शुक्रवार, 8 अक्तूबर 2010

मशीन अनुवाद का विस्तार

मशीन अनुवाद का विस्तार

श्रीमती रेखा श्रीवास्तव

             मशीन अनुवाद की प्रक्रिया जटिल ज़रूर है लेकिन उपयोग करने वाले के लिए बहुत ही सहज है. अगर हम आलोचना करने पर उतार आयें तो फिर हर चीज़ कि आलोचना की जा सकती है क्योंकि पूर्ण तो एक मनुष्य भी नहीं होता है फिर मशीन कि क्या बात करें? ये  मनुष्य  ही है जो अपने कार्य को त्वरित करने के लिए मशीन को इनता अधिक सक्षम बना रहा है. आज मैं इसके द्वारा किये जाने वाले और भी पक्ष को प्रस्तुत करने की कोशिश कर रही हूँ.

                       साधारण क्रिया को भी अगर हम लें तो हमें एक अंग्रेजी क्रिया के लिए हिंदी में कई क्रियाएं मिल  जाती  हैं   और फिर मशीन के लिए यह आवश्यक   हो  जाता  है कि  उसको  कैसे  अनुवाद करे ?

इसके लिए हम "boil " क्रिया को ले  सकते  हैं . अंग्रेजी की इस  क्रिया का  हिंदी में " उबल  " और "उबाल " दोनों  ही अर्थ  होते  हैं . जिसमें  से " उबल"  अकर्मक  क्रिया है और "उबाल"  सकर्मक . आम  अनुमान  के हिसाब  से  तो मशीन को इसके लिए कोई  भी अंतर  नहीं करना  चाहिए  क्योंकि वह  इस  बात को समझ  ही नहीं सकती  है और अगर हम उसको  अनुवाद के लिए निम्न  वाक्य  देते  हैं  --

*milk is boiling.                    दूध उबल  रहा है.

*Ram is boiling the water.     राम पानी उबाल रहा है.

                      तब  उनका  अनुवाद सही  ही आएगा  क्योंकि मशीन इस  बात  से  वाकिफ है कि उसको  किस  के लिए क्या अनुवाद लाना  है?

इसको और अधिक स्पष्ट   करने के उद्देश्य  से  हम क्रिया रूप  को भी ले  सकते   हैं  जिसके  दो  और उससे  भी अधिक अर्थ  हो  सकते  हैं  और वे  आपस  में किसी  भी तरह  से  मिलते  भी नहीं हैं .

"put on " इस क्रिया रूप  के कई अर्थ  हिंदी में होते  हैं  .

1. रखना.                Put this book on the table.    यह  किताब  मेज  पर  रखिये .

2 पहनना He put on the blue shirt.  वह  नीली  शर्ट  पहनता  है / उसने  नीली  शर्ट  पहनी .

3. लगाना.   She put the cream on her face. वह  चेहरे  पर  क्रीम  लगाती  है / उसने  चेहरे  पर  क्रीम  लगाईं .

4. चालू करना         Put on the TV.                 टीवी  चालू  करिए .

5. जलाना              Put on the tubelight.         ट्यूबलाईट  जलाइए .

इसमें हम विभिन्न वाक्यों के अनुवाद को अगर देखते हैं तो एक ही क्रिया  रूप उसको किस तरह से विभिन्न अर्थों को लेकर अनुवाद दे रहा है. अगर हम इसके लिए एक वाक्य देते हैं और उसके दो अनुवाद हमें मिल रहे हैं जैसे कि वाक्य संख्या २ एवं ३ में. इसके लिए कहना  है कि इस अंग्रेजी क्रिया के रूप काल के अनुसार बदलते नहीं है बल्कि एक ही रहते हैं तो इसके दोनों ही अनुवाद आवश्यक हैं. मशीन को किन वाक्यों में कौन सा अर्थ लेना है -- इसके लिए क्रिया में प्रयोग हो रहे संज्ञा को भी श्रेणीबद्ध करके रखा जाता है कि उसको किस क्रिया के साथ कौन सी श्रेणी कि संज्ञा मिलती है तो उसको उससे सम्बंधित अर्थ उठा कर ही अनुवाद प्रस्तुत करना है. अगर TV या रेडियो है तो उसको वह चालू करना ही लाएगा और अगर ये बल्ब या ट्यूब लाईट  है तो उसको जलाना ही लाएगा. ये मशीन अनुवाद की बारीकियां समझाने के लिए उसके आतंरिक क्रिया कलाप को समझना भी अत्यंत आवश्यक है. इस पर हम चर्चा अगले अंकों में करेंगे।

13 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छी प्रस्तुति। नवरात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं!

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  2. बहुत अच्छी जनकारी प्रप्त हुई। आपका यह सद्प्रयास राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में काफ़ी महत्वपूर्ण है। आभार।

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  3. विषय और प्रस्तुतिकरण दोनों ही बहुत अच्छे ....

    अच्छी ज्ञान वर्धक पोस्ट

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  4. हिन्दी भाषा के प्रचार एवं प्रसार में आपके इस प्रयास की सराहना करता हूँ!
    --
    आपने बहुत ही ज्ञानवर्धक पोस्ट लगाई है!

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  5. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
    आपको नवरात्र की ढेर सारी शुभकामनाएं!

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  6. वास्तव में मशीन अब मनुष्य का विस्तार हो गया है.. इसलिए अनुवाद असंभव नहीं.. बस प्रोग्रामिंग के समय उसे अधिक से अधिक विकल्प देना होगा.. मशीनी अनुवाद की सफलता वास्तव में सॉफ्टवेर तैयार करते समय अनुवादक और भाषाविज्ञानी के ज्ञान पर निर्भर करता है..

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  7. देखते हैं,मशीन किस हद तक साथ दे पाती है।

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  8. नवरात्री की हार्दिक शुभ-कामनाएं!...सुंदर आलेख!

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  9. अच्छी जानकारी । हिंदी के विस्तार प्रचार में यह काफी सहायक होगी । मशीन को समय तो लगता है पर एक बार परफेक्ट हो जाये तो तेजी में तो मानव को बहुत पीछे छोड देती है ।

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