हिंदी को माध्यम बनाना ही होगा
--- --- मनोज कुमार
जनसंचार के सबसे सशक्त माध्यम सिनेमा और टेलीविजन ने हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में वैश्विक क्रांति दी है। हिंदी फिल्म भारत के हर कोने में देखी और पसंद की जाती है। विदेशों में भी हिंदी सिनेमा सितारों की लोकप्रियता काफी बढ़ी है। अंग्रेज़ी फिल्में हिंदी में डब करके प्रस्तुत की जा रहीं हैं। प्रयोजनमूलक हिंदी का सबसे बड़ा उपयोग मीडिया और विज्ञापन के क्षेत्र में है। टेलीविजन पर विज्ञापन की दुनियां में हिंदी का बोलबाला है। विज्ञापन की दुनियां का हिंदी के बगैर काम नहीं चलता। विज्ञापन गुरु यह जान और मान चुके हैं कि माल अगर बेचना है तो उन्हें हिंदी में ही बाज़ार में उतरना पड़ेगा। हां ये जो हिंदी परोसी जा रही है उसे कुछ लोग “हिंगलिश” की संज्ञा देते हैं। परन्तु यह सर्वग्राह्य हिंदी है। आज हर कोई हिंदी बोल समझ लेता है, लिख पढ़ भले न पाए। इस सुखद स्थिति में हिंदी को लाने का बहुत बड़ा श्रेय हिंदी सिनेमा और हिंदी धरावाहिक को जाता है, इस बात से इंकार नही किया जा सकता।
आज लोग यह समझ चुके है कि “अगर पूरे हिन्दुस्तान को कोई संदेश देना है तो हिंदी को माध्यम बनाना ही होगा”। हिंदी ही भारत के जनसंचार माध्यमों की भाषा है। आज अनेक विदेशी उत्पादों के विज्ञापन भारत में हिंदी में किए जाते हैं, ऐसी हिंदी में जिसे उस कंपनी के सी.ई.ओ. से लेकर भारत के गांवों का किसान तक समझ जाता है। शीतल पेय कोकाकोला का विज्ञापन कहता है “पीयो सर उठा के”, मतलब गर्व से पीयो। जो इसका यह अर्थ नहीं समझ पायेंगें वो इतना तो समझ ही जायेंगें की सर को ऊपर कर के कोकाकोला पीने में मजा आता है। लेकिन कहा जाए कि “कृपया अपने मस्तक को उर्ध्व कर कोकाकोला का पान करें” तो इसमें नाहक ज़्यादा समय और ज़्यादा ऊर्जा लगेगा और सुनने में शायद ये कुछ कोमल कान्त लगे किंतु अधिकांश हिन्दीभाषी भी इसका अभिप्राय नहीं समझ पायेंगें। यहाँ कोमल शब्दों वाले दूसरे मधुर वाक्य का कोई प्रयोजन नहीं है जबकि चार सामान्य शब्दों वाला पहला वाक्य अपने अभिप्राय का वहन करने में कहीं अधिक सफल है, तो यही है प्रयोजनमूलक हिंदी। “शहर के हृदय स्थल में अवस्थित नगर भवन के विशाल प्रांगन में अपार जन-समूह के बीच एक महती जनसभा आयोजित की गयी।” अब इतना लिखने की जगह ये भी लिखा जा सकता है कि “नगर भवन में एक जनसभा हुई।”
कल से हम प्रयोजनमूलक हिंदी के घटकों पर एक नज़र डालेंगे। प्रयोजनमूलक हिंदी में शामिल घटकों में प्रमुख हैं, पत्रकारिता, भाषा-विज्ञान, (linguistics & philology) अनुवाद और सृजनात्मक लेखन।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंमेरी ओर से भी गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!अच्छा लेख ।
जवाब देंहटाएंमुझे लगता है कि इस समय अंग्रेजी कुछ ज्यादा ही हिन्दी पर हावी होते जा रही है और हिन्दी के आसान, सरल शब्दों पर अंग्रेजी का अतिक्रमण हो रहा है. नवभारत टाइम्स अखबार इसका सबसे अच्छा उदाहरण है. ये अखबार अंग्रेजी के महिमामंडन पर भी कई लेख निकाल चुका है. आपने बताया कि विदेशी कंपनियां भी यहां अपना उत्पाद बेचने के लिए हिन्दी का सहारा ले रही हैं. वो तो अच्छी बात है परंतु रिलाएंस बिग टीवी के विज्ञापनों पर गौर कीजिएगा. कंपनी भारतीय है विज्ञापन में काम करने वाले भारतीय हैं. ग्राहक भी भारतीय ही हैं. परंतु भाषा अंग्रेजी है या हिन्दी या हिंग्लिश मुझे नही पता.
जवाब देंहटाएंhttp://www.youtube.com/watch?v=eEkKDbIHafk
http://www.youtube.com/watch?v=rRjNcDgxdFQ