सोमवार, 10 अक्टूबर 2011

विरासत

विरासत

संगीता स्वरुप ( गीत )

ज़िन्दगी के हर मोड़ पर
मुझे मात मिली
तुम एक और मात दे दोगे
तो कोई बात नही ।

दिल का सागर भरा है
गम की लहरों से
तुम एक और लहर मिला दोगे
तो कोई बात नही।

धूल का गुबार ही
मेरी किस्मत में लिखा है
खुशियों के पीछे तुम भी
उसमें एक ज़र्रा मिला दोगे
तो कोई बात नही।

प्यासा दिल पानी की चाह में
न जाने कहाँ कहाँ भटक गया
तुम भी पानी दे कर छीन लोगे
तो कोई बात नही ।

हालत के हाथों मैं अक्सर
हो जाती हूँ मजबूर
तुम और मजबूर बना दोगे
तो कोई बात नही |

मेरी ज़िन्दगी की किरणों में
कहीं कोई चमक बाकी थी
तुम उसको भी छीन लोगे
तो कोई बात नही ।

इस उजाड़ , वीरान सी ज़िन्दगी से
क्या शिकवा ?
तुम नेह का बादल हटा दोगे
तो कोई बात नही।

बस बात है तो केवल इतनी कि
गर हो मेरी ज़िन्दगी में
कोई चाहत , तम्मनाएं औ खुशी
वो सब तुझे मेरी विरासत में मिलें
ज़िन्दगी की इस कठोर धरती पर
तेरे लिए खुशी का हर फूल खिले .

10 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेम में समर्पित भाव से लिखी कविता. आशा है स्वस्थ हो रही होंगी तेज़ी से.

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  2. तुम भी पानी दे कर छीन लोगे
    तो कोई बात नही । हालत के हाथों मैं अक्सर
    हो जाती हूँ मजबूर
    तुम और मजबूर बना दोगे
    समपर्ण की भावना में लिपटी हुई रचना . बधाई

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  3. जिंदगी की कठोर धरती पर खुशियों के फूलों के खिलने की आपकी शुभकामना दिल को छू गयी . अच्छी कविता. अच्छा प्रस्तुतिकरण. आभार .

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  4. कष्ट में व्यक्त होते मनोभावों का चित्रण . आशा है आप को स्वास्थ्य लाभ तेजी से हो रहा है

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  5. उफ़ क्या चाहत है …………क्या विरासत है…………प्रेम हो तो ऐसा…………समर्पण के भावो से लबरेज़ कविता।

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  6. जब कर दिया समर्पित तो किसी भी बात में कोई बात नहीं.
    बेहद भावपूर्ण .

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    जगजीत सिंह आधुनिक गजल गायन की अग्रणी है.एक ऐसा बेहतरीन कलाकार जिसने ग़ज़ल गायकी के सारे अंदाज़ बदल दिए ग़ज़ल को जन जन तक पहुचाया, ऐसा महान गायक आज हमारे बिच नहीं रहा,
    उनके बारे में और अधिक पढ़ें : जगजीत सिंह

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