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रविवार, 21 फ़रवरी 2010

राजभाषा नीति संबंधी आदेश

राजभाषा नीति संबंधी आदेश

सामान्‍य ओदश की परिभाषा

स्‍थायी प्रकार के सभी आदेश निर्णय, अनुदेश, परिपत्र जो विभागीय प्रयोग के लिए हों तथा ऐसे सभी आदेश, अनुदेश, पत्र, ज्ञापन, नोटिस आदि जो सरकारी कर्मचारियों के समूह अथवा समूहों के संबंध में या उनके लिए हों, राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) के अधीन सामान्‍य आदेश कहलाते हैं ।

क्षेत्र में चैक/ड्राफ्ट हिंदी में तैयार किया जाना

क्षेत्र में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालयों द्वारा सभी चैक यथासंभव हिंदी में तैयार किए जाएं । क क्षेत्र में स्थित सरकारी बैंकों द्वारा क्षेत्र के लिए तैयार किए गए चैक और ड्राफ्ट यथासंभव हिंदी में जारी किए जाएं ।

लिफाफों पर पते हिंदी में लिखना और पता लिखने, बिल बनाने आदि में मशीनों का प्रयोग

तथा क्षेत्र में स्‍थित कार्यालयों में पता लेखी-मशीन के साथ देवनागरी एम्‍बोसिंग मशीनें लगाई जाएं और चूँकि क्षेत्रों में स्थित कार्यालयों में भी कई बड़े-बड़े कार्यालय ऐसे हैं जिनमें काफी पत्र-व्‍यवहार तथा क्षेत्र के कार्यालयों से होता है अतः क्षेत्र में स्थित कार्यालयों में भी द्विभाषी पता लेखी मशीनों का प्रावधान किया जाये ।

नाम पट्ट, रबड की मोहरें, कार्यालय की मुद्राएं, पत्र शीर्ष और लोगो (प्रतीक)

  1. भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों तथा अन्‍य कार्यालयों में प्रयोग में आने वाली सभी रबड़ की मोहरें और कार्याल्‍य की मुद्राएं द्विभाषिक रूप में हिंदी के शब्‍द ऊपर रखते हुए प्रयोग की जाएं ।
  2. पदनाम, कार्यालय का नाम, पता आद के बारे में जो मोहरें वर्तमान आदेशों के अनुसार द्विभाषी रूप में बनाई जाती है , वे इस प्रकार बनाई जाएं कि उनमें एक पंक्ति हिंदी की और फिर एक पंक्ति अंग्रेजी की हो या एक ही पंक्ति में हिंदी और उसके बाद अंग्रेजी में लिखा हो । ये निदेश बनाई जाने वाली मोहरों पर लागू किए जाएं ।
  3. जो मोहरें टिप्‍पणी आदि की जगह बनाई जाती हैं वे या तो द्विभाषाी बनाई जाएं या तथा क्षेत्र के कार्यालयों आदि में केवल हिंदी में और क्षेत्र के कार्यालयों में केवल हिंदी अंग्रेजी में बनवा ली जाएं ।
  4. रबड़ की मोहरें तैयार करते समय सभी भाषाओं के अक्षर सामान आकार के होने चाहिए ।
  5. तथा क्षेत्रों में स्थित कार्यालयों में नाम पट्ट रबड़ की मोहरें, पत्र शीर्ष, लोगो (प्रतीक) आदि द्विभाषी रूप में बनवाए जाएं ।

नाम पट्टों, रबड़ मोहरों आदि पर देवनागरी रूप में नाम लिखने की विधि

देवनागरी के नाम पट्टों, मोहरों, आदि पर पूरा नाम तो एक रीति से लिख जा सकता है, परन्‍तु संक्षिप्‍त नाम लिखने के लिए अनेक पद्धतियां प्रचलित हैं । उदाहरण के लिए यदि किसी व्‍यक्ति का नाम दीनानाथ शर्मा है, तो देवनागरी लिपि में उसका संक्षिप्‍तम नाम दिए हुए विकल्‍प में से किसी एक के अनुसार लिखा जा सकता हैः-

