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सोमवार, 21 जून 2010
आज का विचार
आज का विचार
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श्रेष्ठ कर्म
व्यर्थ कर्म भारीपन व थकान लाते हैं जबकि श्रेष्ठ कर्म हमें प्रसन्न और हल्का बनाकर ताज़गी प्रदान करते हैं।
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