tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post6771282904652941675..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: फूलहार से स्वागतराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-73941943234932547382011-10-24T17:37:32.821+05:302011-10-24T17:37:32.821+05:30अनुकरणीय!
पर उनके नाम को तो आज बेचा जा रहा है|
दीव...अनुकरणीय!<br />पर उनके नाम को तो आज बेचा जा रहा है|<br />दीवाली के समय पर दिवाला निकल रहा है और धन तेरस के दिन कई लोग धन को तरस रहे हैं|<br />आशा और उम्मीद है हम सभी देश में फैले इस अंधियारे को दूर भगायेंगे| इन्ही तरह की रचनाएँ और प्रेरक प्रसंग इस में सहयोगी होंगे|<br />दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें!<br />जहां जहां भी अन्धेरा है, वहाँ प्रकाश फैले इसी आशा के साथ!<br />chandankrpgcil.blogspot.com<br />dilkejajbat.blogspot.com<br />पर कभी आइयेगा| मार्गदर्शन की अपेक्षा है|चंदनhttps://www.blogger.com/profile/07421884253788583868noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-40060018677716265502011-10-24T08:49:29.835+05:302011-10-24T08:49:29.835+05:30बहुत ही अनुकरणीय प्रसंग है।बहुत ही अनुकरणीय प्रसंग है।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-73401701790675853682011-10-24T08:17:02.756+05:302011-10-24T08:17:02.756+05:30बहुत अच्छा व संदेशपूर्ण लेख,आपने सही कहा बापू सदा ...बहुत अच्छा व संदेशपूर्ण लेख,आपने सही कहा बापू सदा दूसरोँ के लिए व हितकारी ही सोचते करते थे इसिलिये वो राष्ट्रपिता व महात्मा थे।Humanhttps://www.blogger.com/profile/04182968551926537802noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-60847618723899512382011-10-23T23:45:23.331+05:302011-10-23T23:45:23.331+05:30वे सबके बापू थे ..
.. सपरिवार आपको दीपावली की शुभक...वे सबके बापू थे ..<br />.. सपरिवार आपको दीपावली की शुभकामनाएं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-27991182230595343302011-10-23T22:50:08.037+05:302011-10-23T22:50:08.037+05:30यह वाकया पढ़ा था पहले भी…इसमें एक और बात थी कि आयो...यह वाकया पढ़ा था पहले भी…इसमें एक और बात थी कि आयोजक से गाँधी जी पूछते हैं कि वह तो गाँधी जी का लिखा पढ़ता है, फिर ऐसा क्यों?…चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-14324215420959927042011-10-23T12:49:33.331+05:302011-10-23T12:49:33.331+05:30दीपावली की शुभकामनाएं ||
सुन्दर प्रस्तुति की बहुत ...दीपावली की शुभकामनाएं ||<br />सुन्दर प्रस्तुति की बहुत बहुत बधाई ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-26268239555489882842011-10-23T10:50:57.422+05:302011-10-23T10:50:57.422+05:30सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें.
समय- समय...सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें.<br /><br />समय- समय पर मिले आपके स्नेह, शुभकामनाओं तथा समर्थन का आभारी हूँ. <br /><br />प्रकाश पर्व( दीपावली ) की आप तथा आप के परिजनों को मंगल कामनाएं.S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-71245634387907371342011-10-23T10:10:05.630+05:302011-10-23T10:10:05.630+05:30काश फिजूलखर्ची पर आज किसी नेता की नज़र जाती ... अब...काश फिजूलखर्ची पर आज किसी नेता की नज़र जाती ... अब तो अनशन पर ही करोड़ों रुपया खर्च कर दिया जाता है ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-77400461581581719922011-10-23T08:59:38.239+05:302011-10-23T08:59:38.239+05:30लेकिन गांधीजी के चेलों ने तो चापलूसी की सारी ही दी...लेकिन गांधीजी के चेलों ने तो चापलूसी की सारी ही दीवारे तोड़ दी हैं। सूत की माला पहनने से ही कुछ नहीं होता, आज देखो सारा हिन्दुस्थान गाँधी के नाम से अटा पड़ा है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com