  1. देवनागरी वर्णमाला के अनुसार, मात्राओं का प्रयोग करते हुए, आद्य अक्षर लिख कर जैसे, दी.ना.शर्मा ।
  2. देवनागरी वर्णमाला के अनुसार, बिना मात्रओं के प्रयोग के आद्य अक्षर लिखकर जैसे द.न.शर्मा ।
  3. नाम के आद्य अक्षर रोमन वर्णमाला के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखकर जैसे डी.एन.शर्मा ।

सम्‍मेलनों में साइन बोर्डों के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों का प्रयोग

विभिन्‍न मंत्रालयों द्वारा आयोजित सभी सम्‍मेलनों और बैठकों में विशेषकर दिल्‍ली में सभी साइन बोर्डों आदि पर दोनों भाषाओं का प्रयोग होना चाहिए ।

सरकारी समारोहों के लिए निमंत्रण पंत्र

सभी सरकारी समारोहों के निमंत्रण पत्र हिदी और अंग्रेजी में जारी किए जाएं । कार्ड के एक ओर अंग्रेजी होनी चाहिए और दूसरी ओर हिंदी । आवश्‍यकता के अनुसार इनमें हिंदी और अंग्रेजी के अतिरिक्‍त प्रादेशिक भाषओं का भी उपयोग किया जा सकता है । त्रिभाषिक निमंत्रण-पत्र किस प्रकार छापे जाएं, यह बात संयोजक पर छोड़ दी गई है ।

फाइल कवरों पर विषय हिंदी में

मंत्रालयों/विभागों और हिंदी भाषी क्षेत्रों में स्थित संबद्ध व अधीनस्‍थ कार्यालयों में निम्‍नलिखित प्रकार की सभी फाइलों के फाइल कवरों पर विषय हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखे जाएः

1. जिन फाइलों में टिप्पण तथा पत्र हिंदी में हैं ।

2. उन अनुभागों की फाइलों पर जिनमें 80 प्रतिशत या ज्‍यादा कर्मचारी हिंदी जानते हैं ।

3. हिंदी जानने वाले या हिंदी में प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा निपटाई जाने वाली फाइलें ।

अन्‍य मामलों में भी जहां तक हो सके स्‍वैच्छिक रूप से इसी प्रकार की पद्धति अपनाई जाए । अहिन्‍दी भाषी क्षेत्रों में स्थित संबद्ध और अधीनस्‍थ कार्यालयों में हिंदी जानने वाले या हिंदी सीखे हुए कर्मचारियों की उपलब्‍धता के आधार पर यह पद्धति अपनाई जाए ।

स्‍टाफ कार की प्‍लेटों पर नाम

मंत्रालयों/विभागों और हिंदी भाषी क्षेत्रों में स्थित संबद्ध और अधीनस्‍थ कार्यालयों में स्‍टाफ कारों की प्‍लेटों पर कायालयों के नाम अंग्रेजी और हिंदी दोनो भाषाओं में लिखवाएं जाएं । हिंदी में नाम ऊपर हो और अंग्रेजी में उसके नीचे ।

प्रदर्शनियों में हिंदी का प्रयोग

हिंदी भाषी क्षेत्रों में या उन क्षेत्रों में जहां की अधिकांश जनता हिंदी समझती है, प्रदर्शनियों में प्रचार माध्‍यम के रूप में हिंदी का अधिकाधिक इस्‍तेमाल किया जाए । इन क्षेत्रों में प्रदर्शनियों में प्रचार सामग्री भी यथासंभव हिंदी में उपलब्‍ध कराइ जाए । ट्रेड फेयर अथारिटी आफ इंडिया द्वारा आयोजित प्रदर्शनियों में भाग लेने वाली सरकारी तथ सार्वजनिक क्षेत्र के संस्‍थानों द्वारा प्रदर्शनियों आदि में हिंदी का उपयुक्‍त प्रयोग किया जाए और अपने मंडपों में वस्‍तुओं के नाम /परिचय आदि देने में हिंदी का समुचित प्रयोग किया जाए ।

मैनुअलों, फार्मों, कोडों आदि की हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी (डिगलॉट रूप में ) छपाई

मैनुअलों, फार्मों, कोडों आदि की हिंदी-अंग्रेजी (डिगलॉट रूप में ) द्विभाषी छपवाए जाएं । फार्मों उपक्रमों, राष्‍ट्रीयकृत बैंकों आदि द्वारा केवल अंग्रेजी के फार्म ही प्रयोग में लाए जा रहे हैं, जो कि राजभाषा यिम 1976 के नियम 11 के अनुदेशों के प्रतिकूल हैं ।

