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दिल हैपर कहाँ है जिगराजो सच के मार खा सके ?बहुत अच्छी प्रस्तुति ...
यों सबजो आयेकुछ न कुछकह गये :हमअचकचायेरह गये।shukriya is kavita ko ham tak pahuchane ke liye.
यों सबजो आयेकुछ न कुछकह गये :हमअचकचायेरह गये। अज्ञेय की रचनात्मकता हमेशा ही प्रभावित करती है ....और उनका किसी बात को कहने का अंदाज बहुत ही निराला है ...इस कविता में भी वह पूरी तरह से सामने आ रहा है ...आपका आभार
बहुत सुन्दर व सटीक रचना।
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दिल है
जवाब देंहटाएंपर कहाँ है जिगरा
जो सच के मार खा सके ?
बहुत अच्छी प्रस्तुति ...
यों सब
जवाब देंहटाएंजो आये
कुछ न कुछ
कह गये :
हम
अचकचाये
रह गये।
shukriya is kavita ko ham tak pahuchane ke liye.
यों सब
जवाब देंहटाएंजो आये
कुछ न कुछ
कह गये :
हम
अचकचाये
रह गये।
अज्ञेय की रचनात्मकता हमेशा ही प्रभावित करती है ....और उनका किसी बात को कहने का अंदाज बहुत ही निराला है ...इस कविता में भी वह पूरी तरह से सामने आ रहा है ...आपका आभार
बहुत सुन्दर व सटीक रचना।
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