कृष्ण ! कहा था तुमने जब जब होगी धर्म की हानि तुम आओगे धरती पर , आज मानव कर रहा है तुम्हारा इंतज़ार हे माखनचोर कब लोगे तुम अवतार ?
तुम्हारा
कोई रूप नहीं
जाति नहीं
देह नहीं
सबके मन में
तुम्हारा वास
कब लोगे
तुम अवतार ?
धरा पाप से मलिन हुई पीड़ा जनता की असीम हुई अन्याय का नहीं कोई पारावार कब लोगे तुम अवतार ?
लीला तुम्हारी
अपरम्पार
भेजा एक कृष्ण
हमारे द्वार
करने दूर
अत्याचार
खत्म करने
भ्रष्टाचार
सब भक्तिभाव से
स्वीकार रहे
मन में आशा
जगा रहे
उसमें तुमको
देख रहे
जन्मदिन तुम्हारा
मना रहे
उमड़ पड़ा
जनसमूह अपार
ज्यों ही
कृष्ण ने
भरी हुंकार
क्या यही है
तुम्हारा नया अवतार ?
संगीता स्वरुप |
रविवार, 21 अगस्त 2011
नया अवतार …
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
bahut sarthak sandesh deti rachna .aabhar .
जवाब देंहटाएंBHARTIY NARI
बहुत ख़ूब...
जवाब देंहटाएंसम्भवामि युगे युगे . जन्माष्टमी की शुभकामनाये .
जवाब देंहटाएंkhud ke bheetar dekho... main tha , main hun , main rahunga
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ! आपकी प्रत्याशा अन्ना में सफलीभूत होती दिखाई दे रही है ! कदाचित वही कृष्ण का कलयुगी अवतार हैं जो इस पाप के बोझ से बोझिल भारत भूमि की रक्षा के लिये अवतरित हुए हैं ! सुन्दर भाव और बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति ! जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंसच ही तो है"जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखीं तिन तैसी" आज सबको ही अन्ना भगवान के दूत ही नज़र आ रहे हैं अब बस उन्हें सफलता मिल जाए ऐसी कामना है उनकी सफलता में ही हमारी सफलता है
जवाब देंहटाएंबेहद भावमई प्रस्तुति
आशा करें कि यह अवतार भ्रष्टाचार के कालिया और कंस का वध करने में सफल हो!! आमीन!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर...जन्माष्टमी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंbahut sunder.
जवाब देंहटाएंहम सब ने जो आशा लगाई है ,फलीभूत हो यही मनाती हूँ .
जवाब देंहटाएंवैसे एक झटके में पूरा काम नहीं हो पाता .रहे-बचे के लिये झटके लगाने और खाने को भी तैयार रहना होगा !
वाह क्या खूब लिखा है आपने और बिल्कुल सटीक कहा है कृष्ण स्वंय नही आते किसी ना किसी रूप मे प्रकट होते हैं आज के दिन की एक बहुत ही सुन्दर और सटीक रचना……………कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंkrishna se tulna karke sarthak kiya hai ye tyohar. vaise ye sangharsh ka samay krishna ke roop ko nihar raha hai kyonki ab ek kans nahin lakhon kans paida ho chuke hain tabhi jan jan anna ban kar hunkar bhar raha hai.
जवाब देंहटाएंbahut sundar.
rah rah kar aaj shayed har bharatwasi ke man me ye vichar uth raha hoga ki ye 'anna' krishnavtar to nahi prakat ho rahe...jo itna jan samooh unke sath hai.
जवाब देंहटाएंbadhiya samsamyik rachna.
sab ko janmaashtmi ki shubhkamnayen.
आज के संदर्भ में कंस से उद्धार पाने के लिए, और एक और महाभारत के लिए श्री कृष्ण ऐसे चरित्र को पढ़ने और गुनने की बहुत आवश्यकता है।
जवाब देंहटाएंइस लिए आपकी इस पोस्ट का महत्व बहुत बढ़ जाता है।
kranti ke liye utha hua har kadam usika hai ........bahut sunder badhai....
जवाब देंहटाएंyuva peedee me jo jagruti aaee hai ab mujhe koi sanshay ya chinta nahee rahee
जवाब देंहटाएंoont kisee karvat baithe
bhavishy ujwal nazar aa raha hai........
samyik aur sarthak lekhan .
aabhar
यथार्थ के धरातल पर रची गयी एक सार्थक प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंaa aur aap ke sabhi dosto ko janam astmi ki hardik shubh kamnate
जवाब देंहटाएंलीक से हटकर देश और समाज के लिए जान तक अर्पण कर देने की सोच को कृष्ण से जोड़ना सार्थक ही है ...
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई और शुभकामनायें !
bahut khoob ...aaj ko varnit karti post...aabhar
जवाब देंहटाएंअन्ना हज़ारे का असली नाम किसन बाबू राव हज़ारे ही है। आपने जिस तरह कृष्ण अवतार कहा है पढ़ कर अच्छा लगा। इश्वर करे आपकी आशाये,उम्मीदे अवश्य पूरी हों। अन्ना जी का नाम इतिहास में अवश्य दोहराया जायेगा।
जवाब देंहटाएंआज के परिप्रेक्ष्य में एक सार्थक रचना...|
जवाब देंहटाएं