tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post6185485068369495322..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: प्रेमचंद युग और उस समय की परिस्थितियांराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-11916639176990891882023-06-18T11:10:32.611+05:302023-06-18T11:10:32.611+05:30प्रेमचंद को किस युग का वास्तविक लेखक मानेप्रेमचंद को किस युग का वास्तविक लेखक मानेMr. Lalit kumarhttps://www.blogger.com/profile/11318613490914933030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-76287863465054701252021-12-17T19:08:52.304+05:302021-12-17T19:08:52.304+05:30Premchand yug kaha se kaha tak mana jata hePremchand yug kaha se kaha tak mana jata heAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/13020597359517909125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-89197834851895142962012-08-28T00:58:10.358+05:302012-08-28T00:58:10.358+05:30खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है
जो कि खम...खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है <br />जो कि खमाज थाट का सांध्यकालीन राग है, स्वरों में कोमल निशाद और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं, पंचम इसमें वर्जित है, पर हमने इसमें अंत में पंचम का <br />प्रयोग भी किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता <br />है...<br /><br />हमारी फिल्म का संगीत वेद नायेर ने <br />दिया है... वेद जी को अपने संगीत <br />कि प्रेरणा जंगल में चिड़ियों कि चहचाहट से मिलती <br />है...<br /><i>Here is my webpage</i> ... <b><a href="http://www.youtube.com/watch?v=FbfbqR0ihfA" rel="nofollow">फिल्म</a></b>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-48551483503213153442012-07-14T15:03:52.616+05:302012-07-14T15:03:52.616+05:30आप सब ने इस शृंखला में इतनी रूचि ली और यहाँ आये. आ...आप सब ने इस शृंखला में इतनी रूचि ली और यहाँ आये. आपकी आभारी हूँ.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-20559732682763323832012-07-14T15:00:49.319+05:302012-07-14T15:00:49.319+05:30मनोज जी अगली कड़ी में इन्ही सब बातों का उल्लेख रहे...मनोज जी अगली कड़ी में इन्ही सब बातों का उल्लेख रहेगा....बस थोड़ा इंतजार कीजिये. <br /><br />धन्यवाद.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-31786084786584192762012-07-11T23:29:53.835+05:302012-07-11T23:29:53.835+05:30प्रेमचंद के जीवन की परिस्थितियाँ उनसे लिखवाती रहीं...प्रेमचंद के जीवन की परिस्थितियाँ उनसे लिखवाती रहीं ,और वे आपनी आँखों-देखी ईमानदारी से अंकित करते रहे समाज के प्रति अपना दायित्व उन्होंने पूरी तरह निभाया . साहित्य को वायवी वस्तु नमान कर ठोस धरती की आधारभूमि पर प्रतिष्ठित किया .ग्रामीण जीवन का ऐसा महाकाव्य इससे पहले हिन्दी जगत के लिये अलभ्य था .<br />हमारा साहित्य उनका सदा ऋणी रहेगा !<br />अनामिका जी ,आज के पाठकों को उनसे मिलवाने के लिये आभार !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-20444893102767553042012-07-11T22:35:16.403+05:302012-07-11T22:35:16.403+05:30अनामिका जी,
सबसे पहले तो आभार आपका कि आप हमारे आयो...अनामिका जी,<br />सबसे पहले तो आभार आपका कि आप हमारे आयोजन में शामिल हुईं और इस बेहतरीन रचना को “राजभाषा हिंदी” ब्लॉग के पाठक के सामने लाईं। मुझे आशा है कि ३१ जुलाई तक आप पुनः प्रेमचन्द जी के किसी और पक्ष को लेकर आएंगी।<br />इस आलेख के संबंध में इतना ही कहना है कि प्रेमचन्द हिन्दी साहित्य में युग प्रवर्तक रचनाकार के रूप में जाने जाते हैं। वे युगदृष्टा हैं। वे अपने समय की राजनीतिक, सामाजिक व सांस्कृतिक अस्थिरता से भलीभाँति परिचित थे। उनके समय स्वतंत्रता संग्राम के कारण देश की राजनीति में सत्ता व जनता के मध्य टकराव जारी था तो समाज में सामंती-महाजनी सभ्यता अपने चरम पर थी। शोषण और शोषित के बीच खाई बढ़ती जा रही थी। गरीब त्रासदपूर्ण जीवन जीने के लिए विवश था। प्रेमचन्द ने मध्य और निर्बल वर्ग की नब्ज पर हाथ रखा और उनकी समस्याओं, जैसे विधवा विवाह, अनमेल विवाह, वेश्यावृत्ति, आर्थिक विषमता, पूँजीवादी शोषण, महाजनी, किसानों की समस्या तथा मद्यपान आदि को अपनी कहानी का कथानक बनाया। तत्कालीन परिस्थितियों में शायद ही कोई ऐसा विषय छूटा हो जिसे प्रेमचन्द ने अपनी रचनाओं में जीवंत न किया हो।