न जाने क्यों आज भी हमारे समाज में हर घर परिवार में पुत्र की चाहत का इज़हार किया जाता है। गर बेटी हो जाए तो माँ का तिरस्कार किया जाता है। कितनी मजबूर होती होगी वो माँ जो अपने गर्भ में पलने वाले बच्चे को मात्र इस लिए काल के क्रूर हाथों के हवाले कर दे कि वो बेटी है। नष्ट कर देते हैं बेटी कि संरचना को भूल जाते हैं सच्चाई कि यही बेटियाँ सृष्टि रचती हैं। शायद ऐसे लोग बेटी की अहमियत नही जानते हैं बेटा लाख लायक हो पर बेटियाँ मन में बसती हैं उनके रहने से न जाने कितनी कल्पनाएँ रचती हैं। बेटियाँ माँ का ह्रदय होती हैं , सुकून होती हैं उसके जीवन के गीतों की प्यारी सी धुन होती हैं. |
सुंदर शब्दों से सजी निर्मल भावो से परिपूर्ण प्यार से लबालब कोमल रचना.
जवाब देंहटाएंise padh ke ek maka dil bhi pighla to humara bloging karna sarthak h
जवाब देंहटाएंgud ....
बहुत प्रेरणादायक कविता
जवाब देंहटाएंरचना के माध्यम से
आपने जो भावनात्मक सन्देश दिया है
वो दिल तक पहुँचता है !
लिखते रहिये !आगे भी ऐसी ही सुन्दर पोस्ट की उम्मीद है !
मेरी शुभकामनाएं !!
वो तो प्रकृति का रूप होती हैं। उन्हें यदि कोई काल के हवाले करता है तो उनका खुद का विनाश का रास्ता तैयार होता है। बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
जवाब देंहटाएंबेटी .......प्यारी सी धुन
संगीता दी! इस कविता ने गहरे छुआ है... एक बेटी का पिता हूँ, इसलिए यह कविता अपने दिल के करीब पाता हूँ!!
जवाब देंहटाएंपुत्र की चाहत का
जवाब देंहटाएंइज़हार किया जाता है। गर बेटी हो जाए
तो माँ का तिरस्कार किया जाता है। कितनी मजबूर होती होगी.
बहुत सुन्दर है आपकी रचना
नफे नुकसान से जीवन को देखने वाले लोग भला बेटियों का आनन्द क्या जानेंगे? वे तो जीवन भर किसी भी आनन्द को समझ ही नहीं सकते। अच्छी कविता।
जवाब देंहटाएं... samvedansheel rachanaa ... behatreen !!!
जवाब देंहटाएंबेटियाँ ही भविष्य का दर्पण हैं………………सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंमानवता जिस भी अंश में बची है,वह बेटियों के कारण ही। उनकी हत्या,उपेक्षा अथवा तिरस्कार हमारे लगातार असभ्य और बर्बर होते जाने की कथा-व्यथा है।
जवाब देंहटाएंbahut sundar rachna!
जवाब देंहटाएंitni komalta se betiyon ki baat karti hui kavita hetu badhai sangeeta ji!
regards,
बहुत ही सुन्दर एवं भावमय प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसंगीता जी बहुत मन के करीब है ये कविता मैं तो दो बेटियों की माँ हूँ दुगनी ख़ुशी "I am on top of this world "
जवाब देंहटाएंबेटियाँ माँ का
जवाब देंहटाएंह्रदय होती हैं , सुकून होती हैं
उसके जीवन के गीतों की
प्यारी सी धुन होती हैं.
betiyan runjhun geet hoti hain ghar ka
बेहद सुन्दर कविता....बेटियाँ तो बस घर की रौनक...प्यारी सी धुन..ना जाने क्या क्या होती हैं...
जवाब देंहटाएंमनुष्य ल्कहलाने के लायक नहीं,....जो उनका महत्त्व नहीं समझते
"न जाने कितनी
जवाब देंहटाएंकल्पनाएँ रचती हैं। ".. सच कह रही है आप.. बेटिया कल्प्नाये रच्ती हैं.. सुन्दर कविता..