इस संबंध में राजभाषा नियम 12 की ओर ध्‍यान आकृष्‍ट किया जाता है जिसके अंतर्गत प्रत्‍येक कार्यालय के प्रशासनिक प्रधान का उत्तरादायित्‍व है कि वह राजभाषा अधिनियम और राजभाषा निमय के उपबन्‍धों का समुचित अनुपालन करवाए । अतः सभी मंत्रालयों/विभागों से पुनः अनुरोध है कि वे अपने सभी सम्‍बद्ध /अधीनस्‍थ कार्यालयों, उपक्रमों बैंकों आदि में प्रयोग हो रहे सभी फार्म आदि अनिवार्यतः द्विभाषी रूप में उपलब्‍ध व प्रयोग करना सुनिश्चित करें ।

फार्मों का द्विभाषी उपलब्‍ध करवाना

यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई फार्म न तो एक भाषा में छपे, न ही एक भाषा में जारी किया जाय । यदि किसी विशेष स्थिति में कोई फार्म हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में अलग-अलग छपे तो उस फार्म के हिंदी और अंग्रेजी रूपान्‍तर सभी जगह उपलब्‍ध रहने चाहिए और इस बात का ध्‍यान रखा जाना चाहिए कि जनता का कोई व्यक्ति इनमें से जिस भाषा का फार्म मांगे वह फार्म उस भाषा में उसे मिल सके ।

सम्‍मेलनों, बैठकों की कार्यसूची/कार्यसूची की टिप्पणियां / कार्यवृत्त हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी रूप में

मंत्रालयो/विभागों तथा हिंदी भाषी क्षेत्रों में स्थित केन्‍द्रीय सरकार के संबंद्ध तथा अधीनस्थ कार्यालयों और रनके नियंत्रण में या स्‍वामित्‍व में काम करने वाली कंपनियों तथा निगमों की अंतर विभागीय तथा विभागीय बैठकों व सम्‍मेलनों की कार्यसूची, कार्यरूप की टिप्पणियों और कार्यावृत्त को हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में जारी किया जाए । जो विषय बहुत बाद में कार्य सूची में शामिल किए जाने आवश्‍यक है, उनके लिए अपवाद हो सकता है ।

क्षेत्र में स्थित मंत्रालय/विभागों और कार्यालयों/उपक्रमों आदि की बैठकों की कार्यसूची तथा कार्यवृत्‍त केवल हिंदी में जारी करनाः केवल क्षेत्र में परिचालित होने वाली कार्यसूची/कार्यवृत्त आदि एवं उससे संबंधित पत्राचार केवल हिंदी में परिचालित किए जा सकते हैं ।

बिल्‍लों पर हिंदी का प्रयोग

केंद्रीय सरकार के अधिकारी / कर्मचारी अपनी सेवा अथवा कार्यालय नाम के बिल्‍ले अंग्रेजी साथ-साथ हिंदी में भी लगाएं । टोपी और कंधे पर लगाए जाने वाले प्रतीक चिह्न और सेवा संबंधी बिल्‍ले जो संगठन और सेवा के प्रतीक होते हैं, केवल देवनागी मैं तैयार किए जा सकते हैं । वर्दियों पर काढ़ेजाने वाले नाम भी दोनों भाषाओं में काढ़े जाएं । यह आदेश केंद्रीय सरकार के सभी राज्‍यों में काम कर रहे वर्दी पहनने वाले कर्मचारियों / अधिकारियों पर लागू होते हैं ।

कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाओं । रजिस्‍टरों में प्रविष्टियाँ

क्षेत्रों में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालयों में रखे जाने वाले रजिस्‍टरों/सेवा पुस्तिकाओं में प्रविष्टियॉं हिंदी में की जाएं । क्षेत्र में स्थित कार्यालयों में ऐसी प्रविष्टियॉं यथासंभव हिंदी में की जाएं ।

पियन बुकों में प्रविष्टियाँ

और क्षेत्र में स्थित कार्यालयों द्वारा पियन बुक में प्रविष्टियां हिदी में की जाएं ।

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