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-39422114598224637322012-07-11T21:41:54.287+05:302012-07-11T21:41:54.287+05:30प्रेमचंद युगीन परिस्थितियों को जानना अच्छा लगा। सा...प्रेमचंद युगीन परिस्थितियों को जानना अच्छा लगा। साहित्य समाज का दर्पण है। यह बात मुंशी प्रेमचंद के उपन्यासों पर शब्दश: लागू होती है।मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-14165091551337423152012-07-11T21:21:22.940+05:302012-07-11T21:21:22.940+05:30प्रेम चंद जी के लेखन में सबसे अच्छी बात यह है कि आ...प्रेम चंद जी के लेखन में सबसे अच्छी बात यह है कि आप खुद को उनको पात्रों से जुड़ा हुआ पाते हैं. यही बात दिलको छू जाती है. बहुत सुंदर आलेख पठनीय और संग्रहणीय.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-32076673734456398632012-07-11T20:40:31.494+05:302012-07-11T20:40:31.494+05:30बहुत सारगर्भित आलेख...बहुत सारगर्भित आलेख...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-44988471814739239022012-07-11T19:55:28.577+05:302012-07-11T19:55:28.577+05:30लेखक का लिखा आमजन समझ ही न सके तो इसका क्या औचित्...लेखक का लिखा आमजन समझ ही न सके तो इसका क्या औचित्य ?<br />अपनी कहानियों में प्रेमचंद ने सामाजिक समस्याओं को शामिल किया था ..<br />वे जन जन के लेखक थे ..<br /> उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-5642027984244893292012-07-11T16:12:54.886+05:302012-07-11T16:12:54.886+05:30प्रेमचंद मेरे बहुत ही प्रिय कथाकार हैं ! उनकी हर र...प्रेमचंद मेरे बहुत ही प्रिय कथाकार हैं ! उनकी हर रचना मन पर अक्षुण्ण प्रभाव छोडती है और आत्म चिंतन के लिए विवश करती है ! उनके साहित्य को जिन सामाजिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक परिस्थतियों ने गहराई से प्रभावित किया उन पर आपने बहुत अच्छा प्रकाश डाला है ! प्रेमचंद पर और प्रस्तुतियों की प्रतीक्षा रहेगी ! आभार आपका !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-27687374404849802202012-07-11T14:26:23.616+05:302012-07-11T14:26:23.616+05:30sangrahneey shrinkhlasangrahneey shrinkhlaअरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-33383702806358635132012-07-11T14:05:29.404+05:302012-07-11T14:05:29.404+05:30प्रेमचंद जी भी अपने वक़्त में जीते थे उनकी हर रचना...प्रेमचंद जी भी अपने वक़्त में जीते थे उनकी हर रचना में हर कहानी वो परिवेश स्पष्ट झलकता है प्रेम चाँद जी की कहानियां आज भी वैसे ही याद है प्रेम चंद जी को नमन आपको बहुत आभारRajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-84791058759304495002012-07-11T13:57:24.598+05:302012-07-11T13:57:24.598+05:30साहित्य हमारे समाज का आइना होता है ..इस बात को प्र...साहित्य हमारे समाज का आइना होता है ..इस बात को प्रेमचंद की रचनाओं में सार्थक रूप से पाया जाता है.<br />बहुत अच्छी पोस्ट.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-61471932266769927312012-07-11T12:23:54.901+05:302012-07-11T12:23:54.901+05:30प्रेमचंद जी का साहित्य जिन परिस्थितियों कों रेखांक...प्रेमचंद जी का साहित्य जिन परिस्थितियों कों रेखांकित करता है अपना समाज आज भी उनसे ज्यादा बाहर नहीं है ... बहुत अच्छा लिखा है आपने ..दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-42487639761158708972012-07-11T10:20:20.013+05:302012-07-11T10:20:20.013+05:30मुंशी प्रेम चंद के साहित्य को उस समय की परिस्थितिय...मुंशी प्रेम चंद के साहित्य को उस समय की परिस्थितियों के अनुरूप जानना अच्छा लगा ॥संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-36665220370592125222012-07-11T08:48:32.350+05:302012-07-11T08:48:32.350+05:30बहुत उपयोगी जानकारी .....बहुत उपयोगी जानकारी .....Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-28459209538192775722012-07-11T07:19:11.822+05:302012-07-11T07:19:11.822+05:30प्रेमचंद ही एक ऐसे साहित्यकार हैं जिन्हें शायद हर ...प्रेमचंद ही एक ऐसे साहित्यकार हैं जिन्हें शायद हर बच्चे ने पढ़ा होगा और समझा होगा...<br />पूरे माह उनके विषय में पढ़ना सुखकर होगा.<br />आभार<br /><br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com