बुधवार, 3 फ़रवरी 2010

राजभाषा नियम, 1976 / The Official Languages Rules, 1976

राजभाषा नियम, 1976 / The Official Languages Rules, 1976

नियम 5. हिंदी में प्राप्‍त पत्रादि के उत्तर हिंदी में ही दिए जाएं ।

Rule 5. Communication received in Hindi must be replied in Hindi only.

नियम 6. राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3(3) के अन्‍तर्गत आने वाले कागजात द्विभाषी जारी हो रहे हैं, यह सुनिश्चित करना उस अधिकारी का दायित्‍व है जो उन पर हस्‍ताक्षर कर रहे हैं ।

Rule 6. Both Hindi & English shall be used for all document referred to in sub-section (3) of section 3 of the O.L. Act, 1963 and it shall be the responsibility of the persons signing such documents to ensure that such documents are made executed or issued both in Hindi and in English

नियम 7. (क) कोई कर्मचारी आवेदन,अपील या अभ्‍यावेदन हिंदी या अंग्रेजी में कर सकता है ।

Rule 7. (i) An employee may submit an application, appeal or representation in Hindi or in English.

(ख) ऐसा आवेदन, अपील, अभ्‍यावेदन अगर हिंदी में हो या उस पर हस्‍ताक्षर हिंदी में हो तो उसका उत्तर हिंदी में ही दिया जाएगा

(ii) Any application, appeal or representation if made or signed in Hindi, shall be replied to in Hindi.

(ग) यदि कोई कर्मचारी यह चाहता है कि सेवा संबंधी विषयों से संबंधित कोई आदेश या सूचना, जिसका कर्मचारी पर तामील किया जाना अपेक्षित है, यथास्थिति हिंदी या अंग्रेजी में होनी चाहिए तो वह इसे असम्‍यक विलम्‍ब के बिना उसी भाषा में दी जाएगी ।

(iii) Where an employee desires any order or notice relating to service matters required to be served on him to be in Hindi, or in English, as the case may be it shall be given to him in that language without undue delay.

नियम 8. (क) कोई भी कर्मचारी किसी फाइल पर टिप्‍पणी या मसौदा हिंदी या अंग्रेजी में लिख सकता है और उससे यह अपेक्षा नहीं की जाएगी कि वह उसका अनुवाद दूसरी भाषा में प्रस्‍तुत करे ।

Rule 8. (i) An employee may record a note/minute on a file in Hindi or in English without being himself required to furnish a translation there of in the other language.

नियम 11. (क) सभी मैनुअल, संहिताएं और प्रक्रिया संबंधी अन्‍य साहित्‍य हिंदी और अंग्रेजी में द्विभाषी रूप में ही छपवाए या साइक्‍लोस्‍टाइल किए जाएं और प्रकाशित किए जाएं ।

Rule 11. (i) All manuals, code and other procedural literature shall be printed or cyclostyled, as the case may be, and published both in Hindi and English in diglot form.

(ख) सभी नामपट्ट सूचनापट्ट, पत्रशीर्ष और लिफाफों पर उत्‍कीर्ण लेख एवं लेखन सामग्री की अन्‍य मदें हिंदी और अंग्रेजी में (द्धिभाषी) ही हों।

(ii) All name-plate, signs boards, letter heads and inscription on envelopes and other items

stationary shall be in Hindi and in English (Bilingual )

नियम 12. अनुपालन का उत्तरदायित्‍व

Rule 12. Responsibility for compliance –

1. केंद्रीय सरकार के प्रत्‍येक कार्यालय के प्रशासनिक प्रधान का यह उत्तरदायित्‍व है कि वहः

1. It shall be the responsibility of the Administrative Head of each Central

Government Office:

(क) यह सुनश्चित करे कि अधिनियम और इन नियमों के उपबंधों का समुचित रूप से अनुपालन

हो रहा है और

(i) To ensure that the provisions of the Act and these Rules are properly

complied with; and

(ख) इस प्रयोजन के लिए उपयुक्‍त और प्रभावकारी जांच के लिए उपाय किए गए हैं।

(ii) To devise suitable and effective check points for this purpose.

2. केंद्रीय सरकार अधिनियम और इन नियमों के उपबन्‍धों के सम्‍यक् अनुपालन के लिए अपने

कर्मचारियों और कार्यालयों को समय समय पर आवश्‍यक निदेश जारी कर सकती है ।

2. The central Government may from time to time issue such directions to its employees and officers as may be necessary for the due compliance of the provision of the Act and these Rules.

15 टिप्‍पणियां:

  1. i don't know why we prefer english more in india our national language is
    HINDI

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  2. कृपया पहले ४ नियम भी बताएं।

    सादर

    रवि कांत अनमोल

    जवाब देंहटाएं
  3. Respected Sir,

    Kindly excuse me for contacting you directly for some clarifications with respect to
    "Rajbhasha Adhiniyam" . Since I found your mail ID somewhere on internet so I request you to
    kindly arrange to clear my doubts with respect to provisions under Clause 3(3) of Rajbhasha
    Adhiniyam.

    1. I am working in administrative office of a Nationalized Bank which is situated in Uttar
    Prasesh (Area-Ka). I am issuing Transfer order, office memorandum, inter branch correspondence
    and other misc. letters in HINDI only.

    2. We are sending above mentioned type letters / orders only to the branches situated in U.P.
    which fall under area-ka (Rajbhasha niyamawali)

    3. Our Rajbhasha Adhikari is pressing hard for issue of all above mentioned letters in
    bilingual form i.e. in Hindi and English both as per provisions of Section 3(3) of Rajbhasha
    Adhiniyam.

    Please advise me whether it is necessary to issue orders in bilingual form, however these are
    already being issue in HINDI only. If it is necessary to issue all orders in HINDI & English
    both in even thoroughly Hindi speaking areas, then is it not encouragement of English instead
    of HINDI?

    Kindly arrange to advise me.

    Thanking you,

    Dharma Veer Saxena
    Faizabad. U.P.

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    उत्तर
    1. Please advise me whether it is necessary to clear the examination of hindi tipan & prarupan exam., however I have already passed the above examination in the period of nun gazetted now Iam gazatted after promotion.

      हटाएं
    2. Dharam veer,

      what your Rajbhasha adhikari is saying it is correct. Because clause(dhara) 3(3) says any letter viz, Notification, general order, rules, resolution, notification, press communiques, document to be presented in Parliament, legal terms, agreement, tender notice, contract, licences, permit, tender form, administration and other reports should be send in bilingual. letters other than these not need to send them bilingual.

      हटाएं
  4. क्या इन नियमो की पालना सभी विभागो मे हो रही है?
    नही ।
    पालना नही करने पर कोई सजा या कार्यवाही का प्रावधान राजभाषा नितमो मे नही है।
    इस कारण ही राजभाषा का विकास जो होंबा चाहिये था अभी तक भी नही हुवा है।

    इनकी पालना अधिकारियो की मर्जी पर है पालना करे तो ठीक नही करे तो कोई बात नही।

    जवाब देंहटाएं
  5. क्या इन नियमो की पालना सभी विभागो मे हो रही है?
    नही ।
    पालना नही करने पर कोई सजा या कार्यवाही का प्रावधान राजभाषा नितमो मे नही है।
    इस कारण ही राजभाषा का विकास जो होंबा चाहिये था अभी तक भी नही हुवा है।

    इनकी पालना अधिकारियो की मर्जी पर है पालना करे तो ठीक नही करे तो कोई बात नही।

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