बुधवार, 20 जनवरी 2010

आज बसंत पंचमी


आज बसंत पंचमी है। विद्या-बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के चरणों में वंदन। आज के ही दिन महाकवि श्री सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म हुआ था। उन्हें शत-शत नमन !

हमारे संविधान निर्माताओं की आकांक्षा थी कि स्वतंत्रता के बाद देश का शासन हमारी अपनी भाषाओं में चले ताकि आम जनता शासन से जुड़ी रहे और समाज में एक सामंजस्य स्थापित हो और सबकी प्रगति हो सके।
इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर संविधान में प्रावधान रखा गया कि 343. (1) संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी । संघ की राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंको का रूप भारतीय अंको का अन्तर्राष्ट्रीय रूप होगा।
मित्रों इस ब्लॉग की शुरूआत आज से करना हमारे लिए हर्ष का विषय है ! इस पर हम आमंत्रित करते हैं करना चाहते हैं उन सभी मित्रों का जो केंद्रीय सरकार की राजभाषा नीति के क्रियान्वयन से जुड़े है
  • अनुवादक के रूप में 
  • हिंदी अधिकारी के रूप में
  • राजभाषा अधिकारी के रूप में
  • या अन्य दायित्वों के साथ।
हमारा उद्देश्य है कि ब्लॉग जगत के माध्यम से हम
  • राजभाषा क्रियान्वयन से जुड़े लोगों को एक मंच प्रदान करें। ताकि उनकी साहित्यिक और अन्य रचनात्मक प्रतिभा को आगे बढ़ाने का अवसर मिले। 
  • जो अपनी सृजनात्मक प्रतिभा पत्र-पत्रिका या अन्य माध्यमों से जुड़ कर सामने रख रहे हो, उन्हें भी इस ब्लॉग से जोड़ना ताकि उनकी व्याप्ति दूर तक हो। 
  • इसके साथ-साथ विचार विमर्श अन्य माध्यमों से राजभाषा हिंदी के क्रियान्वयन को सरलीकृत करने में योगदान करना
एक उदाहरण File को
  • मिसिल कहें
  • या संचिका
  • या फाईल
एक और उदाहरण
  • मैं कोलाघाट स्थित आरक्षण कार्यालय में एक शायिका उपलब्ध करवाने हेतु पंक्तिबद्ध हुआ किंतु जब मेरी बारी आई तो शायिका आरक्षण हेतु उपलब्ध नहीं थी और मुझे सखेद वापस आना पड़ा।
  • या यह कहें मुझे रिजर्वेशन नहीं मिला ।
सरलीकृत, राजभाषा की प्रकृति और प्रवृति पर हम इस ब्लॉग के माध्यम से बात रखना चाहते हैं।

इसे हम Community Blog का रूप देना चाहते हैं।
  • आप इससे जुड़ें। 
  • सहयोग दें इस बात के लिए कि कार्यालयीन काम के लिए हिंदी को कितना सुगम बनाया जा सकता है। 
  • अपना सुझाव भी दें कि इसके क्या क्या स्तंभ हो सकते हैं ? जैसे
* नियम प्रावधान आदि
विचार, विमर्श, चर्चा
परामर्श
साहित्य , कविता, कहानी, व्यंग्य, आलेख

हां ! हम सरकारी नीतिओं की आलोचना से बचना चाहेंगे पर जो कठिनाइयां एवं सुझाव है उसे उन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे इस ब्लॉग के माध्यम से।
आपके सुझाव और सहयोग आमंत्रित है ।

यदि आप योगदानकर्ता के रूप में इस ब्लॉग से जुड़ना चाहते हैं तो controler.rajbhasha.blog@gmail.कॉम पर ई-मेल करें । विभिन्न विधाओं और विचारधाराओं के लेखकों/विद्वानों/रचनाकारों की साझेदारी से हम राजभाषा हिंदी को बढ़ाने की कोशिश करेंगे।

राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए राजभाषा संबंधी गतिविधियों का आदान-प्रदान इस माध्यम से हम करेंगे। तो आइये समृद्ध भाषा को समृद्धतर बनाएं !!

