tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post7584919287593376988..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: कुछ यूँ ही सा …राजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-24942950590881217292012-03-11T08:04:43.066+05:302012-03-11T08:04:43.066+05:30हथेलियों ने
सहला दिया था
आँखों को
और समेट लिए थे
स...हथेलियों ने<br />सहला दिया था<br />आँखों को<br />और समेट लिए थे<br />सारे मोती<br />वापस आ गयी है<br />आँखों में<br />फिर से वो चमक<br />जिसकी रोशनी में<br />तुम नहाया करते थे|<br />वाह ! कितना खूबसूरत अहसास !!!!Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-74537194087895655732011-11-08T23:44:57.466+05:302011-11-08T23:44:57.466+05:30मन को छूते नमनाक मुक्तक.
आँसू गम का इशारा नहीं है...मन को छूते नमनाक मुक्तक.<br /><br />आँसू गम का इशारा नहीं है.<br />इससे वफादार सहारा नहीं है.<br />कभीं चख के देखो,पाओगे तुम<br />स्वाद में ये हरदम,खारा नहीं है.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-16875746293935584472011-11-08T17:09:24.207+05:302011-11-08T17:09:24.207+05:30वक्त को कब कौन रोक पाया है ऐ मेरे दोस्त
जब वक्त ...वक्त को कब कौन रोक पाया है ऐ मेरे दोस्त<br />जब वक्त साथ न दे तो , बेवफाई बन जाती है.<br />बहुत सुंदर. धन्यवाद.Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-15118877019716856722011-11-08T12:54:42.040+05:302011-11-08T12:54:42.040+05:30जीवन के अलग अलग अनुभव से अलग अलग मुक्तक जैसे स्वत:...जीवन के अलग अलग अनुभव से अलग अलग मुक्तक जैसे स्वत: ही निकल आते हैं ... बहुत सुन्दर ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-90193237443590429992011-11-07T23:40:32.072+05:302011-11-07T23:40:32.072+05:30वापस आ गयी है
आँखों में
फिर से वो चमक
जिसकी रोशनी ...वापस आ गयी है<br />आँखों में<br />फिर से वो चमक<br />जिसकी रोशनी में<br />तुम नहाया करते थे|<br /><br />fir to sari shikayte hi khatam. sab kuchh in aansuo me beh gaya hoga.<br /><br />sare sher dil ko chhoote hue.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-11747165498364098432011-11-07T18:37:19.265+05:302011-11-07T18:37:19.265+05:30बहुत सुन्दर कविता... सघन प्रेम की सुन्दर अभिव्यक्त...बहुत सुन्दर कविता... सघन प्रेम की सुन्दर अभिव्यक्ति ...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-20620878789447062842011-11-07T15:31:52.874+05:302011-11-07T15:31:52.874+05:30भावपूर्ण अभिव्यक्ति!भावपूर्ण अभिव्यक्ति!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-61951066421190292272011-11-07T15:13:21.371+05:302011-11-07T15:13:21.371+05:30पता नहीं क्यों ...२ तरह की रचना लगी मुझे.पढ़ना शुर...पता नहीं क्यों ...२ तरह की रचना लगी मुझे.पढ़ना शुरू किया तो लगा कि ये संगीता दी तो नहीं :).पर आखिरी पंक्तियाँ पढते ही आप दिखाई दे गईं.<br />बहुत सुन्दर रचना.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-87695113311373549162011-11-07T14:11:29.844+05:302011-11-07T14:11:29.844+05:30हथेलियों ने
सहला दिया था
आँखों को
और समेट लिए थे
स...हथेलियों ने<br />सहला दिया था<br />आँखों को<br />और समेट लिए थे<br />सारे मोती<br />वापस आ गयी है<br />आँखों में<br />फिर से वो चमक<br />जिसकी रोशनी में<br />तुम नहाया करते थे|<br />Behtareen panktiyan!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-34796744980485585902011-11-07T13:43:03.726+05:302011-11-07T13:43:03.726+05:30भावनापूर्ण भावाभिव्यक्ति !
