tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post7895870479958441735..comments2024-03-14T12:42:05.665+05:30Comments on राजभाषा हिंदी: कलगी बाजरे कीराजभाषा हिंदीhttp://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-13684372912487122402024-02-25T22:47:43.058+05:302024-02-25T22:47:43.058+05:30NiceNiceAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-66323349846213573092012-10-30T09:11:40.893+05:302012-10-30T09:11:40.893+05:30कुछ वर्तनी की अशुद्धियाँ रह गयीं हैं : यथा- विरान ...कुछ वर्तनी की अशुद्धियाँ रह गयीं हैं : यथा- विरान (वीरान), इन्हे (इन्हें) ..आदि ।विधुशेखर चतुर्वेदीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-65980340358187112712012-10-30T09:07:38.534+05:302012-10-30T09:07:38.534+05:30मैं अमरीकी छात्रों को हिन्दी भाषा पढ़ाता हूँ । यह ...मैं अमरीकी छात्रों को हिन्दी भाषा पढ़ाता हूँ । यह कविता उनके लिये मैंने २००७ में वैलेण्टाइन-दिवस पर अनूदित कर के उनको सुनाई और पढ़ाई थी । उनके बीच यह कविता अति-लोकप्रिय रही ।<br />अब यही कविता संभवत: डॉ. रुपर्ट स्नेल (अध्यक्ष, हिन्दी-उर्दू फ़्लैगशिप, ऑस्टिन वि. वि., टेक्सस; Teach Yourself Hindi सहित कई पुस्तकों के सुप्रसिद्ध लेखक ..[आदि ] अपने पाठ्यक्रम में भी सम्म्लित करने जा रहे हैं ।<br />विधुशेखर चतुर्वेदीविधुशेखर चतुर्वेदीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-89166150824265814912011-03-01T15:20:44.856+05:302011-03-01T15:20:44.856+05:30सचिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय '
जी ...सचिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय '<br />जी की स्मृति में प्रस्तुत विवरण तथा कविता उत्तम है.vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5455274503155889135.post-26175385417167153702011-02-21T17:29:18.046+05:302011-02-21T17:29:18.046+05:30सैनिक होकर भी साहित्य से इतना लगाव। प्रशंसनीय है ...सैनिक होकर भी साहित्य से इतना लगाव। प्रशंसनीय है आपका यह प्रयास।<br /><br />---------<br /><b><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">शिकार: कहानी और संभावनाएं।</a></b><br /><b><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">ज्योतिर्विज्ञान: दिल बहलाने का विज्ञान।</a></b>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.com