tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post6758676451382097256..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: समालोचनाराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-86286335459448056162011-07-01T04:27:10.278+05:302011-07-01T04:27:10.278+05:30आलोचना के सिद्धांत और प्रकार को समझा ...
ज्ञानवर्ध...आलोचना के सिद्धांत और प्रकार को समझा ...<br />ज्ञानवर्धक आलेख !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-8881571054066424332011-06-30T02:28:40.169+05:302011-06-30T02:28:40.169+05:30मेरे जैसे जिज्ञासु के लिए ये पारिभाषिक शब्द मायने ...मेरे जैसे जिज्ञासु के लिए ये पारिभाषिक शब्द मायने रखते हैं .सामालोचना के प्रकार .आलोच्य विषय का अनुशीलन ,मनन ,सम्प्रेषण और सबसे बढ़कर ,पढ़ना रचना को ,पढ़कर रचना के प्रति बाल भाव ,बालकों सा कौतुक रखना .लेकिन इस दौर में तो मठाधीशों ने खूब चांदी कूटी .हिंदी आलोचना के बारे में कहा जाता है -आलोचना करने के लिए आलोच्य विषय से वाकिफ होना ज़रूरी नहीं है .यहाँ कई नाम -वर लोग अपने प्रभा मंडल के गिर्द ही आलोचना को समेटे रहें हैं .मैं विज्ञान का विद्यार्थी बराबर गोष्ठियों में भी शिरकत करता रहा हूँ .सागर में जब पढता था -वहां डॉ .धीरेन्द्र वर्मा और बाजपई नन्द दुलारे का दरबार देखा ,दिल्ली में डॉ नगेन्द्र ,बाद उसके नामवर सिंह जी का रूतबा देखा .एक मर्तबा ये सज्जन रोहतक विश्विद्यालय के हिंदी विभाग में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे .विषय वही -आलोचना ।<br />भाई साहब कहने लगे हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की विधिवत शिक्षा नहीं हुई थी .बारहवीं पास थे .पंजाब विश्व -विद्यालय में जब प्रोफ़ेसर बनाने की बात चली तो उनकी शैक्षिक योग्यताओं पर एतराज उठा ।<br />इसी तर्क को यदि आगे बढा या जाए तो कबीर ,संत साहित्य की धारा के अन्य कवि-गण तो अंगूठा छाप थे क्या उन्हें साहितियिक कूड़े दान में फैंक दिया जाए .हमने उस एक तरफा संवाद में यह सवाल पूछकर उस साहित्यिक सन्नाटे को तोड़ा था .अपना कुछ बिगड़ना भी नहीं था .हम तो यूनिवर्सिटी कोलिज में भौतिकी पढ़ाते थे ।<br />तो ज़नाब समालोचक गधेको घोड़ा बतला सकता है .घोड़े को साहित्यिक खच्चर .क्या कर लोगे उसका अगर वह कहे -दो और दो पांच होतें हैं ।<br />मार्क्स वादी आलोचक किताबों में कैद हैं परिभाषा के काम आतें हैं .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-86035141147845729612011-06-29T23:10:43.567+05:302011-06-29T23:10:43.567+05:30काला धन और भ्रष्टाचार पर आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर...काला धन और भ्रष्टाचार पर आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में किसकी आलोचना किस श्रेणी में रखी जाए?कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-8534494411687734962011-06-29T22:55:32.843+05:302011-06-29T22:55:32.843+05:30Behad achhe prastuti! Wah! Aapka wachan-pathan bhe...Behad achhe prastuti! Wah! Aapka wachan-pathan bhee kitna wistrut hai,ye aalekh dikha deta hai!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-73935457203127723302011-06-29T22:29:23.657+05:302011-06-29T22:29:23.657+05:30आलोचना/समालोचना......विस्तृत विश्लेषण...आनन्द आ गय...आलोचना/समालोचना......विस्तृत विश्लेषण...आनन्द आ गया पढ़कर....ज्ञानवर्धक. आभार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-83096428592520221822011-06-29T21:14:32.673+05:302011-06-29T21:14:32.673+05:30alochna ki is prabhawshali vyakhya ke liye dhanywa...alochna ki is prabhawshali vyakhya ke liye dhanywad.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-48660182379654674412011-06-29T20:58:38.559+05:302011-06-29T20:58:38.559+05:30बहुत ज्ञानवर्द्धक लेख ..