मंगलवार, 24 अगस्त 2010

कविता के नए सोपान (भाग-6) काव्‍य चिंतन में नई समीक्षा

काव्‍य चिंतन में नई समीक्षा


कविता के नए सोपान (भाग-6)

पाश्‍चात्‍य काव्‍य चिंतन में नई समीक्षा (न्यू क्रिटिसिज़्म) स्‍कूल के विद्वानों ने काव्‍य लक्षण पर बहस करते हुए यह निष्‍कर्ष दिया कि

“कविता एक शाब्दिक निर्मित है या वर्बल आईकॉन है(Verbal Icon) ”

अर्थात्‌ कविता शब्‍द है और अंत में भी यही बात बचती है कि कविता शब्‍द है। (यहां देखें)

टी.एस.एलियट (यहां देखें) और अई.ए. रिचर्डस (यहां देखें ) इसी न्‍यू क्रिटिसिज्‍म स्कूल से हैं। नई समीक्षा के विचारकों ने काव्‍य-भाषा को आधार बनाकर विचार किया। अर्थात इनकी समीक्षा में “कवि” केंद्र में नहीं है। इनके चिंतन का केंद्र “कविता” है।

इस स्कूल के विचारकों द्वारा कविता का विश्‍लेषण काव्‍य-भाषा के आधार पर हुआ। उसकी कलाकृति की प्रक्रिया पर चिंतन किया गया। उन्‍होंने काव्‍य-भाषा को आधार बनाकर चिंतन किया। इस स्‍कूल में विचारकों का कहना था, “कविता भाषा की संभावित क्षमताओं का संधान है।” इस स्‍कूल का मानना था कि कविता के अर्थ पता लगाने की मूल समस्‍या भाषा की समस्‍या है।

हिंदी आलोचना में न्‍यू क्रिटिसिज्‍म के पुरोधा अज्ञेय ने भी पाश्‍चात्‍य विद्धानों द्वारा दिए गए परिभाषा को बार बार दुहराया कि काव्‍य शब्‍द है। उन्‍होंने कहा कि शब्‍द का संस्‍कार ही कृतिकार को कृती बनाता है।

अज्ञेय द्वारा कही गई बात का अन्‍य विद्वानों ने भी समर्थन दिया। डॉ. रामस्‍वरूप चतुर्वेदी ने “भाषा और संवेदना”, “अज्ञेय : आधुनिक रचना की समस्या” में भी अज्ञेय द्वारा कही गई बात को समर्थन देते हुए कहा कि काव्‍य शब्द है और कविता को काव्‍य भाषा के आधार पर ही परखा जाना चाहिए।

9 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा चिन्तन!

    रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  2. हाँ.... ! यह हुई ना बात.... !! बात-बात में कमाल की बात !!! इतना शास्त्रीय पाठ्य और इतनी सरलता के साथ... मणिकांचन संयोग !!!! धनयवाद !!!!!

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  3. काफ़ी अच्छी जानकारी…………रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  4. आज के कक्षा में फिर ए़क बार पाश्चात्य साहित्य पर गंभीर चर्चा हुई.. यह चर्चा मुझे और पढने के लिए प्रेरित करती है और मेरी निजी पुस्तकलय के कपट खुल रहे हैं.. सुंदर पोस्ट !

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  5. गंभीर चिंतन। ढेर सारी नई जानकारी से अवगत कराने के लिए आभार।

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  6. रक्षा बंधन पर हार्दिक शुभकामनाएँ!!!!!
    अच्छी जानकारी....

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