पिछली बार अपने कुछ हाइकु पढवाया था, जिन्हें आप यहाँ पढ सकते हैं। आज फिर कुछ हाइकु आपसे बाँट रहा हूँ।
अपहरण
देश में विकास का
शुभ लक्षण।
जो भी सोचेगा
इंसानियत पर
नहीं बचेगा।
चलो खरीदें
कोई सस्ता-सा कल
महंगाई में।
बच्चे करते
दूरदर्शनासन
चौबीसों घंटे।
हुए अमीर
गरीबी पर लिख
क्या तकदीर।
मार ही डाला
इन आलोचकों ने
नये कवि को।
मां और बाप
सुन टीनएज़र
हो चुपचाप।
मार ही डाला
जवाब देंहटाएंइन आलोचकों ने
नये कवि को।
सटीक अर्थपूर्ण हांइकू
जो भी सोचेगा
जवाब देंहटाएंइंसानियत पर
नहीं बचेगा।
जहाँ तक मेरा अभिमत है,हाइकु लिखते समय यह आश्वस्त कर लेना चाहिए कि अर्थच्छाया भी समानांतर रूप से प्रस्फुटित होती रहे । प्रयास अच्छा लगा । धन्यवाद ।
बहोत अच्छा लगा आपका हिंदी ब्लॉग पढकर ।
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉग
हिन्दी दुनिया ब्लॉग
दूसरा,चौथा और पांचवा बहुत मारक है। यदि मात्रात्मक एकरूपता रखी जा सके,तो कई अन्य लोग भी इस विधा में योगदान को प्रेरित होंगे।
जवाब देंहटाएंजो भी सोचेगा
जवाब देंहटाएंइंसानियत पर
नहीं बचेगा।
सारे हाइकु कमाल के हैं। इस विधा में यही खासियत है कि कम शब्द में मारक बात कह जाता है कवि।
चलो खरीदें
जवाब देंहटाएंकोई सस्ता-सा कल
महंगाई में।....
bahut khoobsurat... bahut arthpurn.. badhai!
उत्तम ! आपको और आपके समस्त पारिवारिक जनो को नव-वर्ष २०१२ की ढेरों शुभकामनाये !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया हाईकू रचनाएं....
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...
अच्छी रचनाएँ!!
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा हाईकु रचनायें... नव वर्ष कि हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंहुए अमीर
जवाब देंहटाएंगरीबी पर लिख
क्या तकदीर।
मार ही डाला
इन आलोचकों ने
नये कवि को।
सभी हाईकू बहुत बढ़िया ... ये विशेष लगे ..