अपने पिछले पोस्टों में मैने ‘अज्ञेय” जी की रचनाओं को पोस्ट किया था एव लोगों ने इस प्रयास को सराहा था। इस बार मैं सुदामा प्रसाद ,’धूमिल’ जी की बहुचर्चित रचना ‘कविता’ पोस्ट कर रहा हूं, इस आशा और विश्वास के साथ की यह रचना भी अन्य रचनाओं की तरह आपके अंतर्मन को सप्तरंगी भावनाओं के धरातल पर आंदोलित करने के साथ उनके तथा मेरे प्रति भी आप सब के दिल में थोड़ी सी जगह पा जाए। मुझे आशा ही नही अपितु पूर्ण विश्वास है कि आप सब अपना COMMENT देकर मुझे प्रोत्साहित करने के साथ-साथ अपनी प्रतिक्रियाओं को भी एक नयी दिशा और दशा देंगे। धन्यवाद।।
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कविता
उसे मालूम है कि शव्दों के पीछे
कितने चेहरे नंगे हो चुके हैं
और हत्या अब लोगों की रूचि नही-
आदत बन चुकी है
वह किसी गँवार आदमी की उब से
पैदा हुई थी और
एक पढ़े लिखे आदमी के साथ
शहर में चली गयी
एक संपूर्ण स्त्री होने के पहले ही
गर्भाधान की क्रिया से गुजरते हुए
उसने जाना कि प्यार
घनी आबादीवाली बस्तियों में
मकान की तलाश है
लगातार बारिस में भींगते हुए
उसने जाना कि हर लड़की
तीसरे गर्भपात के बाद धर्मशाला हो जाती है और कविता।
हर तीसरे पाठ के बाद
नही-अब वहां अर्थ खोजना व्यर्थ है
पेशेवर भाषा के तस्कर-संकेतों
और बैलमुत्ती इबारतों में
अर्थ खोजना व्यर्थ है
हाँ, हो सके तो बगल से गुजरते हुए आदमी से कहो-
लो, यह रहा तुम्हारा चेहरा,
यह जुलुस के पीछे गिर पड़ा था
इस वक्त इतना ही काफी है
वह बहुत पहले की बात है
जब कही, किसी निर्जन में
आदिम पशुता चीखती थी और
सारा नगर चौंक पड़ता था
मगर अब-
अब उसे मालूम है कि कविता
घेराव में
किसी बौखलाए हुए आदमी का
संक्षिप्त एकालाप है।
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अब उसे मालूम है कि कविता
जवाब देंहटाएंघेराव में
किसी बौखलाए हुए आदमी का
संक्षिप्त एकालाप है।
कितना सही कहा है…………बेहतरीन्………आभार्।
किसी बौखलाए हुए आदमी का
जवाब देंहटाएंसंक्षिप्त एकालाप है।
सुदामा पाण्डेय "धूमिल"
हिंदी कविता के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर है ....उनकी कविताओं में अन्धुनिक भावबोध बखूबी अभिव्यक्त हुआ है ...अपने काव्य संग्रह " संसद से सड़क तक " में वह भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ सही मोर्चा खोलते हैं ...उनकी यह कविता भी उसी धरातल पर रची गयी सार्थक कविता है ...आपका आभार ..नाम को एक बार देख लें
हाँ, हो सके तो बगल से गुजरते हुए आदमी से कहो-
जवाब देंहटाएंलो, यह रहा तुम्हारा चेहरा,
यह जुलुस के पीछे गिर पड़ा था
इस वक्त इतना ही काफी है
sudama ji ki sarthak abhibyakti ko salam.
एक और क्रांतिस्वर धूमिल जी का!!
जवाब देंहटाएंbehatareen bhavapoorn rachana prastuti...abhaar
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