गुरुवार, 4 मार्च 2010

आज का विचार-10

आज का विचार


प्रीति की सुन्‍दर रीति


जलु पच सरिस बिकाई देखहु प्रीत किरीतिभलि।

बिलग होई रसु जाई कपट खटाई परत पुनि।।

प्रीति की सुन्‍दर रीति देखि‍ए कि जल भी दूध के साथ मिलकर दूध के समान भाव बिकता है, परंतु फिर कपट रूपी खटाई पड़ते ही पानी अलग हो जाता है, दूध फट जाता है और स्‍वाद अर्थात प्रेम जाता रहता है।

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