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मंगलवार, 16 मार्च 2010

आज का विचार-२१

जो बड़ेन को लघु कहें, नहिं रहीम घटि जाहिं

गिरिधर मुरलीधर कहं, कछु दुख मानत नाहिं

रहीम बड़प्पन की पहचान इसके मानते हैं कि वह कितना सह सकता है। उसको कोई छोटा भी कहे तो वह कभी घटता नहीं है, गिरिधर कोई मुरलीधर भी कहे तो वे उससे नाराज नहीं होते ।

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