tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post6851496606433776116..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: एक गहरी श्वांस लेकरराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-50081309022478432042010-05-16T11:14:41.008+05:302010-05-16T11:14:41.008+05:30छोड़ दी बैसाखियाँ जब
चरण ख़ुद चलने लगे।
हृदय में...छोड़ दी बैसाखियाँ जब<br /><br />चरण ख़ुद चलने लगे।<br /><br />हृदय में नव सृजन के<br /><br />भाव फिर पलने लगे<br /><br />बहुत खूबसूरत भावों से सजी है ये रचना....प्रेरणादायक...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-82980025350098179772010-05-15T14:59:18.660+05:302010-05-15T14:59:18.660+05:30मन कहीं उलझा हुआ था, मकड़ियों सा जाल बुनकर। झँझड़ि...मन कहीं उलझा हुआ था, मकड़ियों सा जाल बुनकर। झँझड़ियों की राह आती स्वर्ण किरण एकाध चुनकर। <br />उठा गहरी नींद से मैं, इक नया विश्वास लेकर। <br />मैं अंधेरे में खड़ा था, रोशनी की आस लेकर। <br />अति सुंदर भाव लिए उत्तम रचना।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-18948380858687334222010-05-15T14:04:38.704+05:302010-05-15T14:04:38.704+05:30छोड़ दी बैसाखियाँ जब चरण ख़ुद चलने लगे।
हृदय में ...छोड़ दी बैसाखियाँ जब चरण ख़ुद चलने लगे। <br />हृदय में नव सृजन के भाव फिर पलने लगे। <br />भावनाओं का उमड़ता, वेगमय उल्लास लेकर। <br />समय देहरी पर खड़ा है हाथ में मधुमास लेकर।<br />बहुत ही अच्छी और प्रेरणादायक कविता!रीताhttps://www.blogger.com/profile/17969671221868500198noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-87660897789444951522010-05-15T13:33:01.910+05:302010-05-15T13:33:01.910+05:30बहुत सार्थक सोच के साथ लिखी गई रचना
मैं हमेशा उस क...बहुत सार्थक सोच के साथ लिखी गई रचना<br />मैं हमेशा उस काम को करने की कोशिश करती हूँ जिसे मैं नहीं कर सकती, फिर यह सीखती हूँ कि उसे कैसे किया जाए ।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-13053332024307334662010-05-15T12:39:41.330+05:302010-05-15T12:39:41.330+05:30छोड़ दी बैसाखियाँ जब चरण ख़ुद चलने लगे।
हृदय में ...छोड़ दी बैसाखियाँ जब चरण ख़ुद चलने लगे। <br />हृदय में नव सृजन के भाव फिर पलने लगे। <br />आशा और विस्वास से भरे शब्द। बहुत ही अच्छी और प्रेरणादायक कविता!जुगल किशोरhttps://www.blogger.com/profile/13301162594819383710noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-81615364547547111432010-05-15T11:14:21.570+05:302010-05-15T11:14:21.570+05:30भावनाओं का उमड़ता, वेगमय उल्लास लेकर।
समय देहरी प...भावनाओं का उमड़ता, वेगमय उल्लास लेकर।<br /><br />समय देहरी पर खड़ा है हाथ में मधुमास लेकर उम्दा भावाभिव्यक्ति! नाईस!सूर्यकान्त गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/05578755806551691839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-22736936175694339972010-05-15T07:54:52.397+05:302010-05-15T07:54:52.397+05:30Bahut,bahut sundar rachna..utnee hee sundar tasvee...Bahut,bahut sundar rachna..utnee hee sundar tasveeren!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-3371118501782390292010-05-15T07:41:05.089+05:302010-05-15T07:41:05.089+05:30बहुत ही अच्छी और प्रेरणादायक कविता.बहुत ही अच्छी और प्रेरणादायक कविता.शमीमhttps://www.blogger.com/profile/17758927124434136941noreply@blogger.com