आज का विचार
आदर्श घर
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-- ऋग्वेद में कहा गया है --
इहेवस्तं मा वि यौष्टं विश्वमायुर्व्यश्रुतम।
क्रीडन्तौ पुत्रैर्नप्तृभिर्मों दमानौ स्व गृहे।।
किसी से भी वैर-विरोध न रखते हुए गृहस्थ आश्रम का पालन करें। बाल-बच्चों के साथ आनन्दपूर्वक रहें और घर को एक आदर्श घर बनाएं।
सुन्दर विचार.
जवाब देंहटाएंसुन्दर !!!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंराजभषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सरहनीय है।