शुक्रवार, 4 नवंबर 2011

वाचक…मतलब बोलेगी मशीन और सुनेंगे आप और वह भी अपनी भाषा हिन्दी में

राजभाषा पर मेरा यह पहला लेख है। साहित्य-जगत से तो हमेशा पढ़ने-जानने को यहाँ मिलता ही रहता है। इसलिए सोचा कि बहुत सी काम की बातें जो हिन्दी से मतलब रखती हैं, उन्हें बाँटने की कोशिश की जाय। आज शुरूआत कम्प्यूटर तकनीक से ही करता हूँ। ऐसे विषय पर पहली बार लिखने की कोशिश की है। कमियाँ हों तो बताने की और माफ करने की कृपा करेंगे।



वाचकमतलब बोलेगी मशीन और सुनेंगे आप और वह भी अपनी भाषा हिन्दी में

विंडोज एक्सपी संचालन तंत्र (आपरेटिंग सिस्टम) का अगर आप उपयोग करते हैं तब आपके लिए एक अच्छी सुविधा मौजूद है। सम्भव है आप पहले से इससे परिचित भी हों। यहाँ हम वाचक नामक सहयुक्ति (प्लग-इन) के बारे में बात कर रहे हैं। वाचक विंडोज आधारित सहयुक्ति है जिसकी सहायता से हम हिन्दी में या नागरी लिपि में लिखे किसी पाठ को अपने कम्प्यूटर द्वारा बोलवाकर या पढ़वाकर सुन सकते हैं। यूनिकोड में लिखे पाठ के साथ ही अन्य बहुत से फांटों में लिखे पाठ को भी वाचक के द्वारा पढ़ा जा सकता है।
      कम्प्यूटर में अंग्रेजी के लिए पाठ से वाक यानी टेक्स्ट टू स्पीच आसानी से उपलब्ध है और इसका इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन उसमें जिस आवाज को हम सुनते हैं, वह अमेरिकी टोन के साथ है। जबकि वाचक स्पष्ट शब्दों में हिन्दी, मराठी, भोजपुरी, मैथिली (कहीं-कहीं नहीं भी क्योंकि इस भाषा में साठि को साइठ कहते हैं), मगही, छत्तीसगढ़ी, ब्रज आदि उन सभी भाषाओं में लिखे को पढ़कर सुनाने में समर्थ है जिनकी लिपि नागरी है। इसके लिए माइक्रोसाफ्ट वर्ड, पावरप्वाइंट या एक्सेल आदि की सहायता ली जा सकती है।
      यहाँ यह मानकर चला जा रहा है कि आप सबके पास कम-से-कम एक्सपी और माइक्रोसाफ्ट वर्ड जैसी सुविधा मौजूद है। यहाँ विशेष ध्यान माइक्रोसाफ्ट वर्ड पर ही दिया गया है क्योंकि हममें से अधिकतर लोग लिखने का काम इसी में करते हैं। वाचक द्वारा जब हम थोड़े बड़े पाठ को पढ़वाते हैं तब एक और अच्छी बात होती है। वह यह कि पाठ की रिकार्ड ऑडियो फाइल आपके दस्तावेज में यानी माई डाक्यूमेंट्स में जाकर सुरक्षित हो जाती है।
      अब हम माइक्रोसाफ्ट वर्ड में वाचक का सचित्र उदाहरण यहाँ प्रस्तुत करते हैं, फिर इस सहयुक्ति के डाउनलोड की कड़ी भी बताते हैं।
            इस सहयुक्ति को डाउनलोड करने के बाद, और इसे स्थापित कर लेने पर वर्ड खोलते ही आप वाचक टूल बार को पाएंगे। 
 और अगर इस टूलबार को देखने में कोई परेशानी हो तब व्यू मेन्यू के अन्दर टूलबार्स में वाचक को चुनकर आप इसे देख सकते हैं। अब जिस फांट में आपका पाठ हो, उस फांट को आप चुन सकते हैं। अगर आप यूनिकोड या मंगल फांट में लिख रहे हों या आपके द्वारा खोला गया दस्तावेज यूनिकोड या मंगल फांट में हो, तब आप फांट की सूची से (ड्राप डाउन मेन्यू से) मंगल फांट चुन सकते हैं। प्ले पर क्लिक करने के पहले आप आप पाठ को चुन लें (सेलेक्ट कर लें)। अब आप फांट चुन चुके हैं, पाठ सेलेक्ट कर चुके हैं। प्ले के बगल में आप एक संख्या देख रहे हैं, जो पढ़ने की गति है। मेरी समझ में यह 150 रखें, तो ठीक होगा। यह आप सुविधानुसार घटा बढ़ा सकते हैं।

