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गुरुवार, 17 मार्च 2011

नवगीत :: महकी फागुन की भोर

मित्रों! फागुन की हवा से मन रंग में डूबा है। हर तरफ़ रंग-गुलाल और प्रेम-उत्साह का माहौल है। होली का त्योहार दस्तक दे चुका है। हर दिशा रंगीन है। हर भोर एक भीनी खुश्बू से सराबोर है। रंगों का त्योहार तो खुशियां बांटने का त्योहार है। बैर भाव मिटाने का त्योहार है। एक दूसरे से गले मिल कर मुंह मीठा करने का त्योहार है। इस पर्व को याद करते मुझे स्मरण हो आता है श्याम नारायण मिश्र जी से सुना एक नवगीत .. तो आज उसे ही पेश करते हैं!

महकी फागुन की भोर

Sn Mishraश्यामनारायण मिश्र

Indian-motifs-11

पोर-पोर महकी

फागुन की भोर,

        पिया बांसुरी बजाओ।

Indian-motifs-24

आंखों में सपने

आंज रहे काजल

पांवों में थिरकन

बांध रही पायल।

पुरवा में फहरे

आंचल का छोर,

        पिया बांसुरी बजाओ।

Indian-motifs-26

कई-कई जन्मों की

अंतर में आग।

बीत कहीं जाये न

प्यासे की फाग।

ओत-प्रोत मन हो,

देह सराबोर।

        पिया बांसुरी बजाओ।

Indian-motifs-57

पावों को पंख मिले

कंठ को सुधा।

खुल जाये चेतन का

आवरण रुंधा।

फागुन हो सावन,

मन मेरा मोर।

        पिया बांसुरी बजाओ।

22 टिप्‍पणियां:

  1. कई-कई जन्मों की
    अंतर में आग।
    बीत कहीं जाये न
    प्यासे की फाग।

    जीवन में यह क्रम हमेशा चलता रहता है ..लेकिन जीवन फिर भी चलता है ...आपका आभार

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  2. मेदक (आं.प्र.) में प्रायः कवि-गोष्ठियों में मिश्र जी से अनुरोध करके इस गीत को हमलोगों ने अनेक बार सुना है। आज पुनः इस गीत को पढ़कर स्मृति ताजी हो गयी। आभार।

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  3. बहुत प्यारा गीत फागुन पर ...सुन्दर गीत के लिए आभार

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  4. शमीम, जुगल किशोर, साधनाराय, रीता, प्रेमसागर सिंह, चंदन, संतोष गुप्ता, परशुराम जी और हरीश जी आपके इन योधाओं को सादर नमन । बहुत सुन्दर रचना पढवाई मिश्र जी को बधाई। \आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।

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  5. द्विशतकीय इस सफल यात्रा के लिए आप सबको बहुत बहुत बधाई...

    चित्र और कविता ने मन को रससिक्त कर दिया....

    बेजोड़ लिखा है ..बेजोड़...

    आप सबों को सपरिवार रंगोत्सव की अनंत शुभकामना...

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  6. बेहद खूबसूरत फ़ागुनी गीत्……………होली की हार्दिक शुभकामनायें।

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  7. बहुत प्यारा गीत फागुन पर ...सुन्दर गीत के लिए आभार

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  8. दोस्तों! अच्छा मत मानो कल होली है.आप सभी पाठकों/ब्लागरों को रंगों की फुहार, रंगों का त्यौहार ! भाईचारे का प्रतीक होली की शकुन्तला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन परिवार की ओर से हार्दिक शुभमानाओं के साथ ही बहुत-बहुत बधाई!

    आप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-अगर आपको समय मिले तो कृपया करके मेरे (http://sirfiraa.blogspot.com , http://rksirfiraa.blogspot.com , http://shakuntalapress.blogspot.com , http://mubarakbad.blogspot.com , http://aapkomubarakho.blogspot.com , http://aap-ki-shayari.blogspot.com , http://sachchadost.blogspot.com, http://sach-ka-saamana.blogspot.com , http://corruption-fighters.blogspot.com ) ब्लोगों का भी अवलोकन करें और अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे.हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं

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  9. हफ़्तों तक खाते रहो, गुझिया ले ले स्वाद.
    मगर कभी मत भूलना,नाम भक्त प्रहलाद.
    होली की हार्दिक शुभकामनायें.

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  10. भई वाह ...
    होली पर मैं आपको तथा परिवार के लिए मंगल कामनाएं करता हूँ !

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  11. बहुत प्यारा गीत फागुन पर|
    होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|

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  12. अभिव्यक्तियों में होली के नाम पर जो छिछोरापन आ जाता है,उसे यहां न पाकर संतोष हुआ। यही असली रंग है जिसमें भीगने को जी चाहता है।

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  13. प्रशंसनीय.....लेखन के लिए बधाई।
    ===================
    "हर तरफ फागुनी कलेवर हैं।
    फूल धरती के नए जेवर हैं॥
    कोई कहता है, बाबा बाबा हैं-
    कोई कहता है बाबा देवर है॥"
    ====================
    क्या फागुन की फगुनाई है।
    डाली - डाली बौराई है॥
    हर ओर सृष्टि मादकता की-
    कर रही मुफ़्त सप्लाई है॥
    =============================
    होली के अवसर पर हार्दिक मंगलकामनाएं।
    सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी

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  14. आपको और आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  15. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 22 -03 - 2011
    को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..

    http://charchamanch.uchcharan.com/

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  16. पिया यूँ बांसुरी बजाओ की पाँव को पंख मिले ...
    बहुत प्यारा फागुनी गीत!

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  17. बहुत सुन्दर पन्तियाँ .........पढवाने के लिए धन्यवाद .......

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  18. बहुत प्यारा नवगीत ,,,,

    रूबरू करने का आभार ....

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  19. बहुत ही सुंदर सावनी फागुनी रचना -
    सुंदर चित्रों से और सुंदर हो गयी है -
    बधाई एवं होली की शुभकामनाएं .

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