बहुत ज्ञानवर्द्धक लेख ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-29907321161054128002011-06-29T20:48:39.817+05:302011-06-29T20:48:39.817+05:30सुन्दर और सुव्यवस्थित ढंग से समालोचना की विवेचना ....सुन्दर और सुव्यवस्थित ढंग से समालोचना की विवेचना ..M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-80814905484544359612011-06-29T19:20:14.126+05:302011-06-29T19:20:14.126+05:30पढकर बहुत कुछ सीखने को मिला!!पढकर बहुत कुछ सीखने को मिला!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-74934125443482815572011-06-29T17:31:35.673+05:302011-06-29T17:31:35.673+05:30सारगर्भित एवं ज्ञानपरक आलेख.सारगर्भित एवं ज्ञानपरक आलेख.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-57590894742162172422011-06-29T15:33:55.841+05:302011-06-29T15:33:55.841+05:30समालोचना के विभिन्न रूपों की व्याख्या एक अलग ही दृ...समालोचना के विभिन्न रूपों की व्याख्या एक अलग ही दृष्टिकोण है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-64123477227723456662011-06-29T13:15:51.642+05:302011-06-29T13:15:51.642+05:30आज पता चला ...आलोचना और समालोचनाआज पता चला ...आलोचना और समालोचनाbabanpandeyhttps://www.blogger.com/profile/17780357103706948852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-2591425593236186762011-06-29T12:25:10.907+05:302011-06-29T12:25:10.907+05:30आलोचना और समालोचना के विभिन्न पहलुओं पर गहन विश्ल...आलोचना और समालोचना के विभिन्न पहलुओं पर गहन विश्लेषण अच्छा लगागिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-50859789725811345112011-06-29T12:07:37.562+05:302011-06-29T12:07:37.562+05:30सारगर्भित और सटीक आलेख्।सारगर्भित और सटीक आलेख्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-64751017093021911662011-06-29T11:33:32.198+05:302011-06-29T11:33:32.198+05:30विश्लेषणात्मक प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी । धन्यवाद।विश्लेषणात्मक प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी । धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-63164567712363082072011-06-29T10:51:13.268+05:302011-06-29T10:51:13.268+05:30समालोचना सिद्धांत और उसके विभिन्न पहलुओं पर एक विस...समालोचना सिद्धांत और उसके विभिन्न पहलुओं पर एक विस्तृत समीक्षा बहुत ही ज्ञानवर्धक है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-4659099154655759082011-06-29T09:53:41.329+05:302011-06-29T09:53:41.329+05:30आलोचना पर विस्तृत आलेख के लिए आभार।आलोचना पर विस्तृत आलेख के लिए आभार।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-37314866115431702412011-06-29T09:07:23.598+05:302011-06-29T09:07:23.598+05:30chhidranveshan ke liye aabharchhidranveshan ke liye aabharAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14612724763281042484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-25285506720479515382011-06-29T07:39:09.806+05:302011-06-29T07:39:09.806+05:30संक्षिप्त में कहना चाहूँगा कि -आलोचना का एक अर्थ आ...संक्षिप्त में कहना चाहूँगा कि -आलोचना का एक अर्थ आत्मलोचन भी है-जहाँ देखने का अर्थ है अपने आप को न देखना,बल्कि खुली आँखों से जीवन, जगत, इतिहास,वर्तमान को देखना और भविष्य की रूप रेखा को निर्धारित करना। आलोचना की तीक्ष्ण दृष्टि केवल दिखती नही दिखाती भी है और एक प्रकार से वह समाज के आलोचना से भी जुड़ जाती है।आलोचना के सलीके और आलोचना की समझ के बिना न तो साहित्य पूर्ण हो सकता,न ही साहित्य का अध्येता। हिंदी समाज में साहित्यिक विवेक का संचार करने में आलोचना एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। लेकिन इस सत्य से विनुख होना एक कठिन कार्य है कि आलोचना कर्म अपने शुरूआती दौर से ही कंटक पथ पर चलता आ रहा है। पोस्ट,परिभाषा एवं विश्लेषणात्मक प्रस्तुति अच्छी लगी।<br />धन्यवाद सहित।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.com