      अब आप पाठ को पढ़वाकर सुनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। बस प्ले पर क्लिक करें और महिला की मशीनी आवाज में पाठ सुन लें। ध्यान रहे कि मशीनी आवाज मशीनी ही होती है। उसके साथ मानवी आवाज की अपेक्षा करना ठीक नहीं। 















      वाचक के बारे में अधिक जानने-समझने के लिए यहाँ जाएँ। वाचक को यहाँ से डाउनलोड किया जा सकता है। डाउनलोड करने के बाद जिप फाइल को अनजिप या एक्स्ट्रैक्ट करने पर मिले सेट अप को डबल क्लिक करें। वाचक स्थापित होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
      पाठ से वाक के कुछ अन्य विकल्प भी मौजूद हैं लेकिन उनका डेमो संस्करण ही उपलब्ध है या फिर वे बहुत कम क्षमता वाले हैं यानी कुछ वाक्यों से अधिक पढ़कर सुनाने में अक्षम हैं। वाचक में कुछ समस्याएँ तो हैं लेकिन इससे आसानी से काम जरूर चलाया जा सकता है।

     200 की गति से बनी यह फ़ाइल आपको वाचक द्वारा इसी लेख के लगभग 600 शब्दों को पढ़कर सुनाती है।
       अगली बार किसी और साफ्टवेयर की बात…हाँ सिर्फ़ उन्हीं के बारे में जो मुफ़्त हैं…

24 टिप्‍पणियां:

  1. हिंदी के चतुर्दिक विकास के लिए यह मशीन बहुत ही सार्थक सिद्ध होगी । सूचनापरक पोस्ट के लिए धन्यवाद ।

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  2. चंदन जी, राजभाषा हिन्दी पर आपका स्वागत है। बहुत दिनों से आपकी प्रतीक्षा थी। आपके आने से न सिर्फ़ हमारी टीम मज़बूत हुई है बल्कि हमें आपके ज्ञान और अनुभव का लाभ भी मिलेगा।

    ... और क्या अद्भुत शुरुआत की है आपने। इस सॉफ्टवेयर के बारे में बिलकुल भी जानकारी नहीं थी। निश्चय ही इस जानकारी का लाभ उठाऊंगा।

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  3. यह बहुत सार्थक प्रयास है। मैं तो इस औजार से अनजान था आज ही स्थापित करता हूँ।

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  4. यह भी ठीक है...
    जानकारी उपलब्ध कराने का धन्यवाद...

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  5. Mara dhyan is or nahi gaya tha.Aankhon ke anya upyog bhi hain.Isliye, yadi internet ki har samagri audible ho sake to yah software ek kranti mani jayegi.

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  6. ये तो अच्छा साफ़्टवेयर है!
    राजभाषा टीम से जुड़ने के लिये आपको और राजभाषा टीम दोनों को बधाई!

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  7. प्रयोग करके भी देख लिया है, बढिया लगा

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  8. काफी बढ़िया से इसे प्रस्तुत किया है आपने...शुक्रिया।

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  9. बहुत महत्वपूर्ण जानकारी -आपको एक पाठ का आडियो भी देना था .....

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  10. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  11. बढ़िया ज्ञानवर्द्धक देने के लिए आभार ....

