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रविवार, 7 मार्च 2010

जरा सोचें

जरा सोचें

स्पर्धा ही जीवन है .इसमें पीछे रहना जीवन में प्रगति को रोकना है.इसलिये हमें हर स्पर्धा में शामिल होना चाहिये ।

शमीम

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