जन्म --- 1398
निधन --- 1518
दुर्बल को न सताइए, जाकि मोटी हाय ।
बिना जीव की हाय से, लोहा भस्म हो जाय ॥ 31 ॥
दान दिए धन ना घते, नदी ने घटे नीर ।
अपनी आँखों देख लो, यों क्या कहे कबीर ॥ 32 ॥
अपनी आँखों देख लो, यों क्या कहे कबीर ॥ 32 ॥
दस द्वारे का पिंजरा, तामे पंछी का कौन ।
रहे को अचरज है, गए अचम्भा कौन ॥ 33 ॥
रहे को अचरज है, गए अचम्भा कौन ॥ 33 ॥
ऐसी वाणी बोलिए , मन का आपा खोय ।
औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होय ॥ 34 ॥
औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होय ॥ 34 ॥
हीरा वहाँ न खोलिये, जहाँ कुंजड़ों की हाट ।
बांधो चुप की पोटरी, लागहु अपनी बाट ॥ 35 ॥
बांधो चुप की पोटरी, लागहु अपनी बाट ॥ 35 ॥
कुटिल वचन सबसे बुरा, जारि कर तन हार ।
साधु वचन जल रूप, बरसे अमृत धार ॥ 36 ॥
साधु वचन जल रूप, बरसे अमृत धार ॥ 36 ॥
जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होय ।
यह आपा तो ड़ाल दे, दया करे सब कोय ॥ 37 ॥
यह आपा तो ड़ाल दे, दया करे सब कोय ॥ 37 ॥
मैं रोऊँ जब जगत को, मोको रोवे न होय ।
मोको रोबे सोचना, जो शब्द बोय की होय ॥ 38 ॥
मोको रोबे सोचना, जो शब्द बोय की होय ॥ 38 ॥
सोवा साधु जगाइए, करे नाम का जाप ।
यह तीनों सोते भले, साकित सिंह और साँप ॥ 39 ॥
यह तीनों सोते भले, साकित सिंह और साँप ॥ 39 ॥
अवगुन कहूँ शराब का, आपा अहमक साथ ।
मानुष से पशुआ करे दाय, गाँठ से खात ॥ 40 ॥
मानुष से पशुआ करे दाय, गाँठ से खात ॥ 40 ॥
क्रमश:
सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंनवसंवत्सर की शुभकामनायें ।।
दुर्बल को न सताइए, जाकि मोटी हाय ।
जवाब देंहटाएंबिना जीव की हाय से, लोहा भस्म हो जाय ॥ 31 ॥
bahut achche nd anmol vachan padhwane ke liye dhanyavad sangeeta jee .
बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंइंडिया दर्पण की ओर से शुभकामनाएँ।
बहुत बढ़िया दोहे...सुन्दर संकलन!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया दोहे...सुन्दर संकलन!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर दोहे …………प्रेरणास्पद्।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति| नवसंवत्सर २०६९ की हार्दिक शुभकामनाएँ|
जवाब देंहटाएंहीरा वहाँ न खोलिये, जहाँ कुंजड़ों की हाट ।
जवाब देंहटाएंबांधो चुप की पोटरी, लागहु अपनी बाट ॥
गज़ब की बात.
सादर आभार।
जवाब देंहटाएंनवसंवत्सर की अनंत शुभकामनायें।
दस द्वारे का पिंजरा, तामे पंछी का कौन ।
जवाब देंहटाएंरहे को अचरज है, गए अचम्भा कौन ॥
एक से एक ज्ञान की बातें!
कबीर के अनमोल दोहे ,बहुत सुंदर ....,
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