बेटियां सच ही कितनी प्यारी होती हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी रचना.
बेटी क्या होती है? ये अभी तक वही जानता है जो इसके इस रूप को पहचानता है. अभी भी हममें से ८० प्रतिशत बेटी को पराया ही समझते हैं और पैदा होते ही अगर मारते नहीं तो उसके लिए तनाव लेकर जीते हैं. उसको बेटा बना दें तो वे बेटों से अधिक प्यार स्नेह से पूर्ण और जिम्मेदार साबित होती हैं. जो ममता बेटी रखती है शायद कोई नहीं रखता है. मेरी दो बेटियाँ मेरे जीवन की अमूल्य निधि हैं आप भी ऐसे अमूल्य निधि को पहचानिए.
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया और सार्थक रचना ...........
जवाब देंहटाएंराष्ट्रकुल खेलों में लड़कियों की बदौलत ही हिन्दुस्तान दुसरे नंबर पर आया है. लडको ने भी मेहनत की. लेकिन भारत को दुसरे स्थान पर लाने का श्रेय लड़कियों को ही जाता है .
बेटियाँ माँ का
जवाब देंहटाएंह्रदय होती हैं , सुकून होती हैं
उसके जीवन के गीतों की
प्यारी सी धुन होती हैं
-बिल्कुल सही कहा है आपने...
बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंउठ तोड़ पीड़ा के पहाड़
संगीता जी .
जवाब देंहटाएंवह समय हमारे सामने बीतता रहा,अब स्थितियाँ बदल गई हैं -बेटी और उसकी माँ तिरस्कार की पात्र नहीं है .एक कहावत आपनी सासु-माँ से सुनती थी 'बेटी की माँ रानी.. '(इसका शेष अंश ग्राह्य नहीं )-तब भी बेटी की सहृदयता सर्व-स्वीकृत थी .
सार्थक कविता हेतु आभार!
नष्ट कर देते हैं
जवाब देंहटाएंबेटी कि संरचना को
भूल जाते हैं सच्चाई कि
यही बेटियाँ सृष्टि रचती हैं
प्रेरणादायक कविता
मन की कोमल भावनाओं का बड़ी सच्चाई से इज़हार करती बहुत ही प्यारी रचना ! बेटियाँ तो माँ का सबसे बड़ा संबल होती हैं उसका सबसे बड़ा सहारा होती हैं ! भावुकता से परिपूर्ण एक बहुत ही अच्छी रचना !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन और बहुत सार्थक रचना दी ......बेटियाँ बहुत प्यारी होती है और बेटों से कम भी नहीं है
जवाब देंहटाएंइस फर्क को दूर कर कन्या भ्रूण हत्या जैसे कृत्य को जड़ से मिटाना ही होगा हम सब को मिलकर .....इस बहुमूल्य प्रस्तुति पर बहुत बहुत धन्यवाद !
आपकी ये भावपूर्ण अभिव्यक्ति दिल को छू गई। मेरे तो बेटियां नहीं है, और यह अभाव खटकता है! पर जो
जवाब देंहटाएंजो अपने गर्भ में
पलने वाले बच्चे को
मात्र इस लिए काल के
क्रूर हाथों के हवाले कर दे
कि वो बेटी है।
वो तो घृणा करने के भी पात्र नहीं हैं।
meree betiyan to nahee hain par potiyan hain aur Aapkee in panktiyon ko unkee man ke sath main bhee jee rahee hoon.
जवाब देंहटाएंबेटियाँ माँ का
ह्रदय होती हैं , सुकून होती हैं
उसके जीवन के गीतों की
प्यारी सी धुन होती हैं.
पुत्र की चाहत का
जवाब देंहटाएंइज़हार किया जाता है। गर बेटी हो जाए
तो माँ का तिरस्कार किया जाता है। कितनी मजबूर होती होगी.
सुन्दर प्रस्तुति, शुभकामनाएं!
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 7 नवम्बर 2015 को लिंक की जाएगी .
जवाब देंहटाएंhref=http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
सुन्दर और भावपूर्ण।
जवाब देंहटाएंसुन्दर और भावपूर्ण।
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