मेरे नए पोस्ट पर आपका...भावनापूर्ण भावाभिव्यक्ति !<br /><br />मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है,कृपया अपने महत्त्वपूर्ण विचारों से अवगत कराएँ ।<br />http://poetry-kavita.blogspot.com/2011/11/blog-post_06.htmlHumanhttps://www.blogger.com/profile/04182968551926537802noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-72252481401930605052011-11-07T12:18:10.780+05:302011-11-07T12:18:10.780+05:30सच कोई कह गया जमाने से,
इश्क छुपता नही छुपाने से
य...सच कोई कह गया जमाने से,<br />इश्क छुपता नही छुपाने से<br />यकीनन इश्क कब छुपता है भलाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-19727382694661217972011-11-07T11:55:45.274+05:302011-11-07T11:55:45.274+05:30पलकों पे जो ये अश्क चले आते हैं,
ये कितने बेदर्द ह...पलकों पे जो ये अश्क चले आते हैं,<br />ये कितने बेदर्द हो कर चले आते हैं,<br />जब छोड़ देता है साथ ज़माना मेरा<br />तो ये भी मेरा साथ छोड़ कर चले आते हैं<br />बहुत सुन्दर पंक्तियाँ ...आशा बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/09252016355406381145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-34927895167046314302011-11-07T11:39:02.022+05:302011-11-07T11:39:02.022+05:30बेचैनिया हद से गुज़र जाएँ तो खलिश बन जाती हैं
बेब...बेचैनिया हद से गुज़र जाएँ तो खलिश बन जाती हैं<br />बेबसी जब बाँध लगाती है तो चुभन बन जाती है<br />वक्त को कब कौन रोक पाया है ऐ मेरे दोस्त<br />जब वक्त साथ न दे तो , बेवफाई बन जाती है ....kuch yunhi itna jabardast ! wakai bechainiyaan jab had se guzar jati hain to khalish ban jati hainरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-25695990917280956182011-11-07T11:15:19.044+05:302011-11-07T11:15:19.044+05:30बहुत ही सुन्दर अहसासो को संजोया है…………सभी एक से बढ...बहुत ही सुन्दर अहसासो को संजोया है…………सभी एक से बढकर एक्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-8253712912190264792011-11-07T11:06:35.357+05:302011-11-07T11:06:35.357+05:30हथेलियों ने
सहला दिया था
आँखों को
और समेट लिए थे
स...हथेलियों ने<br />सहला दिया था<br />आँखों को<br />और समेट लिए थे<br />सारे मोती<br />वापस आ गयी है<br />आँखों में<br />फिर से वो चमक<br />जिसकी रोशनी में<br />तुम नहाया करते थे|<br /><br />बहुत ही खूबसूरत अहसास ! खुद को उत्सर्जित कर किसीके जीवन में रोशनी बिखेर देने की भावना कितनी पावन और विरल होती है यह अनुभव कर पा रही हूँ आपकी रचना से ! बहुत ही सुन्दर !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-43870361260853166212011-11-07T10:45:02.774+05:302011-11-07T10:45:02.774+05:30ईद मुबारक .बेहद भावपूर्ण अभिव्यक्ति .ये आंसू मेरे ...ईद मुबारक .बेहद भावपूर्ण अभिव्यक्ति .ये आंसू मेरे दिल की जुबान हैंvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-91152932212773674952011-11-07T10:29:40.241+05:302011-11-07T10:29:40.241+05:30वापस आ गयी है
आँखों में
फिर से वो चमक
जिसकी रोशनी ...वापस आ गयी है<br />आँखों में<br />फिर से वो चमक<br />जिसकी रोशनी में<br />तुम नहाया करते थे|<br />- बस यह चमक सलामत रहे-यही कामना है.प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-82414743756097387942011-11-07T09:26:20.306+05:302011-11-07T09:26:20.306+05:30मन के दर्द को पी लेना ही बेहतर है।मन के दर्द को पी लेना ही बेहतर है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-3874751551131898732011-11-07T08:57:19.428+05:302011-11-07T08:57:19.428+05:30जिन्दगी रोने का नाम नहीं अपितु रोते हुए को हँसाने...जिन्दगी रोने का नाम नहीं अपितु रोते हुए को हँसाने का नाम है। जीवन में प्रसन्न रहने के अवसर की तलाश करनी चाहिए फिर वह कविता में ही क्यों ना हो।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-89968749093436370132011-11-07T07:58:02.420+05:302011-11-07T07:58:02.420+05:30आंसू बहाए जो फिर लौट आये ...
तन्हाई से ज्यादा अपना...आंसू बहाए जो फिर लौट आये ...<br />तन्हाई से ज्यादा अपना कौन जो हमें खुद से मिलाती है ...वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-74161969156049372222011-11-07T07:21:58.917+05:302011-11-07T07:21:58.917+05:30बेबसी बेकसी के बाद कुछ राहत भी शायद -सुन्दर रचना!...बेबसी बेकसी के बाद कुछ राहत भी शायद -सुन्दर रचना!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-90120072653760038012011-11-07T06:37:38.511+05:302011-11-07T06:37:38.511+05:30पलकों पे जो ये अश्क चले आते हैं,
ये कितने बेदर्द ह...पलकों पे जो ये अश्क चले आते हैं,<br />ये कितने बेदर्द हो कर चले आते हैं,<br />जब छोड़ देता है साथ ज़माना मेरा<br />तो ये भी मेरा साथ छोड़ कर चले आते हैं।<br /><br />संगीता स्र्वरूप जी, मन को तो हम समझा सकते है लेकिन आंसूओं को समझाना बड़ा ही मुश्किल कार्य होता है क्योंकि ये सही होते हैं । थोड़ी सी याद, थोड़ा सा गम एवं थोड़ी सी खुशी को भी संजोकर नही रख सकते । इन सबका इजहार सबके सामने कर देते हैं । इसी संदर्भ से मेरी ओर से भी चंद पक्तियां जोड़ रहा हूँ-<br /><br />सच कोई कह गया जमाने से,<br />इश्क छुपता नही छुपाने से ,<br /><br />रूटकर जा रहे हैं जाने दे,<br />लौट आएंगे वे मनाने से,<br /><br />इश्क पाएगा रोशनी सच है,<br />हाँ मगर अपना दिल जलाने से<br /><br />दूर हो जाएंगे गिले शिकवे<br />आपके सिर्फ मुस्कराने से<br /><br />आपकी कविता दिल से निकली है एवं दिल से निकली बात किसी को भी भाव-विह्वल कर जाती है । बहुत सुंदर । मेर नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.com