कविता के नए सोपान (भाग-4)आज का कवि परिवेश के साथ द्वंद्वमय स्थिति में है। |
कवि, आलोचक और चिंतक विजयदेवनारायण साही नई कविता के दौर के प्रमुख कवियों में से एक हैं। उन्होंने नयी कविता के ऊपर अपने विचार रखते हुए कहा, “कविता कवि की भावनाओं तथा परिवेश के बीच संघर्ष की उपज है।” उनका यह मानना था कि यह संघर्ष कोई नई चीज नहीं है। यह पहले भी था। लेकिन उनका यह कहना था कि पहले का कवि अधिक “विदग्ध” (दक्ष) था। तात्पर्य यह कि वह कवि इस संघर्ष से न सिर्फ बचने के उपाय जानता था, बल्कि वह इस संघर्ष से उपजे तनाव से बच भी जाता था। लेकिन आज परिस्थिति अलग है। आज का कवि अपने परिवेश के साथ एक द्वंद्वमय स्थिति जी रहा होता है। जिस परिवेश में हम रहे हैं उसमें भी बदलाव आया है। इस बदलाव के कारण अनुभूति की जटिलता बढ़ी है। संवेदनात्मक उलझाव का समावेश भी परिवेश में हुआ है। ये सारे तत्व आज की कविता को प्रभावित कर रहे हैं। इस जटिलता और उलझाव के कारण कविता के कलेवर में भी बदलाव आया है। इसके अलावा एक और चीज उल्लेखनीय है कि अगर गहरे स्तर पर देखें तो काव्यानुभूति की बनावट में भी फर्क आया है। चेतना के तत्व जो पहले की कविता में काव्यानुभूति के आवश्यक अंग थे, आज के दौर-दौरा में अनुपयोगी दिखने लगे हैं। लगता है इस बदलते परिवेश में वे सार्थक नहीं रहे। इसी तरह कुछ ऐसे तत्व जिन्हें पहले अनावश्यक माना जाता था, आज वे ही काव्यानुभूति के केंद्र में आ गए हैं। साही जी अपनी बात को एक निष्कर्ष तक लाते हुए “शमशेर की काव्यानुभूति की बनावट” शीर्षक लेख में कहते हैं, “कुल मिलाकर काव्यानुभूति और जीवन की काव्येतर अनुभूतियों में जो रिश्ता दिखता था, वह रिश्ता भी बदल गया है।” इस प्रकार नई कविता में अनुभूति की बनावट की भिन्नता परिलक्षित है। अतः हम पाते हैं कि नए कवि अनुभूति से अधिक अनुभूति के परिवर्तित संदर्भ पर अधिक बल देते हैं। |
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एक बार फिर बहुत अच्छि जानकारी मिली पढने को।
जवाब देंहटाएंअच्छि जानकारी
जवाब देंहटाएंकविता की बनावट पर आज के परिवेश में बदलाव सच ही परिलक्षित होता है ...सटीक अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंअपनी पोस्ट के प्रति मेरे भावों का समन्वय
जवाब देंहटाएंकल (23/8/2010) के चर्चा मंच पर देखियेगा
और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
बढिया सोपान है।
जवाब देंहटाएंआपके इस पोस्ट के माध्यम से अच्छी जानकारी मिल रही है. बहुत बहुत आभार,,,
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
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