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  12. सभी लोगों को बहुत बहुत धन्यवाद…मजाक के लिए आप लिखें…'यात्रीगण कृपया ध्यान दें। 11111 ब्लाग-अन्तर्जाल वाचक रेलगाड़ी जो दुनिया के हर कोने तक बिना तार के क्षण भर में पहुँच जाती है, सभी ब्लागरों के पास से गुजरती हुई राजभाषा हिन्दी पर आ रही है।'…इसे वाचक से बोलवा सकते हैं।

    आदरणीय मनोज जी, अनुभव और ज्ञान तो बहुत कम या नगण्य ही है। हमें भी यहाँ आकर अच्छा लगा और लगेगा।

    आदरणीय राधारमण जी, हिन्दी के लिए तो यहाँ से शुरूआत हो सकती है। हाँ, ध्यान रहे कि मानवी आवाज और मशीनी आवाज(कम-से-कम अभी तक जितना सम्भव हुआ है)में बहुत अन्तर है।

    अनूप जी, बधाई स्वीकार करते हैं।

    ऑडियो जोड़ दे रहा हूँ। यानी उसकी कड़ी(लिंक) यहाँ नीचे जोड़ दे रहा हूँ।

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  13. chandan ji,bahut kuchh seekhne ko milega apse kripaya jari rakhen or suchit bhi karte rahen .bahut sundar avam sarahniy prayas .dhanyvad

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  14. main hindi font main apni tippdi nahi de paa raha hoon .kahin shayad koi kami hai.

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  15. बहुत महत्वपूर्ण जानकारी

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  16. बहुत ही सार्थक प्रयास है यह आपका आज आपकी पोस्ट पर पहली बार आई हूँ, आकार अच्छा लगा और बहुत कुछ जानने को और पढ़ने को मिला... आभार

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  17. हिन्दी में इसकी उपलब्धता की जानकारी उपयोगी है.. अंग्रेज़ी में तो इस्तेमाल किया है मैंने..
    चन्दन जी के इस जुड़ाव के लिए मैं भी उनका अभिनन्दन करता हूँ!! उनके ज्ञान और अनुभव का लाभ हमें भी प्राप्त होता रहेगा!!

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  18. Arif Jamal द्वारा गूगल प्लस पर यह जानकारी दी गई है. मैंने इसे प्रयोग किया है.

    "एक क्लिक और गूगल का क्रोम ब्राउज़र सुनाएगा आपकी खबर
    नई दिल्ली। गूगल के क्रोम ब्राउज़र पर अब आप किसी वेबसाइट पर मौजूद आलेख, ख़बर या कॉलम पढ़ने के साथ-साथ सुन भी सकते हैं। इसके लिए बस आपको क्रोम एक्सटेंशन स्पीक-इट इंस्टाल करना होगा।

    इसे इंस्टाल करने के लिए सबसे पहले क्रोम वेब स्टोर पर जाएं। यह वेब स्टोर ऑनलाइन https://chrome.google.com/webstore पर मौजूद है। पेज खुलने के बाद बाईं ओर सबसे ऊपरी तरफ सर्च बाक्स पर speakit टाइप करें। सर्च रिजल्ट में सबसे ऊपर ही आपको स्पीक-इट एक्सटेंशन मिल जाएगा। इसे इंस्टाल करें।"

    इंस्टॉल करते ही आपके क्रोम ब्राउज़र के ऊपरी कोने पर एक स्पीकर का आइकन आ जाएगा। बस, इंटरनेट पर टेक्स्ट सेलेक्ट करें और स्पीकर का बटन दबाएं। आप अपना मनपसंद लेख सुन सकते हैं। अच्छी बात यह है कि ये हिन्दी में भी काम करता है।

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  19. आदरणीय भूषण जी,

    इस बारे में हाल में मैंने भी पढ़ा था। लेकिन यह आफलाइन नहीं है…

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  20. बढ़िया जानकारी इक बार हमरे ब्लॉग को बी देखे

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  21. रेल्वे का announce सिस्टम सॉफ्टवेर कहाँ मिलेगा ....

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