14 टिप्‍पणियां:

  1. मातृभाषा, राष्ट्रभाषा, राजभाषा........... अपनी भाषा हिंदी को समर्पित इस ब्लॉग को देख कर बड़ी प्रसन्नता हुई. बसंत पंचमी के आवसर पर इसका श्रीगणेश हुआ है, वीणा-पुस्तक रंजित हस्ते भगवती भारती स्वयं इस ब्लॉग पर बिराजें !!

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  2. Aplogo ko is naye bolg ke liye bahot bahot badhai.. aur basant panchmi ke dhero subhkamnayen..
    Rajyabhasa hindi ke liye aplogo ne jo ye naya kadam uthaya uske liye mai tahedil se aplogo ka sukriya ada karti hun...aur aplogo ke is prayas se hamari rajyabhasa hindi ka prachar prasar jarur hogo.....
    dhanyawad :)

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  3. मैं समर्थक तो बन ही गया हूं। योगदानकर्ता भी बनना चाहता हूं।
    इस नेक काम के प्रति शुभकामनाएं।

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  4. इस ब्लॉग के लिये साधुबाद. हार्दिक प्रसन्नता हुई कि यह ब्लॉग राष्ट्रभाषा को समर्पित है. इसे सफलता प्राप्त हो ये मनोकामना है मेरी साथ हि यथासम्भव इसमे योगकर्त्ता बनना अपना सौभाग्य मानूंगा.
    आपका
    अजय कर्ण,बंगलोर

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  5. इस बलाग को शुरु करने के लिये आपको धन्यवाद .राजभासा हिन्दी का प्रचार प्रसार हो यहि कामना है .

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  6. Bahut Achchha Pryas hai ye aapka..... ham aapko pura sahyog denge is Blog ko smridh karne ke liye.

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  7. स्वागत!
    बधाई!
    शुभकामनाएँ!
    सराहनीय कार्य!

    --
    "सरस्वती माता का सबको वरदान मिले,
    वासंती फूलों-सा सबका मन आज खिले!
    खिलकर सब मुस्काएँ, सब सबके मन भाएँ!"

    --
    क्यों हम सब पूजा करते हैं, सरस्वती माता की?
    लगी झूमने खेतों में, कोहरे में भोर हुई!
    --
    संपादक : सरस पायस

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  8. बधाई .शुभकामनाये .आप अपने प्रयास मे सफ़ल हो यही कामना है.

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  9. जय हो। बधाई हो बसंत पंचमी के अवसर पर इस ब्लॉग को शुरू करने के लिये। आशा है कि यह ब्लॉग अपने सारे उद्देश्यों को प्राप्त कर सकेगा। यहां से वर्ड वेरीफ़िकेशन को विदा करें ताकि टिप्पणी करने में आसानी हो।

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  10. आपका स्वागत है . इस महत उद्देश से जिस किसी भी रूप में जुड़ना सभी हिन्दी प्रेमियों का कर्तव्य हो.

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  11. हिंदी चिट्ठाकारी की सरस और रहस्यमई दुनिया में प्रोफेशन से मिशन की ओर बढ़ता "जनोक्ति परिवार "आपके इस सुन्दर चिट्ठे का स्वागत करता है . . चिट्ठे की सार्थकता को बनाये रखें . नीचे लिंक दिए गये हैं . http://www.janokti.com/ ,

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  12. हिंदी ब्लाग लेखन के लिये स्वागत और बधाई । अन्य ब्लागों को भी पढ़ें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देने का कष्ट करें

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  13. राजभाषा के संचालक मनोज जी नहीं हैं, यह पता चल रहा है। फिर कौन हैं वे? कुछ परिचय मिलेगा?…एक सुझाव है। टिप्पणी करते वक्त पाठक को एक बार बिना मतलब क्लिक करना होता है। इसे नीचे करने का विकल्प है, उसे कर दिया जाना चाहिए। इससे टिप्पणीकर्ताओं को आसानी होगी।

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