तासीर नीम की मैंने एक दिन नीम के पेड़ से पूछा कि भाई - तुम कड़वे क्यों हो ? उसने मेरी तरफ़ आश्चर्य से देखा मैं उसकी ओर ही निहार रही थी उसके उत्तर के लिए मैं प्रतीक्षारत थी । मुझे लगा कि उसके सारे अस्तित्व में एक व्याकुलता भर गई है । उसकी पत्ती - पत्ती जैसे व्यथित हो गई है । आकुल हो तब वह बोला - हाँ ! मैं कड़वा हूँ। लेकिन तब ही तो तुम दूसरे तत्वों में मीठे का अहसास कर पाते हो । मैं कितने रोगों की दवा हूँ तभी तो तुम जी पाते हो । ज़रा तुम मेरे फूल -फल और पत्ते खाओ और फिर तुम कहीं का भी पानी लाओ और उसे पी कर बताओ कि वो पानी कैसा है ? शर्त के साथ कहता हूँ कि वो तुमको मीठा ही लगेगा । तो हे मेरे प्रश्नकर्ता ! मैं ख़ुद को कड़वा रखता हूँ लेकिन दूसरे की तासीर मीठी कर देता हूँ। यह सुन मैं सोचती हूँ कि शायद सच भी इसीलिए कड़वा होता है. |
गुरुवार, 19 अगस्त 2010
तासीर नीम की
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
क्या बात है जिंदगी का पूरा फलसफा समझा दिया आपने तो आज
जवाब देंहटाएंशानदार दर्शन सहज शब्दों में
बहुत ही बढ़िया.
क्या बात है जिंदगी का पूरा फलसफा समझा दिया आपने तो आज
जवाब देंहटाएंशानदार दर्शन सहज शब्दों में
बहुत ही बढ़िया.
are waah....... kya sach kaha, neem ne ise bhi mitha ker diya
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी पोस्ट के माध्यम से सच को पेश किया है. प्रभावशाली रचना के लिए बधाई.
जवाब देंहटाएंकडवा हमेशा बुरा ही नहीं होता -अच्छा सन्देश !
जवाब देंहटाएंbehtrren...wah...
जवाब देंहटाएंवैज्ञानिकता से ओत-प्रोत बहुत ही उपयोगी कविता!
जवाब देंहटाएंएक खरे सत्य को उजागर करती आपकी रचना उतनी ही खरी है ! इतनी प्राणवान अभिव्यक्ति के लिये हार्दिक बधाई एवं अभिनन्दन !
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंराष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की शीघ्र उन्नति के लिए आवश्यक है।
अलग सी एक रचना ...शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंFrom: eg
जवाब देंहटाएंगिरिजेश राव जी द्वारा ई-मेल से:_
बहुत बढ़िया। लेकिन सच का कड़वापन आदमी को झूठ की मिठास में रमा दे तो मामला गड़बड़ा जाएगा।
बेहद सुन्दर दर्शन्…………………सारी ज़िन्दगी का सार आ गया।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना... ज़िन्दगी के सत्व का निचोड़ दर्शाती हुई.
जवाब देंहटाएंकडवा सच ऐसाही होता है!....जो फायदेमंद होते हुए भी नाकारा जाता है!....सार्थक रचना!
जवाब देंहटाएंBahut hi badiya.
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया रचना !!
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे भाव लिए अति सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंशानदार, बहुत ही बढ़िया!
जवाब देंहटाएंये सन्देश देती कविता बेहतरीन है..
जवाब देंहटाएंकविता के माध्यम से बहुत अच्छी बात कही गयी है, आभार.
जवाब देंहटाएंसच है जीवन में भी तकलीफ़ों के बाद सुख का गहरा एहसास होता है ....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता!
जवाब देंहटाएं