रविवार, 14 फ़रवरी 2010

राष्‍ट्रपति का आदेश 1960

राष्‍ट्रपति का आदेश 1960

राजभाषा समिति की सिफारिशों को ध्‍यान में रखते हुए राष्‍ट्रपति ने संविधान के अनुच्‍छेद 344(6) के अंतर्गत प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्‍द्र सरकार के कार्यालयों के कामकाज मकें हिन्‍दी को प्रस्‍थापित किए जाने के लिए पांरभिक उपायों के संबंध में 27 अप्रेल 1960 को एक आदेश जारी किया । इस आदेश में विशेषकर निम्‍नलिखित विषयों के संबध में की जाने श्‍वाली व्‍यवस्‍था के विषय मे निर्देश दिये गये :

1 शब्‍दावली निर्माण के सिद्धान्‍त तथा वैज्ञानिक और तकनीकी शब्‍दावली के लिए स्‍थाई आयोग का गठन।

2 प्रशासनिक साहित्‍य और अन्‍य कार्य -विधि साहित्‍य का अनुवाद।

2

3 प्रशासनिक कर्मचारी वर्ग को हिंदी का प्रशिक्षण ।

4 हिन्‍दी का प्रचार प्रसार और विकास

5 केन्‍द्र सरकार के विभागों स्‍थानीय कार्यालयों के लिए भर्ती ।

5

6 प्रशिक्षण संस्‍थानों के माध्‍यम से प्रशिक्षण ।

6

7 अखिल भारतीय सेवा और उच्‍चतर केन्‍द्रीय सेवाओं में भर्ती के लिए परीक्षा का माध्‍यम तथा भाषा विषयक प्रश्‍न पत्र।

7

8 अंकों का प्रयोग ।

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9 अधिनियमों, विधेयकों आदि की भाषा ।

9

10 उच्‍चतम न्‍यायालय , उच्‍च न्‍यायालय की भाषा ।

10

11 विधि के क्षेत्र में हिन्‍दी में काम करने के लिए आवश्‍यक प्रांरभिक कदम ।

12 हिन्‍दी के प्रगामी प्रयोग के लिए योजना का कार्यक्रम ।

12

इस प्रकार हम देखते है कि भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 343 में हिन्‍दी को संघ की राजभाषा घोषित करने के साथ साथ अग्रेंजी को भरी सह राजभाषा का दर्जा प्रदान किया गया ताकि सरकारी कामकाज सुचारू रूप से सम्‍पन्‍न हो सके । इस क्रम में यह भी उल्‍लेखनीय है कि भारतीय सामासिक संस्‍कृति के विकास हेतु भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद 351 में राज्‍यों की राजभाषाओं को भी उतना ही महत्‍व प्रदान करते हुए उनके प्रचार-प्रसार की बात कही गयी है और राज्‍य सरकारों को अपनी राजभाषा चयन करने की पूरी छूट भी प्रदान की गयी है ।भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज 22 आधुनिक भारतीय भाषाएं इसी का जीता जागता प्रमाण है ।

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