभार.सार्थक पोस्ट, आभार.S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-2493019694426182762012-04-20T11:17:40.875+05:302012-04-20T11:17:40.875+05:30जल ज्यों प्यारा माहरी, लोभी प्यारा दाम ।
माता प्...जल ज्यों प्यारा माहरी, लोभी प्यारा दाम । <br /><br />माता प्यारा बारका, भगति प्यारा नाम ॥ 75 ॥<br /><br /><br />दिल का मरहम ना मिला, जो मिला सो गर्जी । <br /><br />कह कबीर आसमान फटा, क्योंकर सीवे दर्जी ॥ 76 ॥<br /><br /><br />बानी से पह्चानिये, साम चोर की घात । <br /><br />अन्दर की करनी से सब, निकले मुँह कई बात ॥ 77 ॥<br /><br />बेहतरीन दोहावली………हार्दिक आभारvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-24677563130852657762012-04-20T10:00:59.821+05:302012-04-20T10:00:59.821+05:30राधारमण जी ,
आभार
जहां तक ऊपर के दोहों में नाम...राधारमण जी , <br />आभार <br /><br />जहां तक ऊपर के दोहों में नाम शब्द की बात है तो मुझे ऐसा लगता है कि पहली बार नाम शब्द ईश्वर के लिए आया है और दूसरी बार विशेषण के रूप में ... अर्थात ....कबीर दास कहते हैं कि स्वयं का विवेक बेकार हो चुका है जो संत असंत को नहीं पहचानता ... जिनके आगे पीछे लोग रहते हैं उनको ही महंत के नाम से पुकारा जाता है ॥संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-79079163677853451452012-04-20T09:51:43.498+05:302012-04-20T09:51:43.498+05:30ये अनमोल बातें हैं,हालांकि इनमें से एकाध अब थोड़ी ...ये अनमोल बातें हैं,हालांकि इनमें से एकाध अब थोड़ी पुरानी पड़ गई हैं। मसलन,जब लग नाता जगत का, तब लग भक्ति न होय। इसलिए,हम देखते हैं कि दुनिया में सबसे गरीब हालत में कबीरपंथी ही हैं।नवसंन्यासवाद कहता है कि जगत में रहकर ही हर कोई भक्त हो सकता है क्योंकि यह जगत मिथ्या नहीं है। <br /><br />ऊपर के दो दोहों में "नाम" शब्द आया है। यह शब्द भौतिक अर्थों वाला नहीं है।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-60819787871384502442012-04-20T09:28:57.836+05:302012-04-20T09:28:57.836+05:30मन को सुकून पहुंचाने वाले दोहे ।मन को सुकून पहुंचाने वाले दोहे ।अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-85493101477280343912012-04-20T08:39:49.129+05:302012-04-20T08:39:49.129+05:30सुन्दर प्रस्तुति |
आभार ||सुन्दर प्रस्तुति |<br />आभार ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com